TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    यौन उत्पीड़न

    मोहम्मद फैज ने इलाज के लिए भर्ती 23 वर्षीय युवती का अस्पताल में किया रेप, इलाज के दौरान हुई मौत

    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    डीएमके

    मुरुगन सम्मेलन की सफलता से घबराई DMK!, फिर छेड़ा भाषा विवाद

    शशि थरूर का क्रिप्टिक पोस्ट

    कांग्रेस छोड़ रहे हैं शशि थरूर!: क्रिप्टिक X पोस्ट ने अटकलों को दी हवा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    कॉम्पैक्ट सीक्यूबी कार्बाइन

    सीमित जगहों की जंग में अब बढ़ेगी सेना की मारक क्षमता, जल्द मिलेगी नई CQB कार्बाइन

    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    काश पटेल जल्द ही 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी हस्तक्षेप से जुड़े सबूत देंगे

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

    चीन ने भारत के खिलाफ चाल चल उसे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा दिया है

    फर्टिलाइजर को हथियार बना रहा चीन, खुल रही भारत की आत्मनिर्भरता की राह

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    सैटेलाइट तस्वीरों में हमले से पहले परमाणु साइट्स के पास नज़र आए थे ट्रक (Photo-Medium)

    बेअसर रहा अमेरिकी हमला?: CNN की रिपोर्ट में दावा कहा- ईरान में नहीं नष्ट हुआ ऐनरिच यूरेनियम; ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

    25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

    आपातकाल की क्रूरता

    आपातकाल की क्रूरता: कांग्रेस के दमनकारी शासन की पोल खोलेगा इंदिरा गांधी सेंटर

    केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (FILE PHOTO)

    आपातकाल की त्रासदी: राजनाथ सिंह को मां के अंतिम संस्कार में नहीं होने दिया गया था शामिल

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    दिलजीत दोसांझ

    दिलजीत दोसांझ की फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेत्री- मीका और बी प्राक ने उठाए सवाल

    संत प्रेमानंद जी महाराज

    दुर्घटनाओं की वजह से लोगों की हो रही अकाल मृत्यु से बचने के लिए प्रेमानंद महाराज ने बताए 5 उपाय

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    यौन उत्पीड़न

    मोहम्मद फैज ने इलाज के लिए भर्ती 23 वर्षीय युवती का अस्पताल में किया रेप, इलाज के दौरान हुई मौत

    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    डीएमके

    मुरुगन सम्मेलन की सफलता से घबराई DMK!, फिर छेड़ा भाषा विवाद

    शशि थरूर का क्रिप्टिक पोस्ट

    कांग्रेस छोड़ रहे हैं शशि थरूर!: क्रिप्टिक X पोस्ट ने अटकलों को दी हवा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    कॉम्पैक्ट सीक्यूबी कार्बाइन

    सीमित जगहों की जंग में अब बढ़ेगी सेना की मारक क्षमता, जल्द मिलेगी नई CQB कार्बाइन

    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    काश पटेल जल्द ही 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी हस्तक्षेप से जुड़े सबूत देंगे

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

    चीन ने भारत के खिलाफ चाल चल उसे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा दिया है

    फर्टिलाइजर को हथियार बना रहा चीन, खुल रही भारत की आत्मनिर्भरता की राह

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    सैटेलाइट तस्वीरों में हमले से पहले परमाणु साइट्स के पास नज़र आए थे ट्रक (Photo-Medium)

    बेअसर रहा अमेरिकी हमला?: CNN की रिपोर्ट में दावा कहा- ईरान में नहीं नष्ट हुआ ऐनरिच यूरेनियम; ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

    25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

    आपातकाल की क्रूरता

    आपातकाल की क्रूरता: कांग्रेस के दमनकारी शासन की पोल खोलेगा इंदिरा गांधी सेंटर

    केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (FILE PHOTO)

    आपातकाल की त्रासदी: राजनाथ सिंह को मां के अंतिम संस्कार में नहीं होने दिया गया था शामिल

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    दिलजीत दोसांझ

    दिलजीत दोसांझ की फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेत्री- मीका और बी प्राक ने उठाए सवाल

    संत प्रेमानंद जी महाराज

    दुर्घटनाओं की वजह से लोगों की हो रही अकाल मृत्यु से बचने के लिए प्रेमानंद महाराज ने बताए 5 उपाय

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

भारत का अनकहा इतिहास: किसने जीता था झेलम का युद्ध, सिकंदर ने या फिर राजा पुरू ने?

Atul Kumar Mishra द्वारा Atul Kumar Mishra
25 June 2019
in इतिहास
झेलम का युद्ध राजा पुरू
Share on FacebookShare on X

झेलम का युद्ध : राजा पुरु बनाम सिकंदर महान

विश्व का सबसे महान योद्धा, ना भूतो न भविष्यति, जब सिकंदर जिसे यूनानी इतिहासकार सिकंदर द ग्रेट (सिकंदर महान) कह कर संबोधित कहते हैं अपने दिग्विजय अभियान पर निकला था, तब अनेकों साम्राज्य उसके समक्ष नतमस्तक हो गए, कुछ ने आत्मसमर्पण कर दिया और जिन्होंने उससे युद्ध करने का दुस्साहस किया, वे अपनी सेना समेत मारे गए। अंततः सिकंदर ने अपने नेत्र भारत की ओर उठाए। हाडेप्सास यानि झेलम का युद्ध हुआ और परिणाम वही था। सिकंदर ने राजा पुरू को पराजित किया परंतु फिर हुआ उसका हृदय परिवर्तन। महान और भी महान हो गया।

334 BCE का कालखंड था, सिकंदर फारस यानि की वर्तमान ईरान को हरा चुका था। और अब उसका ध्यान भारतभूमि की ओर था। यह वो काल था जब भारत आक्रांताओं के श्मशान के रूप में प्रचलित था। भारत की अकूत सम्पदा तो सबको भाती थी परंतु भारत को पराजित करना, ऐरावत पर आरूढ़ नमूचीहंता इंद्र को पराजित के सदृश दुष्कर था।

संबंधितपोस्ट

कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है
और लोड करें

फारसियों ने सिकंदर को इस बात से विदित करवाया कि उनका महानतम राजा साइरस जिसने लगभग सम्पूर्ण विश्व पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था वह दो सदी पहले भारत में वधित हुआ था। असीरियन रानी सेमीरमिस ने भारत पर 4 लाख अश्वारोही योद्धाओं के साथ आक्रमण किया था और 20 अश्वारोही योद्धाओं के साथ लौटी थी, बाकी भारतभूमि के वीर योद्धाओं के खडगों द्वारा यमपुरी भेज दिये गए थे।

परंतु सिकंदर निर्भीक योद्धा था। भारत-विजय उसका स्वप्न था। उसने भारत पर अपनी पूरी शक्ति के साथ आक्रमण कर दिया। यह उसके जीवन की एक बड़ी विफलता सिद्ध होने वाली थी।

युद्ध से पहले चलते हैं युद्ध के परिणाम पर, या कहें तो युद्ध के परिणाम की उस कथा पर जो यूनानी इतिहासकारों ने बढ़ चढ़ कर सुनायी है। यूनानी इतिहासकारों के अनुसार, सिकंदर युद्ध तो जीत गया परंतु वह अपने शत्रु पुरू की वीरता से अत्यंत प्रभावित हुआ। वह इतना प्रभावित हुआ की उसने पुरू से जीता हुआ राज्य पुनः उसे लौटा दिया। यही नहीं उसने पुरू को तक्षशिला नरेश आम्भिकुमार का राज्य भी दे दिया। पुरू के साथ हुए युद्ध में आम्भिकुमार सिकंदर की तरफ से लड़ा था।

थोड़ा विचित्र नहीं है? सिकंदर जो एक क्रूर आक्रांता था, जो युद्ध जीतने के लिए किसी भी प्रकार का छल, कपट और प्रपंच कर सकता था अनायास ही वो इतने विशाल हृदय वाला व्यक्ति कैसे बन गया? जिस राजा की सेना ने मैसेडोनिया की सेना को छत-विछत कर डाला था, उसे पुरस्कार देना तर्क संगत तो नहीं लगता? और अगर वास्तविकता में सिकंदर का हृदय इतना विशाल भी हो भी गया हो, फिर भी आम्भिकुमार का राज्य पुरू को देने का तो कोई औचित्य ही नहीं बनता?

