मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनने के बाद बदलाव की बात कही थी और ये बदलाव नजर भी आने लगा है। बदलाव ऐसा कि अपराधियों के हौसले बुलंद होने लगे हैं राज्य में गंदी राजनीति का खेल शुरू हो गया है। संघ की शाखाओं पर बैन लगाने, सरकारी कर्मचारियों को बीजेपी समर्थक होने पर नौकरी गंवाने के अलावा किसानों के ऋण माफ़ी का मजाक बनाने से लेकर कई बदलाव हो रहे हैं। अब तो बीजेपी नेताओं की हत्या भी इस बदलाव में शामिल हो गयी है। ऐसा बदलाव कांग्रेस के शासन में बहुत देखने को मिलते रहे हैं इसमें कोई हैरानी भी नहीं है।राज्य में जिस तरह से राज्य में बीजेपी नेताओं के हत्या के मामले सामने आ रहे हैं उससे तो यही लगता है कि ये नफरत की राजनीति में पूरी तरह से डूब गयी है। दरअसल, मध्य प्रदेश में एक और भारतीय जनता पार्टी के नेता मनोज ठाकरे की हत्या का मामला सामने आया है। मनोज ठाकरे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे।
मनोज ठाकरे की हत्या का मामला सेंधवा जिले के बड़वानी गांव का है। भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे लेकिन वो घर नहीं लौटे। जब उनकी तलाश की गयी तो उनका शव बड़वानी-सेंधवा रोड पर मिला। ये हत्या सिर को पत्थर से कुचलकर की गयी है। बेरहमी से बीजेपी नेता की हत्या से इलाके में हकंप मच गया। इस मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गयी और जांच शुरू कर दी है। वहीं, बड़वानी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमकार सिंह कलेश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “ठाकरे की हत्या करने वाले उनके करीबी हो सकते हैं। मंदसौर में भी ऐसा ही हुआ था, वहां भी भाजपा नेता का हत्यारा उनका करीबी निकला।“
एक के बाद एक भाजपा नेताओं की हत्या होना बहुत गंभीर मामला है। कांग्रेस इसको सतही तौर पर लेकर क्रूर मजाक कर रही है। गृह मंत्री के गृह जिले में सरेआम भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे को को मार दिया गया।
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) January 20, 2019
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को मंदसौर जिले में नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की गोली मरकर हत्या कर दी गयी थी वहीं, इंदौर में संदीप अग्रवाल की हत्या का मामला सामने आया था। राज्य में एक के बाद एक हत्या के मामलों ने कांग्रेस सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है, ”एक के बाद एक भाजपा नेताओं की हत्या होना बहुत गंभीर मामला है। कांग्रेस इसको सतही तौर पर लेकर क्रूर मजाक कर रही है। गृह मंत्री के गृह जिले में सरेआम भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे को को मार दिया गया।“ उन्होंने आगे लिखा, “भाजपा नेता मनोज ठाकरे के निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि! आज बड़वानी ने एक युवा नेता खो दिया। ईश्वर से दिवगंत आत्मा की शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।“
जल्द ही इस मामले की जांच के बाद ये भी सामने आ जायेगा कि हत्या राजनीतिक साजिश के तहत की गयी है या किसी और वजह से की गयी है। हालांकि, हत्या के मामलों को व्यक्तिगत दुश्मनी से जोड़कर भी पेश करने का प्रयास किया जायेगा। ये शर्मनाक है कि कांग्रेस पार्टी के सत्ता संभालते बीजेपी नेताओं की हत्या का मामले इस तरह से सामने आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि कांग्रेस के राज में अपराधियों के हौसलें इतने बुलंद हैं कि वो बीजेपी नेताओं की हत्या करवाने में जरा भी संकोच नहीं कर रहे। अगर इसी तरह से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की हत्या के मामले सामने आते रहे तो ये बीजेपी के लिए शुभ संकेत नहीं है। अगर चुनाव के समय कांग्रेस इस तरह के बदलाव की बात कर रही थी तो उससे इसपर तुरंत रोक के लिए कदम उठाने चाहिए
वैसे ये पहली बार नहीं है, जब किसी गैर-बीजेपी शासित राज्य में बीजेपी नेता की हत्या का मामला सामने आया है। पश्चिम बंगाल, केरल जैसे राज्यों से अक्सर इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। साल के शुरुआत में ही पश्चिम बंगाल में राजनीतिक का बेहद गिरा हुआ स्तर सामने आया था जहां एक बीजेपी कार्यकर्ता की पत्नी के साथ गैंगरेप किया और धमकी भी दी थी। इससे पहले दिसंबर 2018 को बीजेपी कार्यकर्ता संदीप घोष की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पिछले साल जुलाई में पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी। ऐसे ये सवाल उठते हैं कि आखिर गैर-बीजेपी शासित राज्यों केरल, पश्चिम बंगाल और अब मध्य प्रदेश में बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले इस तरह से क्यों सामने आते हैं? कई जगहों पर हत्या में राजनीतिक साजिश भी समाने आई है लेकिन अगर मध्य प्रदेश में हुई बीजेपी के नेता की हत्या भी अगर इसी के तहत की गयी है तो ये राजनीति के निम्न स्तर को दर्शाता है। इस तरह की राजनीति पर रोक लगनी चाहिए।