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दशकों बाद महिला आरक्षण विधेयक संसद से पारित!

Women's Reservation Bill: दशकों के विचार-विमर्श के बाद, महिला आरक्षण विधेयक आखिरकार संसद के दोनों सदनों में पारित हो गया है, जो भारतीय राजनीति में लैंगिक समानता के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम ...

The Damoh School Controversy: शिवराज सिंह चौहान फुल एक्शन मोड में!

हाल ही में, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दमोह जिले के एक स्कूल में हुई एक भयावह घटना के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया है, जो स्पष्ट रूप से न्याय, धर्मनिरपेक्षता और सांस्कृतिक सद्भाव के प्रति उनकी सरकार की प्रतिबद्धता ...

कर्नाटक का “GOT” कांग्रेस को ही पड़ेगा भारी!

किसी ने सही ही कहा था, “सत्य कल्पना से परे हैं”। अपनी राजनीतिक जटिलता के लिए चर्चित कर्नाटक, जो, एक बार फिर एक बड़े दाँवपेंच का साक्षी बनेगा, जिसके कांग्रेस पार्टी के लिए दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। स्थानीय ...

अकबर का हिन्दू प्रेम : सत्य बनाम मिथ्या!

अकबर को महान क्यों बताया जाता है? क्योंकि वामपंथी इतिहासकारों के अनुसार, वे सेक्युलर थे, उन्होंने कई राज्यों के साथ मित्रता की, कई हिन्दू राजकुमारियों को अपने घर का हिस्सा बनाया। परंतु जब आज के युग में अतीक अहमद ...

“सोमनाथ मंदिर को तोड़कर गजनवी ने कुछ गलत नहीं किया”, ऐसे बयानों को आप जानते हैं लेकिन ये क्यों दिए जाते हैं यह जान लीजिए

मौलाना साजिद रशीदी: भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। यहां हर कोई अपने अनुसार रह सकता हैं, जो चाहे बोल सकता हैं। परंतु इसी स्वतंत्रता का कुछ लोगों के द्वारा गलत लाभ उठाया जाता है। कुछ लोग कुछ भी ...

भारत की अदालतें बलात्कारियों के प्रति इतनी दयालु क्यों हैं?

एक तरफ जहां रेप यानी दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति के प्रति लोगों के मन में आक्रोश भर जाता है वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे मामले सामने आते हैं जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि- क्या देश के न्यायालय ...

हिंदू त्योहारों पर वामपंथियों के नैरेटिव की निकली हवा, तो अब ‘धुंध-धुंध’ चिल्लाने लगे

आखिरकार दिवाली पर वही हुआ, जिसकी उम्मीद थी। दिवाली पर दिल्ली में लोगों ने जमकर पटाखे चलाए। पटाखे तो प्रत्येक वर्ष लोग चलाते ही हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा रखा है। ...

औरंगजेब ने जो फिल्म दिखाई उसकी ‘स्क्रिप्ट’ तो अकबर ने तैयार की थी, वो ‘महान’ नहीं ‘क्रूर’ था!

आपको क्या लगता है, मुगलों में सबसे दुष्ट, सबसे अत्याचारी कौन था? बादशाह आलमगीर यानी औरंगज़ेब? निस्संदेह आपका उत्तर यही होगा और स्वाभाविक भी है क्योंकि कर्म ही ऐसे हैं उसके, परंतु ये आधा सत्य है। तो क्या बाबर? ...

कर्नाटक: देवेगौड़ा के गढ़ पर चढ़ाई करने जा रहे हैं योगी आदित्यनाथ

'रक्तांचल' में एक बड़ा ही चर्चित संवाद है, “दंगल के नियम कितने भी बदल जाए लेकिन आज भी दंगल दांव से जीते जाते हैं!” यह बात राजनीति में भी शत प्रतिशत लागू होती है, जहां हर एक सीट, चाहे ...

हिंदू पत्नियां सलाहकार और मार्गदर्शिका होती थीं फिर ‘मुगल’ आ गए

कार्येषु मन्त्री करणेषु दासी भोज्येषु माता शयनेषु रम्भा। धर्मानुकूला क्षमया धरित्री भार्या च षाड्गुण्यवतीह दुर्लभा।। अर्थात कार्य के संदर्भ में मंत्री, गृहकार्य में दासी, भोजन प्रदान करने वाली मां, रति के संदर्भ में रंभा, धर्म में सनुकुल और क्षमा ...

सभी संवैधानिक पीठ की सुनवाई की अब होगी लाइव स्ट्रीमिंग

कहते हैं कि किसी भी सभ्य समाज का आधार उसकी न्याय प्रणाली होती हैं। यदि न्याय प्रणाली कुशलता के साथ कार्य करती है तो समाज का भी भला होता है। भारतीय समाज प्रारंभ से सभ्य समाज के श्रेणी में ...

Woke वायरस से भाजपा हुई संक्रमित, कहीं चुनाव में भुगतना न पड़ जाए

देखो बंधुओं, इसमें कोई दो राय नहीं है कि दक्षिण भारत की राजनीति में कर्नाटक को भाजपा की सबसे बड़ी और सशक्त प्रयोगशाला माना जाता रहा है। पिछले दो दशकों में पार्टी ने यहां मजबूत पकड़ बनायी है। इसका ...

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