'वीर सावरकर' के लिए खोज परिणाम

सत्यम् शिवम् सुन्दरम् के साथ वापसी कर रहा है पुराना दूरदर्शन, ‘स्वराज’ उसी का संकेत है

दूरदर्शन की आगामी सीरीज स्वराज का प्रोमो रिलीज हो चुका है और उसे देखने के बाद यह प्रतीत हो रहा है कि इसी दिन के लिए तरस गए थे हमारे देशवासी. एक तरफ कंटेंट के नाम पर निरंतर वोक ...

RRR में गांधी और नेहरू को भाव न देने के पीछे एक बहुत महत्वपूर्ण कारण है

RRR फिल्म में भारत के स्वतंत्रता संग्राम को चित्रित करते हुए गांधी और नेहरू से ऊपर सरदार पटेल की भूमिका को दिखाया गया जिसे लेकर लिबरलों ने जमकर बवाल मचाया था। इस पर कई तरह के सवाल भी उठे ...

कन्हैया लाल तेली की क्रूरतम हत्या की जिम्मेदार है राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार

कन्हैयालाल। ये नाम अब कई दिनों तक हमारे अंतर्मन को कचोटता रहेगा। परंतु उससे भी कहीं अधिक ये बात हमारे हृदय को सताएगी कि इस व्यक्ति को बचाया जा सकता था। जो इसके साथ हुआ, वह रोका जा सकता ...

‘इतिहास में केवल मुगलों का महिमामंडन, अब हमें इतिहास लिखने से कौन रोक सकता है?’

भारत के गौरवशाली अतीत को इतिहास के पन्नों में पहले तो जगह ही नहीं मिली, अगर किसी जुनूनी भारतीय ने इसकी कोशिश भी की तो उसे सजा दी गई। उन पन्नों को जला दिया गया या फिर पूरी किताब ...

स्थापना दिवस: एक उपनिवेश से एक भारतीय राज्य तक गोवा की यात्रा

गोवा हर साल 30 मई को अपना स्थापना दिवस मनाता है क्योंकि 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। भारत की आजादी के 14 साल बाद भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा। 19 ...

प्रिय उदारवादियों, कम से कम अपने ‘आदरणीय बापू’ की बात तो सुन लो

किसी महापुरुष ने एक समय कहा था, “बेटे, जो मस्जिदें मंदिर तोड़कर बनायी गयी हैं, वे गुलामी की निशानी हैं”। इस पर हमारे लिबरल तुरंत ज्ञान देने लगेंगे। लेकिन अगर ये बात महात्मा गांधी ने कही हो, तो? इस ...

पेरियार को हटवा दिए कर्नाटक की पुस्तकों से, अच्छा बात नहीं है!

कभी कभी आवश्यकता से अधिक अच्छाई भी अच्छी नहीं होती और कर्नाटक के परिप्रेक्ष्य में कुछ ऐसा ही सिद्ध हो रहा है। हाल ही में कर्नाटक ने 10वीं के पुस्तकों से ई वी पेरियार नाइकर नामक एक व्यक्ति के ...

अगर The Kashmir Files ने लिबरल्स को घाव दिए, तो RRR उस पर खूब नमक रगड़ रही है

बेचारे वामपंथियों के लिए तो मार्च का महीना किसी प्रलय से कम नहीं रहा है। अभी महीना खत्म होने में दो दिन शेष है,और वामपंथियों को राजनीति से लेकर सिनेमा के क्षेत्र तक इतने झटके लगे हैं कि उनकी ...

भारतीय सिनेमा में चल पड़ी है राष्ट्रीयता की एक नई लहर, पर्दे पर जल्द दिखेंगे ये रियल हीरो

यदि आपको लगता है कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर ही कथा खत्म हो जाएगी, तो रुकिए, ये तो मात्र प्रारंभ ही है। अभी सूची बड़ी लंबी है और ऐसा प्रतीत होता है कि भारतीय सिनेमा उद्योग में राष्ट्रीयता ...

आखिर लता मंगेशकर से इतना नफरत क्यों करते थे लिबरल्स?

देश में अपनी गायकी से अमिट छाप छोड़ने वाली लता मंगेशकर के देहावसान ने इस क्षेत्र में एक रिक्त स्थान छोड़ दिया है। उनके निधन से पूरा राष्ट्र शोकाकुल है। लोग सोशल मीडिया के जरिए उन्हें याद कर रहे ...

‘सुर साम्राज्ञी’ लता मंगेशकर- जिन्होंने अपने बुनियादी मूल्यों से कभी भी समझौता नहीं किया

दुर्भाग्य है हमारा कि अब हमें लता मंगेशकर का मधुर स्वर फिर कभी सुनने को नहीं मिलेगा. जिनके मिश्री सी मधुर ध्वनि से पूरा देश आह्लादित हो उठता था, जिस गायिका के एक गीत के लिए अनेकों श्रोता अधीर ...

‘गोडसे से गांधी तक’ बाल ठाकरे के बाद कैसे बदली शिवसेना की प्राथमिकताएं

मुख्य बिंदु एक दौर था जब 'पंडित' नाथूराम गोडसे का महिमामंडन करती थी शिवसेना संजय राउत ने कहा, "अगर कोई वास्तविक हिंदुत्ववादी होता, तो वह जिन्ना को गोली मार देता, कोई गांधी को क्यों गोली मारता?" संजय राउत का ...

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