कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को देश की सुरक्षा के साथ समझौता करने की आदत है। विकीलीक्स के एक खुलासे के बाद अब इस सूची में कमलनाथ का नाम भी जुड़ गया है। वो कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और मध्य प्रदेश के लिए कांग्रेस के सीएम पद के उम्मीदवार भी हैं। विकीलीक्स के मुताबिक इमरजेंसी युग के समय में मध्य प्रदेश के मौजूदा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ संजय गांधी के काफी करीबी लोगों में से एक माने जाते थे। उस दौरान उन्होंने यूएस काउंसिल जनरल को संवेदनशील सूचना लीक की थी। इस संवेदनशील सूचना के तहत भारत ‘शांतिपूर्ण विस्फोट’ की योजना बना रहा था और इसके लिए भारत दो और परमाणु बम के निर्माण पर काम कर रहा था। उस समय भारत-अमेरिका के बीच के रिश्तों के बारे में कमलनाथ को पूरी जानकारी थी इसके बावजूद उन्होंने देश की सुरक्षा को ताक पर रखते हुए देश की रक्षा से जुड़े संवेदनशील सूचना को लीक किया था।
कांग्रेस पार्टी के नेता कमलनाथ अकेले नहीं है जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया हो। विकीलीक्स के मुताबिक, “बिहार और कर्नाटक में मिली हार से कांग्रेस काफी हताश थी और पार्टी ने अब असम में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए मुस्लिम समुदाय को लुभाना शुरू कर दिया था। असम में मुख्य विपक्षी दल क्षेत्रीय पार्टी असम गण परिषद (एजीपी) और भारतीय जनता पार्टी है जो कमजोर और टूटी हुई थी लेकिन कांग्रेस पार्टी और उसके परंपरागत मुस्लिम वोट बैंक के बीच 2005 से दरार पड़नी शुरू हो गयी थी जिससे कांग्रेस पार्टी अपना वोट आधार खोने लगी थी। मई 2006 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का अभियान मुस्लिम समुदाय को लुभाने का था। मुस्लिमों को लुभाने के लिए गांधी (सोनिया गांधी) ने फॉरेनर्स एक्ट में संशोधन करने की पेशकश की थी जिससे अवैध बंगलादेशी घुसपैठियों का निर्वासन रुक जाए।“ विकीलीक्स के मुताबिक, “कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुस्लिम वोट आधार को लुभाने के लिए अपील की थी और कहा था कि उनकी सरकार अप्रवासियों के कानूनों को बदलने पर विचार कर सकती है। मुस्लिम अप्रवासियों के हक के लिए एक मुस्लिम राजनीतिक ग्रुप AIUDF (असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) की स्थापना हुई थी। इसके बाद सोनिया गांधी ने फॉरेनर्स एक्ट 1946 में संशोधन करने की बात कही जिससे वो मुस्लिमों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही थीं।” अपनी इस रणनीति की वजह से ही कांग्रेस पार्टी राज्य के विधानसभा चुनाव में उसकी जीत हुई थी। यही वो वजह थी जिससे कांग्रेस को लगा कि अगर असम में सत्ता में रहना है तो अवैध अप्रवासियों को देश के बाहर जाने से रोकना ज्यादा बेहतर है। विकीलीक्स के खुलासे ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस राजनीति में रहने के लिए देश की सुरक्षा के साथ भी समझौता करने को तैयार है और यही वजह है वो आज असम में एनआरसी का विरोध कर रही है।
विकीलीक्स के खुलासे से ये तो साफ़ हो गया है कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए देश की सुरक्षा के साथ समझौता करना और इस तरह की गंदी राजनीति कांग्रेस के डीएनए में है। हाल के कुछ मामले भी कांग्रेस के दोहरे रुख का खुलासा करते हैं। जब भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद चल रहा था तब राहुल गांधी ने गुपचुप तरीके से चीनी दूतावास जा कर चीन के राजदूत से मुलाकात की थी। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व मंत्री मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान गये थे और वहां पीएम मोदी को भारत की सत्ता से बेदखल करने के लिए मदद करने की बात कही थी। राफेल डील पर चल रहा विवाद भी कांग्रेस पार्टी के चेहरे को बेनकाब करने के लिए काफी है। किस तरह से कांग्रेस वंशज राहुल गांधी राफेल डील को लेकर एक के बाद एक झूठ बोलकर देश की जनता को गुमराह करते रहे हैं और उनके इस झूठ का खुलासा केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपने कई ट्वीटस के जरिये किया है। इससे पहले भी राहुल गांधी का झूठ कई बार समाने आया है।
The series of lies on Rafale that are being spread by Mr Rahul Gandhi are before the nation and the world. They twisted a French media house's report on Rafale, which the CEO of Dassault has himself said has been blatant twisting of facts: @PiyushGoyal #FakeNewsKingRahul
— Piyush Goyal Office (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyalOffc) October 12, 2018
The second lie was on the Supreme Court judgement. The Supreme Court has refused to discuss finer details which are confidential in the interest of our national security and emphasized that pricing is not what they require: @PiyushGoyal #FakeNewsKingRahul
— Piyush Goyal Office (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyalOffc) October 12, 2018
The 6th lie was in Parliament, where Rahul Gandhi said he personally met the French President about any pact of secrecy between France and India. This shows his hollowness of knowledge, that he doesn't even know this pact was done in 2008 by his own Govt: @PiyushGoyal
