रूस को क्यों है भारत की जरूरत?
16 April 2024
टेस्ला की कारों के लिए सेमीकंडक्टर चिप बनाएगी टाटा।
16 April 2024
रवीश कुमार यदि पत्रकार न होकर भारतीय हॉकी टीम/ फुटबॉल टीम में होते, तो टीम को कभी भी अच्छे डिफेंडर की कमी नहीं होती। अब आप भी सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? दरअसल, वो अपने आकाओं का बचाव ही ऐसे करते हैं, जिससे सबकुछ यूं ...
अटेन्शन गजब बीमारी है भैया। इसे पाने के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं, चाहे वो इसके योग्य हो या न हो। किसी समय यूपीए सरकार के ‘तारणहार’ माने जाने वाले एनडीटीवी की प्रासंगिकता अब लगभग खत्म हो चुकी है। सरकार तो छोड़िए, जनता में भी कोई ...
रवीश कुमार यदि पत्रकार न होकर भारतीय हॉकी टीम / फुटबॉल टीम में होते तो टीम को कभी भी अच्छे डिफेंडर की कमी ही नहीं होती। वे अपने आकाओं का बचाव ही ऐसे करते हैं। जब से केरल पर बकरीद के नाम पर ढिलाइ बरतने और स्थिति को बद से ...
हाल ही में 21 जून को केंद्र सरकार ने अपने टीकाकरण अभियान के अंतर्गत टीकाकरण का भार अपने ऊपर लेने का निर्णय लिया। ये अपने आप में एक अभूतपूर्व निर्णय है, जिसके परिणाम कल ही दिख गए। एक ही दिन में रिकॉर्ड 85 लाख लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित हुआ, जो ...
आजतक के वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना का शुक्रवार को हृदयघात से निधन हो गया। वे कोरोना से भी लड़ रहे थे और नॉएडा के एक अस्पताल में भर्ती थे। जब से उनके असामयिक निधन की खबर आई, राजनीतिक गलियारे से लेकर आम आदमी तक सभी ने शोक संवेदना व्यक्त की।हालाँकि ...
कहते हैं, जो होता है, अच्छे के लिए होता है। द वायर की स्टार पत्रकार रोहिणी सिंह ने कल रात बताया कि क्लबहाउस एप पर एक चैट होने वाली है, जिसमें कुछ चुनिंदा हस्ती आमंत्रित है। पहले लोगों को समझ में नहीं आया। लेकिन आज सुबह जब उसी एप पर ...
हमारे मोहल्ले में भिन्न भिन्न प्रकार के लोग होते है। इनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं, जिन्होंने जीवन में कोई विशेष उपलब्धि न प्राप्त की हो, परंतु जताते ऐसा हैं, मानो इनसे ज्ञानवान कोई संसार में है ही नहीं। ऐसे ही एक महापुरुष हैं अपने मैग्सेसे पुरस्कार विजेता रवीश ...
बहुत कम ऐसा होता है कि बेशर्मी से सफेद झूठ बोलने वालों को अपनी गलती स्वीकारने पर विवश होना पड़े। लेकिन रवीश कुमार के मामले में ऐसा ही हुआ है। हाल ही में कृषि कानून के मामले में रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के एक ट्वीट पर भ्रामक अफवाहें ...
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर सभी पत्रकार अपने-अपने तरीके से अपने विश्लेषण कर रहे हैं, लेकिन अगर किसी ने सही विश्लेषण किया है तो वो केवल मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता और एनडीटीवी के लिए काम करने वाले रवीश कुमार पांडे हैं। रवीश जो जातीय समीकरण के चलते अपने नाम ...
बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में हैं और सभी पार्टियां अपने अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने का काम निपटा रही हैं। इसी बीच कांग्रेस ने भी तीसरे चरण के चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। इस घोषणा में खास बात यह थी कि पत्रकारिता ...
इटली में मेजिनी नाम का राष्ट्रवाद की विचारधारा का एक प्रमुख विचारक था। उसने एक बात कही थी कि हर देश की नियति का निर्माण उसके नागरिक करते हैं, और नागरिक वो नहीं होता जो सिर्फ अधिकारों की बात करे, बल्कि वो होता है जिसे अपने कर्त्तव्य का भी पता ...
कल्पना कीजिये कि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो एक समुदाय को बचाने के लिए जमाने से लड़ने को तैयार हैं। आप उस समुदाय की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकते हैं, यहाँ तक कि एक युवक के जीवन को भी बर्बाद करने को तैयार हैं। परंतु क्या हो ...