TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री,  भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री,  भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कमलनाथ ने स्वीकारा कि 1984 में राजीव गांधी के कहने पर गये थे गुरुद्वारा रकाबगंज

Mahima Pandey द्वारा Mahima Pandey
17 January 2019
in मत
कमलनाथ सिख गुरुद्वारा रकाबगंज

PC: Facebook

Share on FacebookShare on X

1984 का सिख विरोधी दंगा तो आपको याद ही होगा जो सिख नरसंहार भी कहा जाता है । देश के कई जगहों पर हिंसा हुई जिसमें सिखों की हत्या की गयी और कांग्रेस पार्टी के दामन पर इसका दाग लगा। कई कांग्रेसी नेताओं पर इस दंगे को भड़काने और हिंसा फैलाने के आरोप लगे। हाल ही में कांग्रेस के एक नेता सज्जन कुमार को इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सजा भी सुनाई थी। मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ पर भी इसके आरोप लगे थे लेकिन आज तक उन्हें इसकी कोई सजा नहीं हुई। 1 नवंबर 1984 को गुरुद्वारा रकाबगंज की घटना पर इंडियन एक्सप्रेस के समकालीन रिपोर्टर संजय सूरी ने भी कमलनाथ को भीड़ का नेतृत्व करते और उन्हें सिखों का कत्ल करने का आदेश देते देखा था। उस वक्त की घटना पर कमलनाथ की मौजूदगी को लेकर कई सवाल खड़े उठे थे। रिपोर्ट्स की मानें तो कमलनाथ राजीव गांधी के कहने पर गुरुद्वारा रकाबगंज गये थे लेकिन जब उनसे इस संबंध में साल 2016 में सवाल किया गया था तो उन्होंने इससे साफ़ इंकार कर दिया था लेकिन अब साल 2019 के एक इंटरव्यू में स्वीकार किया कि वो राजीव गांधी के कहने पर गुरुद्वारा रकाबगंज गए थे।

कांग्रेस नेता कमलनाथ और उसके साथियो ने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब पर हमला किया और सैकड़ो सीखो की हत्या की।वही रकाबगंज साहिब जहा हिन्दू धर्म की खातिर बलिदान देने वाले गुरु तेगबहादुर जी का दाह संस्कार हुआ था।मोब लीनचर राजीव गांधी के गुंडों ने उस पवित्र स्थान को भी नही छोड़ा ।

— Tajinder Bagga (Modi Ka Parivar) (@TajinderBagga) August 27, 2018

संबंधितपोस्ट

1984 दंगा आरोपी टाइटलर संग राहुल गांधी ने फहराया तिरंगा, भाजपा बोली–गांधी परिवार को नहीं कोई खेद

दिग्विजय का यू-टर्न और मालेगांव फैसला: कांग्रेस की साख को करारा झटका

कांग्रेस के पीछे कॉर्पोरेट का पैसा? भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इंदिरा गांधी पर लगाया यह आरोप

और लोड करें

एक नेता से एक जैसे सवाल दो इंटरव्यू में पूछे गये लेकिन दोनों में ही कमलनाथ का जवाब अलग था। इसका मतलब तो साफ़ है कि कमलनाथ या तो तब झूठ बोल रहे थे या आज बोल रहे हैं। दरअसल, हाल ही में कमलनाथ ने द प्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में स्वीकार कर लिया कि वो साल 1984 में गुरुद्वारा रकाबगंज पर राजीव गांधी के कहने पर गये थे। इस इंटरव्यू में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि “राजीव गांधी अभी नए नए प्रधानमंत्री बने थे मैं उनके साथ था उसी दौरान एक फ़ोन आता है कि पर गुरुद्वारा रकाबगंज में भारी संख्या में कंग्रेस के लोग इकठ्ठा हुए हैं और हमला करने वाले हैं। तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम तुरंत वहां जाओ और ये सब रोको।” अब जरा कमलनाथ के साल 2016 में बरखा दत्त को दिए एक इंटरव्यू को देखें तो उनके बोल कुछ और ही थे।