इसका मात्र एक ही कारण हो सकता है? यूनानी इतिहासकार सदा से मिथ्या बोलते आयें है। सिकंदर और पुरू का युद्ध तो अवश्य हुआ था परंतु पराजय पुरू की नहीं सिकंदर की हुई थी। महान सिकंदर नहीं पुरू था।
अब आते हैं सिकंदर के एक लघु जीवन परिचय पर:

महान दार्शनिक और सिकंदर के गुरु अरस्तु ने एक बार भविष्यवाणी की थी कि सिकंदर का जन्म विश्वविजेता बनने के लिए हुआ है, परंतु सिकंदर के विश्वविजेता बनने के पथ में सबसे पहले आता था का मैसेडोनिया का राजसिंहासन । उस राजसिंहासन से पहले आते थे उसके सौतेले व चचेरे भाई। पिता की मृत्यु होते ही सिकंदर ने अपने में कुल में हत्याओं की मानो एक वृष्टि सी कर दी। एक के बाद एक अपने सौतेले व चचेरे भाइयों की हत्या करने के पश्चात सिकंदर मेसेडोनिया के सिंहासन पर आसीन हुआ। गृहयुद्ध का विजेता बनने के उपरांत सिकंदर विश्व विजय को प्रस्थान कर गया। निकटवारती राज्यों के विद्रोहियों का दमन करके उसने इरान पर आक्रमण किया, इरान विजित कर सिकंदर ने गोर्दियास और उसके पश्चात बेबीलोन को जीत लिया। उसके बाद वह अफगानिस्तान को जीतता हुआ सिन्धु नदी तक पहुँच गया। सिन्धु पार तक्षशिला था, जहाँ का राजा था आम्भीकुमार, और अम्भिकुमार के निकट झेलम पार फैला था महाराज पुरू का विशाल साम्राज्य। अम्भिकुमार स्वभाव से लोभी और निष्ठाहीन था और उसका महाराज पुरु से पुराना बैर था, सिकंदर को अपने राज्य तक आया देख उसने उससे हाथ मिलाना ही उचित समझा।

अब आते हैं झेलम का युद्ध पर:
राजा पुरु के शत्रु आम्भी की सेना के साथ सिकंदर ने झेलम पार की। राजा पुरू को सिकंदर की सेना की गतिविधियों और अम्भिकुमार के षड्यंत्र की पूरी जानकारी थी। यूनानी इतिहासकार बताते हैं की अगर सिकंदर झेलम नहीं पार कर पाता, तो निःसन्देह पुरू ही विजेता होते परंतु पुरू ने सिकंदर की सेना को झेलम क्यों पार करने दिया उसके पीछे एक बहुत ही रोचक कारण है। राजा पुरू को झेलम नदी के प्रवाह, फैलाव और संकीर्णता की सम्पूर्ण जानकारी थी। उन्हें यह भी ज्ञात था कि नदी कब पार करने के योग्य है और कब नहीं। सिकंदर की सेना ने नदी पार करने का जो समय चुना था वो अत्यंत मूर्खतापूर्ण निर्णय था। नदी पार करने के थोड़े समय पूर्व ही नदी में बाढ़ आ गयी और सिकंदर की बहुत सी सेना उसके चपेट में आ गई।

और जब सिकंदर पुरू के राज्य में पहुंचा तो ऐरावत पर बैठे देवराज इंद्र की तरह पुरू स्वयं उसकी प्रतीक्षा कर रहे थे। महाराज पुरू के पास मद बहाते गजराजों की एक विशाल सेना थी जिसे देख कर मैसेडोनिया के अश्वारोही आतंकित हो उठे। जब राजा पुरू की गजसेना यूनानियों का संहार करने लगी तो सिकंदर भय से आक्रांत हो उठा और उसके सैनिक आतंकित हो उठे। गजसेना के अलावा पुरू की सेना में प्रशिक्षित शूल-सेना की टुकड़ी भी थी जो सात सात फुट के पैने भालों का कुशलपूर्वक संधान करने में दक्ष थे। एक एक भाले से तीन तीन योद्धा मर कर गिरने लगे,ऐसा प्रतीत होता रहा था मानों साक्षात देवाधिदेव भगवान शंकर अपना भयंकर त्रिशूल लेकर युद्ध करने को युद्धभूमि में उतर आए हों।

सिकंदर की सेना के सारे बड़े योद्धा हिन्दू सेना के हाथों मारे गए। सेना के पाँव उखड़ता देख सिकंदर अंगरक्षक एवं अंत: प्रतिरक्षा टुकड़ी को लेकर रणक्षेत्र में घुस गया। राजा पुरु के भाई अमर ने सिकंदर का संधान कर के एक भयंकर भाला फेंका, जिससे सिकंदर का घोड़ा बुकिफाइलस वहीं मर गया और सिकंदर भूमि पर लोटने लगा। विश्वविजेता बनने चला सिकंदर भूमि में लोट रहा था, उसके चारों ओर हाथियों पर सवार पुरू की सेना थी। ऐसे दृश्य की यूनानियों ने स्वप्न में भी कल्पना नहीं की थी। राजा पुरू अपनी खड्ग लेकर सिकंदर के पास आए, अगर वो कोई यवन या गैरहिन्दु शासक होते तो पल भर में सिकंदर को वहीं मार डाला होता परंतु क्षत्रिय धर्म का अक्षरशः पालन करने वाला राजा पुरू ने निःशस्त्र सिकंदर को क्षमा दान देते हुए जीवित छोड़ दिया।
अब हम आते हैं उन साक्ष्यों की ओर जो इस बात का सत्यापन करते हैं की सिकंदर ने पुरू को नहीं वरन पुरू ने सिकंदर को पराजित किया था।

पहला साक्ष्य – जब हदैप्सेस अर्थात झेलम का युद्ध समाप्त हुआ तब यूनानी सेना ने एक आनंदोत्सव का आयोजन किया था जहां वे जम कर नाचे गाये थे। यूनानी इतिहासकार भी यह मानते हैं की झेलम का युद्ध सिकंदर के जीवन का सबसे भीषण युद्ध था जहां उसकी अधिकतर सेना मारी गई थी। इसके विपरीत ईरान और इससस के युद्ध में सिकंदर की विजय सम्पूर्ण भी थी और सरल भी। परंतु ईरान और इससस विजय के पश्चात यूनानी सेना ने कोई आनंदोत्सव नहीं किया था। इसका सीधा साधा अर्थ यह है कि जो सेना जीवित बच गई थी वो अत्यंत प्रसन्न थी और इसलिए उत्सव माना रही थी। ये मेरी कल्पना नहीं बल्कि यूनिवरसिटि ऑफ ह्यूस्टन के प्रोफेसर फ्रैंक ली हॉल्ट द्वारा लिखित किताब “Alexander the Great and the Mystery of the Elephant Medallions” में वर्णित है।
दूसरा साक्ष्य जिसका वर्णन हम पहले ही कर चुके हैं – अगर पुरू पराजित हुए तो उनका सिकंदर ने उनका सम्मान क्यों किया, उनका राज्य क्यों लौटा दिया? ये सिकंदर के स्वभाव के सर्वथा विपरीत आचरण था, और इसका सीधा अर्थ यही था कि पुरू पराजित नहीं वरन विजेता थे।

अब आते हैं तीसरे साक्ष्य पर, पुरू से झेलम का युद्ध के उपरांत सिकंदर सेना समेत तुरंत भारत छोड़ कर भाग खड़ा हुआ, यूनानी इतिहासकारों की माने तो वह और उसकी सेना युद्ध से और युद्ध में थक गया था। ये विश्वविजेता के लक्षण तो नहीं प्रतीत होते। सच्चाई यह है कि उसकी सेना आहत और निरुत्साह थी और विरोध के कगार पर थी।

रशिया के महान सेना-नायक मार्शल ग्रेगरी झुकोव ने भी कहा था की माइसेडोनिया की सेना की भारत में लज्जाजनक पराजय हुई थी।
इन साक्ष्यों, संकेतों और कथनों से साफ है की विश्वविजेता बनने का स्वप्न देख रहा सिकंदर भारत में बुरी तरह पराजित हुआ। राजा पुरू और उनकी सेना ने ना केवल उसे पराजित किया बल्कि आगे युद्ध लड़ने का मनोबल भी तोड़ दिया।

परंतु विडम्बना यह है कि पराजित होने के पश्चात भी इतिहास का नायक बना सिकंदर, महान की उपाधि मिली सिकंदर को। सिकंदर के भारतविजय की कथा इस बात का साक्ष्य है कि मिथ्या बारंबार बोलने पर सत्य प्रतीत होने लगती है। अपने योद्धा का गुणगान करने वाले यूनानी इतिहासकारों की सिकंदर के महिमामंडन की मंशा तो हमे समझ आती है परंतु भारतीय इतिहासकारों ने क्यों कभी इस युद्ध के गूढ रहस्यों को जानने का प्रयत्न नहीं किया, क्यों उन्होंने इस मिथ्या को इतिहास बनने दिया, क्यों उन्होंने राजा पुरू की शौर्य गाथा को इतिहास के एक अध्याय के एक परिच्छेद की एक पंक्ति में सीमित कर दिया। प्रश्न कई हैं और उत्तर एक भी नहीं, परंतु आशा करते हैं कि इस अंक को देखने के बाद आप सिकंदर और पुरू को अलग दृष्टि से देखेंगे।

यह थी कहानी एक सनकी के विश्वविजय अभियान की, कहानी एक विश्वासघाती के विश्वासघात की, कहानी सिकंदर के मानमर्दन की, कहानी राजा पुरू के अदम्य शौर्य की, कहानी भारत के स्वर्णिम इतिहास की और कहानी एक मिथ्या की जिसे सब ने सत्य मान लिया है।

Tags: झेलम का युद्धराजा पुरूसिकंदर
शेयर212ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

एंटिगुआ सरकार ने रद्द की मेहुल चोकसी की नागरिकता, जल्द हो सकता है प्रत्यर्पण

अगली पोस्ट

इन सुपरस्टार्स, फिल्म निर्देशकों और लेखकों ने आपातकाल का विरोध कर पेश किया था बड़ा उदाहरण

संबंधित पोस्ट

25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति
इतिहास

25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

25 June 2025

25 जून एक ऐसी तिथि है जिसे देश शायद ही कभी भूल पाये। 25 जून 1975 की मध्य रात्रि इंदिरा गाँधी ने देश को आपातकाल...

आपातकाल की क्रूरता
इतिहास

आपातकाल की क्रूरता: कांग्रेस के दमनकारी शासन की पोल खोलेगा इंदिरा गांधी सेंटर

25 June 2025

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA), जिसका नाम उस नेता के नाम पर रखा गया है जिन्होंने 1975 में लोकतंत्र को कमजोर किया था, अब...

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (FILE PHOTO)
इतिहास

आपातकाल की त्रासदी: राजनाथ सिंह को मां के अंतिम संस्कार में नहीं होने दिया गया था शामिल

25 June 2025

25 जून 1975 को देशभर में लगाए गए आपातकाल के 50 वर्ष पूरे हो गए हैं और बीजेपी ने इस दिन को 'संविधान हत्या दिवस'...

और लोड करें

टिप्पणियाँ 1

  1. Ramesh B Bhatia says:
    4 years पहले

    भारत के इतिहासकारों ने कभी भी भारत के विलक्षण बुद्धि के लेखकों को सन्मान नहीं दिया, भगवान राम ने जीती हुयी लंका का राज्य उसके भाई विभीषण को दे दिया. पर उसको कही महान नहीं बताया. पर सिकंदर ने दिया तो सिकंदर महान कहलाया ?
    रामायण और महाभारत तथा गीता ज्ञान जैसी पुस्तकों की कभी सराहना या उनका गुणगान नहीं किया विश्व के इतिहासकारों ने.. उनको काल्पनिक बताते रहे। हमारे भरतीय ज्ञान, कला, संस्कृति को कभी विश्वस्तरीय महानता नहीं मिली।

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

India's Rise: Defense and Diplomacy in 2047 Vision

India's Rise: Defense and Diplomacy in 2047 Vision

00:22:51

1975 emergency: India's 21 month dictatorship.

00:10:29

poverty crushed! Modi delivers india's biggest upliftment ever.

00:06:19

Right time for release? Sardar ji 3 drops amid tragedy

00:05:33

India' s oil and ethanol market at risk? Rural industries dear US flood

00:04:14
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited