अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडीस (88) की मंगलवार की सुबह निधन हो गया था लेकिन आज उनक अंतिम संस्कार किया जायेगा वो भी हिंदू रीति-रिवाज से किया जायेगा।वैसे तो जॉर्ज फर्नांडीस एक ईसाई हैं लेकिन उनके हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किये जाने के पीछे भी एक ख़ास वजह है। दरअसल, जॉज फर्नांडिस ने खुद ही हिंदू रीति रिवाज अंत्येष्टि की मंशा जाहिर कर चुके थे और इसकी जानकारी खुद उनकी करीबी रहीं जया जेटली दी। जया ने बताया कि फर्नांडिस ने कहा कि पहले हिंदू रीति से अंत्येष्टि की जाए और फिर उन्हें दफनाया जाए। ऐसे में उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार हिंदू व ईसाई धर्म दोनों की परम्परा से अंतिम संस्कार किया जायेगा जिसके तहत पहले जॉर्ज की अंत्येष्टि हिंदू रीति-रिवाज से की जाएगी और फिर उनकी अस्थियों व राख को दफनाया जाएगा।
जॉर्ज की पत्नी लीला कबीर के मुताबिक जॉर्ज का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार दोपहर तीन बजे लोधी रोड स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया जाएगा और उनकी अस्थियों को शुक्रवार को पृथ्वी राज रोड स्थित ईसाई कब्रिस्तान (सिमेट्री) में दफन किया जाएगा। बता दें कि जॉर्ज फर्नांडीस ने दिल्ली के मैक्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। वो कुछ दिनों से स्वाइन फ्लू से पीड़ित थे। उनके निधन से देश में शोक की लहर है। विदेश में रह रहे फर्नांडीस के बेटे के वापस आने के बाद ही उनका संस्कार किया जाना था इसी वजह से उनके अंतिम संस्कार में देरी हुई। वहीं जॉर्ज के निधन से दुखी लोगों ने ट्विटर पर गहरा दुख व्यक्त किया। राष्ट्रपति ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा, “उन्होंने सादा जीवन और उच्च विचार को महत्व दिया और आपातकाल और उसके बाद भी लोकतंत्र के चैंपियन के रूप में उभरे। हम सभी उन्हें याद करेंगे।“ वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “जॉर्ज साहब ने भारत के सबसे अच्छे राजनीतिक नेतृत्व का प्रतिनिधित्व किया। फ्रैंक और निडर, ईमानदार और दूरदर्शी, उन्होंने हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान दिया। वो गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के अधिकारों के लिए सबसे प्रभावी तरीके आवाज उठाते थे। उनके निधन से दुखी हूं।“
बता दें कि फर्नांडीस राजनीति के जाने माने नेता हैं। वो समता पार्टी के संस्थापक, एनडीए के संयोजक, पत्रकार और अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में कई मंत्रालयों का कार्यभार संभाल चुके हैं। 1967 से 2004 तक 9 लोकसभा चुनाव लड़ने वाले जॉर्ज फर्नांडीस ने कई सरकार विरोधी आंदोलन चलाए थे जिसके बाद से वो लोगों के चहेते बन गये लेकिन कांग्रेस को वो एक आंख नहीं सुहाते थे।
जॉर्ज फर्नांडीस का जन्म 3 जून 1930 को मैंगलोर के मैंग्लोरिन-कैथोलिक परिवार में जॉन जोसेफ फर्नांडीस के घर हुआ था। उनका जीवन काफी मुश्किलों भरा था। 1949 में वो मैंगलोर छोड़ मुंबई गये और यहां वो एक समाचार-पत्र में प्रूफरीडर का काम करने लगे। इस दौरान वो फुटपाथ पर रहा करते थे और चौपाटी स्टैंड की बेंच पर सोया करते थे कभी कभी उन्हें जमीन पर भी सोना पड़ता था। वो कई आंदोलनों से जुड़े और उनकी भूमिका काफी अहम रही थी। जॉर्ज चौदहवीं लोकसभा में मुजफ़्फ़रपुर से जेडीयू के टिकट पर सांसद चुने गए थे। उन्होंने वर्ष 1998 से 2014 तक देश की सेवा रक्षा मंत्री के तौर पर की है। पोखरण परमाणु परीक्षण उनके रक्षा मंत्री रहते हुए ही हुआ था और कारगिल युद्ध भी इन्हीं के कार्यकाल में हुआ था। अपने स्वास्थ्य कारणों के चलते धीरे-धीरे उनका राजनीतिक करियर भी धूमिल होता गया लेकिन उनके नायक की छवि जनता के मन से आज तक नहीं गयी है।