हाल ही में हुए दो घटनाक्रमों से ये चर्चा तेज हो गयी है कि क्या वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर पीएम मोदी अपनी सत्ता को बरकरार रख पाएंगे? इस चर्चा के तेज होने कि वजह भी साफ़ है। पहली वजह है, टीडीपी का एनडीए से अलग होने के बाद संसद में अविश्वास प्रस्ताव का रखना। वहीं, दूसरी वजह है उत्तर प्रदेश के लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार। इन दोनों ही घटनाक्रमों ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के शासनकाल पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। राजनीतिक विशेषज्ञों ने भी देश में एक नए गठबंधन सरकार बनने का अनुमान लगाया है।
इन सभी चर्चाओं के बीच ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट जारी की है जिसमें दुनिया के 16 देशों के नेताओं का नाम शामिल है। इस सूची में पीएम मोदी का नाम भी शामिल है। इस सूची में नेताओं को दुनिया में उनकी लोकप्रियता, कार्यशैली के आधार पर शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी की सरकार वर्ष 2019 ही नहीं बल्कि वर्ष 2024 में भी जीत दर्ज कर 2029 तक काबिज रहेगी. ब्लूमबर्ग के रिपोर्ट के मुताबिक देश में पीएम मोदी के प्रशंसकों की संख्या कहीं ज्यादा है और उनकी कही बातों पर जनता का यकीन। जिस तरह से बीजेपी ने पिछले चुनावों में जीत दर्ज की है और देश के ज्यादातर हिस्सों पर अपनी पकड़ मजबूत बनाई है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि जनता का बीजेपी पर यकीन बढ़ा है। गौर हो कि, भारतीय मीडिया ने उत्तर प्रदेश और बिहार में हुए उपचुनाव में बीजेपी की हार को दिखाया और अगले साल होने वाले आम चुनाव पर चर्चा को तेज कर दिया, लेकिन भारतीय मीडिया ने पूर्वोत्तर के 3 राज्यों में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत को अनदेखा कर दिया। इन राज्यों में बीजेपी की जीत इसलिए भी अहम थी क्योंकि त्रिपुरा में 25 सालों से वामदलों (CPI-M) की सरकार थी जिसे सत्ता से बीजेपी ने बेदखल कर दिया।
मीडिया ने भले ही बीजेपी की इस ऐतिहासिक जीत को भुना दिया हो लेकिन ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बीजेपी की इस जीत का खंडन किया गया है। ऐसे में मीडिया द्वारा ये कहना कि, बीजेपी के बुरे दिन शुरू हो गए हैं तो ये साफतौर से गलत होगा। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में पीएम मोदी की बढ़ती लोकप्रियता का भी जिक्र किया है। अगर देखा जाये तो जिस तरह से पीएम मोदी की देश और दुनिया में लोकप्रियता बढ़ी है उसके आसपास न तो राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और न ही आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल नज़र आते हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में कांग्रेस की लोकप्रियता तो घटी ही है साथ ही जनता का विश्वास भी कांग्रेस पार्टी पर लगातार कम हुआ है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट से पहले देश के ओपिनियन पोल में भी ये बात सामने आई थी की देश की जनता वर्तमान समय में सबसे ज्यादा भरोसा बीजेपी पार्टी पर ही करती है। ब्लूमबर्ग कि रिपोर्ट में ये अनुमान लगाया गया है कि बीजेपी वर्ष 2024 में भी अपनी जीत को बरकरार रखेगी साथ ही ये भी कहा गया है कि, विपक्ष आगे भी बीजेपी के सामने कमजोर ही साबित होगा। वर्ष 2014 में अपनी 44 सीटों पर मिली हार के बाद से कांग्रेस उबर नहीं पाई है और न ही जनता का भरोसा दुबारा जीत पाई है। लेकिन बीजेपी के खिलाफ टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी दलों को मौका जरुर दे दिया है लेकिन क्या विपक्षी दल इसमें कामयाब हो पायेंगे? ऐसे में अगर सभी विपक्षी दल एकजुट होकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देते भी हैं तो वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनावों में जीत दर्ज कर पीएम मोदी एक बार फिर से सरकार बनाने में कामयाब हो जायेंगे।
वैसे आपको बता दें कि, विपक्षी दल लोकसभा अध्यक्ष के सामने तभी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकते हैं, जब इस प्रस्ताव के समर्थन में 50 से अधिक सदस्य हों लेकिन अगर विपक्षी दल ऐसा नहीं कर पाता है तो अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकती। अगर विपक्ष का ये अविश्वास प्रस्ताव का कदम फेल हो जाता है तो साफ़ है आगे भी मोदी सरकार का राज होगा या हो सकता है मोदी आगे भी अपनी जीत को बरकरार रखें। ब्लूमबर्ग की यह रिपोर्ट तब आई है जब राष्ट्रीय मीडिया में ‘मोदी बनाम अन्य’ की चर्चा तेज है। हालांकि, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट से ये तो साफ़ हो गया है कि देश की जनता नरेंद्र मोदी को ही देश के मुखिया के रूप में देखना चाहती है। अब देखना ये होगा कि विपक्षी मोदी के खिलाफ कैसे और क्या कदम उठायेंगे।


























