'मोहनदास करमचंद गांधी' के लिए खोज परिणाम

मोदी सरकार ने किया नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद, दिया वो सम्मान जिसके वो हकदार हैं

“सुभाष जी, सुभाष जी, वो जान ए हिन्द आ गए, है नाज़ जिस पे हिन्द को, वो शान ए हिन्द आ गए” ये गीत आज की वास्तविकता है, क्योंकि जिस व्यक्ति को केवल कुछ वाद विवाद प्रतियोगिता और कुछ ...

भारतीय स्वतंत्रता की वास्तविक कहानी-अध्याय 5: द्विराष्ट्र सिद्धांत का असली गुनहगार

क्या आप जानते हैं? कौन थे द्विराष्ट्र सिद्धांत के प्रथम प्रतिपादक और सूत्रधार अल्लामा इकबाल या वीर सावरकर कट्टर मुस्लिम अल्लामा इकबाल को क्यों भारत में एक नायक के रूप में स्थापित करने का स्पष्ट प्रयास किया गया जब ...

भारत की स्वतंत्रता की वास्तविक कहानी- अध्याय 4: दांडी मार्च का अनसुना सत्य, जिसे आप नहीं जानते

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनेक महत्वपूर्ण अध्याय हैं, लेकिन उनमें सबसे प्रमुख अध्याय निस्संदेह दांडी यात्रा (12 मार्च 1930 – 6 अप्रैल 1930) का है। आज भी कई वामपंथी इतिहासकार मोहनदास करमचंद गांधी की तारीफ करते नहीं थकते ...

भारत की स्वतंत्रता की वास्तविक कहानी- अध्याय 3: क्यों और कब कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज को अपने मूल सिद्धांत के रूप में अपनाया?

आजकल के हमारे युवाओं से अगर कोई पूछे कि लोकतंत्र क्या है, तो 'टप्प-से' उनके मुख से अब्राहम लिंकन की "...of the people, by the people, For the people" वाली परिभाषा की अमृतवाणी झड़ने लगती है। परंतु अगर इसी ...

भारत की स्वतंत्रता की असल गाथा: अध्याय-1- कांग्रेस की स्थापना क्यों की गई थी?

कांग्रेस की स्थापना क्यों की गई थी? “तुझे पता भी है हमारे बाप दादाओं ने कितनी कुर्बानियाँ दी है?” “अरे तू क्या समझेगा स्वतंत्रता का मोल, अंग्रेज़ों के जूटने चाटने वाले RSS का एजेंट!” “सावरकर ने कौन सा योगदान ...

PM मोदी के साथ जो हुआ वो ‘चूक’ नहीं, ‘हत्या का प्रयास’ था

मोहनदास करमचंद गांधी, बलवंत राय मेहता, केबी सहाय, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, कृष्णानंद राय,प्रमोद महाजन में क्या सामान्य बात है? भारतीय राजनीति के यह वो चेहरे हैं, जिनकी हत्या की गई। एक नाम जो बाहर है, वह लालबहादुर शास्त्री ...

असम की हिमंता सरकार ने पशु तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है

इसी साल असम और मिज़ोरम के बीच खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें 5 सुरक्षाकर्मियों की शहादत हुई थी। कारण था गोकशी और गोतस्करी। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उसी समय मिज़ोरम से बांग्लादेश और म्यांमार से आए ...

पेश हैं देश के ‘सबसे घटिया’ गृह मंत्रियों की सूची

इस देश को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष शीघ्र ही होने वाले हैं। जहां एक तरफ सरदार वल्लभभाई पटेल, लालबहादुर शास्त्री, शंकर राव चव्हाण, ज्ञानी ज़ैल सिंह और राजनाथ सिंह जैसे प्रख्यात और ओजस्वी नेताओं ने गृह मंत्रालय की शोभा ...

आखिर क्यों बिपिन चंद्र पाल को भारतीय इतिहास के एक कोने में सिमटा दिया गया?

किसी व्यक्ति ने सही ही कहा था, ‘बदलाव तभी सार्थक है, जब आप उस बदलाव का हिस्सा बने!’ कुछ लोग बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं, पर उन्हें आत्मसात करने में सांप सूंघ जाता है। लेकिन स्वाधीनता आंदोलन में एक ...

लाला लाजपत राय: वो वीर पुरुष जिनके बलिदान ने स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा ही बदल दी!

जो नहीं होना चाहिए था, वो हो गया। सबकी आंखों के समक्ष उनके प्रिय नेता पर कुछ नीच, निकृष्ट अंग्रेज़ और उनके चाटुकार एक के बाद लाठी बरसाते रहे, लेकिन रक्त से लथपथ वह वीर अपने मार्ग पर अडिग ...

आंध्र प्रदेश के गुंटूर में स्थित ‘जिन्ना टावर’ को ध्वस्त करना अवश्यंभावी है

'जिन्ना टावर' गुंटूर : विश्वास करिए, वो तो सनातन संस्कृति के शौर्य और संस्कार हैं, जिन्होंने आपके अंदर मानवता के उच्च आदर्शों और अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम को जिंदा रखा। वरना इस समस्त विश्व में ऐसी कोई कौम, ...

जो भारत भूमि में पुनर्जन्म मांगे, ऐसे अशफाकुल्लाह अब कहाँ मिलेंगे?

“कभी वो दिन भी आएगा कि जब हम आज़ाद होंगे, ये ज़मीन अपनी होगी, ये आसमाँ अपना होगा, शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का, बाकी यही निशा होगा!” कुछ ऐसी ही पंक्तियों ...

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