साल 2016 में कमलनाथ से जब एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में बरखा दत्त ने पूछा था कि आपको किसने गुरुद्वारे भेजा था ? तो कमलनाथ ने कहा, “मैं कांग्रेस के लोगों के साथ बैठा था” इस जवाब के बीच में ही बरखा दत्त सवाल करती हैं कि “क्या राजीव गांधी ने आपको गुरुद्वारा भेजा था?” तो कमलनाथ ने जवाब में कहा, “नहीं, मैं कुछ कांग्रेस के लोगों के साथ कहीं बैठा हुआ था तब किसी को एक फ़ोन आता है फिर वो कहते है हमें जाना चाहिए। मैं गया लेकिन मैं अकेले नहीं गया। मैं दो कांग्रेसी नेता के साथ गया था उनमें से एक हरियाणा के थे और दूसरे यूपी से थे।” इसके बाद बरखा दत्त ने पूछा कि आप वहां करने क्या गये थे? तो कमलनाथ ने कहा कि “मुझे जब सूचना मिली थी तब हम घटनास्थल पर घटना को रोकने गये थे। जब मैं गुरुद्वारा रकाबगंज गया तो वहां 300-400 की भीड़ देखी और फिर लोगों से बातचीत की कि तुम लोग यहां क्या कर रहे हो? जो भी कर रहे हो सब अभी रोक दो । मेरी उनसे कुछ बातचीत हुई जिस वजह से पुलिस को घटनास्थल पर और अधिक सुरक्षा बलों को जुटाने का समय मिल गया।” इसके बाद जब कमलनाथ से सवाल किया गया कि “जब आप घटना स्थल पर थे और वहां दो लोगों को जलाया जा रहा था तो आपने पुलिस को मामले में हस्तक्षेप करने के लिए क्यों नहीं कहा या आपने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया? आप चाहते तो भीड़ को काबू कर सकते थे आपके पास शक्ति थी लेकिन आपने ऐसा क्यों नहीं किया?” इस सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा कि “मैं भीड़ से बातचीत कर रहा था मैंने दो लोगों को जलते हुए देखा ही नहीं। अगर पुलिस ने देखा भी तो मैं कोई पुलिस इंचार्ज नहीं था जो उन्हें कहूं कि मामले में हस्तक्षेप करो या त्वरित कार्रवाई करो। हां पुलिस ने मुझसे कहा भीड़ को काबू में करने के लिए मदद करें लेकिन कोई मेरी नहीं सुन रहा था।” जब उनसे पूछा गया कि कई लोगों ने भीड़ में कांग्रेस के लोगों को देखा तो आपने क्यों नहीं पहचाना? तो कमलनाथ ने कहा “हो सकता है वहां कुछ कांग्रेस के लोग होंगे लेकिन मैंने उन्हें नहीं पहचाना हां भीड़ ने मुझे पहचाना होगा। अब भीड़ में सभी कांग्रेस का कोई होगा जरुरी नहीं। हां वहां मैंने किसी को नहीं पहचाना था लेकिन उन लोगों ने मुझे पहचान लिया था।”

इन शब्दों से साफ़ है कि कमलनाथ का उस समय हुई घटना में कहीं न कहीं हाथ तो था। वो चाहते तो भीड़ को रोक सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इंदिरा गांधी की मौत का बदला लेने का बुखार उस समय कांग्रेस के कार्यकर्ता व नेताओं में इस तरह से चढ़ा था कि उन्होंने इसे उतारने के लिए सिखों का नरसंहार किया था। बार बार उनपर आरोप लगे और बार बार कमलनाथ ने आरोपों को नकार दिया और अब उनके जवाब ये साबित करते हैं कि उनका उस समय की घटना से जुड़ाव जरुर था और शायद राजीव गांधी के कहने पर उन्होंने ऐसा किया था लेकिन हर बार इस बात से उन्होंने इंकार किया लेकिन अब द प्रिंट को दिए इंटरव्यू में इसे स्वीकार भी कर लिया है। ये कमलनाथ के झूठ को भी दर्शाता है कि किस तरह से गांधी परिवार के लिए उन्होंने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया।

बता दें कि संजय सूरी ने अपनी एक किताब 1984: The Anti-Sikh Violence and After में कमलनाथ की उपस्थिति का जिक्र किया है। ये वही सूरी है जिसने कमलनाथ की घटनास्थल पर उपस्थिति की पुष्टि की थी। सूरी के अलावा कमल नाथ की उपस्तिथि की पुष्टि दो वरिष्ठ अधिकारियों, आयुक्त सुभाष टंडन और अतिरिक्त आयुक्त गौतम कौल और एक स्वतंत्र स्रोत ने भी की थी। सभी ने कहा था कि कमलनाथ का भीड़ से कनेक्शन था। उन्होंने इशारा किया और भीड़ ने सुना। जिस भीड़ को दखकर पुलिस ने भी अपने कदम पीछे खींच लिए वो भीड़ कांग्रेस के एक नेता के नियंत्रण में क्यों थी? क्यों भीड़ को पुलिस का डर नहीं था लेकिन कांग्रेस के नेता की बाते मान रही थी। ऐसे में सवाल आज भी उठाये जातें हैं कि अगर कमलनाथ वहां भीड़ को नियंत्रित करने पहुंचे थे तो उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? बल्कि हिंसा के लिए इशारा किया। क्या सच में कमलनाथ और भीड़ के बीच क्या संबंध थे? गवाहों के बावजूद कमल नाथ को उनके किये की सजा नहीं मिली क्योंकि उन्हें कांग्रेस पार्टी का समर्थन प्राप्त था। आज भी सिख दंगे के पीड़ितों का कहना है कि कमल नाथ को उनके किये की सजा नहीं मिली है।

कांग्रेस ने तो दंगे के आरोपियों को न ही पार्टी से निकाला और न ही कोई क़ानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ने दिया। और तो और साल 2016 में कमलनाथ को पंजाब का पार्टी प्रभारी बनाकर कांग्रेस ने सिखों के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया था। उस समय कांग्रेस को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इसके बाद कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा था। जिस तरह के आरोप कमलनाथ पर लगे थे उन आरोपों को अनदेखा कर कांग्रेस ने पहले कमल नाथ को मध्य प्रदेश कमेटी का मुखिया बनाया था और अब प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया है ताकि वो प्रदेश में भ्रष्टाचार कर भारी कमाई कर सके और जनता का फायदा उठा सके।  

अब कमलनाथ के इस दो जवाबों ने ये साफ़ कर दिया है कि किस तरह से भ्रष्टाचार, हिंसा, घोटालों के अलावा झूठ की राजनीति ये पार्टी और उसके नेता करते रहे हैं और आज भी कर रहे हैं। 

Tags: कमलनाथराजीव गांधीसिख विरोधी दंगा
शेयर3216ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

लेफ्ट-लिबरल मीडिया ने ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ फिल्म के बारे में फैलाई फर्जी खबरें

अगली पोस्ट

देशद्रोह कानून को लेकर कांग्रेस का दोहरा रवैया, अपने समय में किया इस्तेमाल और अब कर रही हटाने की मांग

संबंधित पोस्ट

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार
क्राइम

अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

8 November 2025

बेतिया की तपती दोपहर में, जब हवा में चुनावी उत्साह की गर्माहट और जनता के चेहरों पर परिवर्तन की आस्था झलक रही थी, तब प्रधानमंत्री...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07

‘White Collar Terror’: Is The 0.5 Front Within The Country Activated?

00:10:07

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

00:06:48

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited