'स्वर्ण पदक ' के लिए खोज परिणाम

उम्र 36 साल, 3 बच्चों की मां और वर्ल्ड चैंपियनशीप में 8 पदक, दुनिया की सबसे सफल महिला बॉक्सर मैरी कॉम

एमसी मैरी कॉम ने रचा इतिहास उम्र 36 साल, 3 बच्चों की मां, उनके सामने रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता इंग्रीट वेलेन्सिया, फिर भी एमसी मैरी कॉम ने हार नहीं माना और रच दिया एक ऐसा इतिहास जिसे ...

इस्लामी कट्टरपंथ, मार्क्सवाद, Wokeism… डोनाल्ड ट्रम्प को क्यों ‘अपना’ मानते हैं भारत के लोग, यूँ ही नहीं मना रहे जीत का जश्न

डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद भारत का शेयर मार्केट भी उछाल भर रहा है। भारतीय समाज कुछ इस तरह से जश्न मना रहा है, जैसे ये उसके लिए व्यक्तिगत जीत हो। इस दौरान कई तत्व सोशल मीडिया पर ...

Chandu Champion: सुशांत सिंह राजपूत का अधूरा स्वप्न पूरा करेंगे कार्तिक आर्यन!

सुशांत सिंह राजपूत की दुखद मृत्यु से भारतीय फिल्म उद्योग, विशेषकर बॉलीवुड ने बहुत कुछ खोया है! उनके असामयिक निधन के साथ ही, उनकी कुछ महत्वाकांक्षी परियोजनाएँ, जिनमें उनके उथल-पुथल भरे करियर को नया आकार देने की क्षमता थी, ...

केरल: देश का सबसे साक्षर राज्य होकर भी एथलीटों के लिए नर्क!

यदि आप एक उभरते एथलीट हैं, और देश के लिए कुछ नाम कमाना चाहते हैं, तो भूलके भी केरल की ओर न देखें! भारत में सबसे अधिक साक्षर राज्य होने के बावजूद, केरल में अपने चैंपियनों के लिए कोई ...

कर्णम मल्लेश्वरी: भारत की ऐसी नायिका जिसे अब भी उनका उचित सम्मान नहीं मिला

हमारे देशों में कथाओं और प्रेरणाओं की शायद ही कोई कमी रही होगी। एक ढूंढें, हज़ार मिलेंगे, और खेल जगत भी इसका अपवाद नहीं है। विगत एक दशक में कई खिलाडियों के उपलब्धियों को सिल्वर स्क्रीन से लेकर पुस्तकों ...

किस्से एशियाई खेलों के: जब 2014 में भारतीय हॉकी का पुनः उदय हुआ

2014 में इंचियोन में आयोजित एशियाई खेल सदैव भारतीय प्रशंसकों के ह्रदय में अंकित रहेगा। यह एक महत्वपूर्ण अवसर था जिसने हमारे देश को गौरव और गौरव दिलाया, विशेषकर फील्ड हॉकी में। आइए 2014 की ओर यात्रा करें जब ...

किस्से एशियाई खेलों के: जब बैंकॉक ने भारत का पुनरुत्थान देखा! 

ऐसे तो खेलों में भारत बहुत अधिक उत्कृष्ट नहीं रहा है। 1990 के दशक के प्रारम्भ तक क्रिकेट और कुछ हद तक हॉकी को छोड़कर भारत को कोई गंभीरता से लेता भी नहीं था । लेकिन 1998 में बैंकॉक ...

किस्से एशियाई खेलों के : जब कबड्डी ने बचाया भारत का सम्मान!

ओलंपिक की तुलना में एशियाई खेल भारत के लिए आसान एवं सुखद रहे हैं। 1951 में अपने पदार्पण के बाद से वे लगभग हर संस्करण में चमके हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब 1988 में सियोल ओलंपिक ...

कहां हैं हिमा दास?

2018 में असम के ढिंग जिले से एक युवा एथलीट ने सबका ध्यान आकृष्ट किया। इनका नाम था हिमा दास, और इन्होने जूनियर विश्व चैम्पियन की उपलब्धि प्राप्त की. कई लोग इनकी तुलना पीटी उषा से करने लगे, और ...

सूबेदार नीरज चोपड़ा ने फिर रचा इतिहास, बने विश्व एथलेटिक चैम्पियन

World Athletics Championships: देर रात तक जगना कोई अच्छी बात नहीं होती, परन्तु २७ अगस्त की रात कुछ लोगों के लिए ये वरदान सिद्ध हुआ. उन्होंने अपने समक्ष एक नए विश्व चैम्पियन को उभरते देखा, जिसके लिए निरंतरता उनकी ...

स्पोर्ट्स जगत के वो ११ क्षण, जिन्होंने हर खिलाडी को लज्जित किया!

खेलों को लंबे समय से प्रेरित करने, एकजुट करने और मानवीय उपलब्धि के शिखर को प्रदर्शित करने की उनकी क्षमता के लिए मनाया जाता रहा है। फिर भी, गौरव और विजय के बीच, ऐसे क्षण आए हैं जिन्होंने खेल ...

भारतीय खेलों के वह ७ अभूतपूर्व क्षण, जिन्होंने देश का भाग्य बदल दिया!

गए वो दिन, जब ताने लगते थे, "पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे, बनोगे ख़राब!" आज खेल केवल शौक तक सीमित नहीं है, ये अभूतपूर्व उपलब्धियों का वो मंच है, जहाँ अनेक भारतीय अपना भाग्य आजमाने को लालायित हैं. ...

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