— Piyush Goyal Office (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyalOffc) October 12, 2018
In the 7th lie, he talks of different prices of the basic aircraft and chooses to compare it with the price of a fully functional and equipped Fighter jet. It is not even comparing apples and oranges, but a seed with a full grown orchard: @PiyushGoyal #FakeNewsKingRahul
— Piyush Goyal Office (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyalOffc) October 12, 2018
The fourth lie is about any quid-pro-quo between a particular company and the Govt. without any allegations. We have no say or view of what a private party decides or does business with: @PiyushGoyal #FakeNewsKingRahul
— Piyush Goyal Office (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyalOffc) October 12, 2018
The 5th lie that the ex-French President called our Prime Minister a thief is the worst diplomatic gaffe that a senior political leader could do. It is shameful, that in their desperation, the principle opposition party chose to involve leaders of a friendly nation: @PiyushGoyal
— Piyush Goyal Office (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyalOffc) October 12, 2018
The 6th lie was in Parliament, where Rahul Gandhi said he personally met the French President about any pact of secrecy between France and India. This shows his hollowness of knowledge, that he doesn't even know this pact was done in 2008 by his own Govt: @PiyushGoyal
— Piyush Goyal Office (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyalOffc) October 12, 2018
It is time that the Congress President stops lying. One after another, his lies have been exposed. There is never a replacement for the truth, and the truth is in front of the nation :@PiyushGoyal #FakeNewsKingRahul
— Piyush Goyal Office (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyalOffc) October 12, 2018
राहुल गांधी लगातार राफेल को घोटाले का नाम देने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बार बार उनके प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं जबकि वास्तव में देश की सुरक्षा व्यवस्था को राफेल की सख्त जरूरत है इस तथ्य को जानने के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष सिर्फ अपने स्वार्थ की राजनीति के लिए झूठ तक का सहारा ले रहे हैं।
वैसे ये पहले बार नहीं है जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय में भी देश को कई बार आंतरिक सुरक्षा के खतरों का सामना करना पड़ा है। पूर्व गृह मंत्रालय के अधिकारी आरवीएस मनी ने अपनी ‘हिंदू आतंक’ नामक पुस्तक में यूपीए सरकार द्वारा लिए गये हर उस कदम का पर्दाफाश किया है जो कांग्रेस ने राष्ट्र को बर्बाद करने के लिए लिया था और देश की सुरक्षा के साथ कई समझौते किये थे। उन्होंने अपनी किताब में इस बात का भी खुलासा किया है कि कैसे यूपीए सरकार ने अधिकारियों को ‘हिंदू आतंक’ की झूठी कथा बनाने के लिए मजबूर किया था। उन्होंने इस किताब में बताया है कि कैसे तत्कालीन यूपीए सरकार ने हिंदू आतंक का बीज बोया था। आरवीएस मनी ने अपनी किताब में साल 2006 की एक घटना का जिक्र भी किया है। उन्होंने बताया है कि जब उन्हें तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने अपने कक्ष में बुलाया था, जहां एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और पूर्व महाराष्ट्र आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे भी मौजूद थे। उन्होंने आतंकवादी हमलों पर जानकारी साझा करते हुए बताया था कि आतंकवादी हमलों में किसी एक विशेष धार्मिक समूह की भागीदारी थी। इसके बाद कांग्रेस ने ‘हिंदू आतंक’ का बीज बोया और फिर इस बीज को पानी देती रही। इसके अलावा उन्होंने 26/11 के मुबई हमलों का भी जिक्र किया है। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है, “एक समय जब हमारे पास आईएस डिवीजन में सबसे अच्छी टीम थी, सरकार के दृष्टिकोण और सत्ता में हर आतंकवादी घटना को ‘भगवा’ के रूप में दर्शाने और आतंकवादी हमलों के असली अपराधियों के खिलाफ कोई कड़ा कदम न उठाने के सरकार के रवैये ने देश को एक तरह से गलत करने वाले हाथों के लिए महफूज़ बना दिया था।“ उन्होंने अपनी किताब में विस्तार से बतया है कि कैसे यूपीए सरकार में आतंकियों ने खुद को सुरक्षित किया था और इस साजिश में कई बड़े व्यक्तियों के नाम का भी खुलासा किया है ।
आरवीएस मनी ने अपनी ‘हिंदू आतंक’ नामक पुस्तक में और भी खुलासे किये हैं जो कांग्रेस की गंदी राजनीति और देश की सुरक्षा के साथ समझौते करने और सत्ता के लिए स्वार्थ की राजनीति को बेनकाब करता है।
इन सभी मामलों को देखें तो ये साफ़ हो जाता है कि कैसे कांग्रेस के कमलनाथ, राहुल गांधी सोनिया गांधी देश की सुरक्षा के साथ समझौता करते रहे हैं और इसमें कोई संदेह भी नहीं है राहुल गांधी और कांग्रेस राफेल डील के जरिये आज भी वही कर रहे हैं। सत्ता के लिए कुछ भी करती है कांग्रेस और ये सभी मामले इसे साबित भी करते हैं।