वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब सत्ता में आए थे तो उन्होंने देश को गंदगी से मुक्त कराने का संकल्प लिया था। मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2014 में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत की गई जिसका एकमात्र उद्देश्य वर्ष 2019 तक भारत को एक साफ-सुथरे देश में परिवर्तित करना था। पिछले 5 सालों के दौरान मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन को एक जन-अभियान के तौर पर चलाया और लोगों को अपने आस-पास सफाई रखने के लिए जागृत किया गया। हालांकि, स्वच्छ भारत मिशन के बाद मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में अब जल संरक्षण को एक जन-अभियान का रूप देने की तैयारी में है। इसी के मद्देनजर आज यानि 1 जुलाई को भारत सरकार द्वारा जल शक्ति मिशन लॉन्च किया गया है।
भारत चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है और भारत अभी भयंकर जल संकट से जूझ रहा है। बारिश काम होने से इस साल जून महीना पिछले 5 सालों के मुक़ाबले सबसे सूखा रहा। पिछले साल नीति आयोग ने भारत में जल संकट के ऊपर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें बताया गया था कि वर्ष 2020 तक भारत के 21 बड़े शहरों का भू-जल स्तर खतरनाक रूप से कम हो जाएगा। इसी रिपोर्ट में भारत में पीने लायक पानी की कमी की समस्या और घटते जल संसाधनों को भी प्रकाशित किया गया था।
भारत में जल संरक्षण को लेकर लोगों और सरकारों का रुख काफी निराशाजनक रहा है। आज आलम यह है कि भारत सिर्फ 8 प्रतिशत बरसाती पानी को ही संरक्षित कर पाता है जो कि बेहद चिंतनीय है। भारत में दुनिया की 16 प्रतिशत आबादी रहती है जबकि देश के पास दुनिया के सिर्फ 4 प्रतिशत जल-संसाधन ही मौजूद है। ऐसे में भारत में जल्द से जल्द लोगों को जल संरक्षण के लिए जागृत करने की आवश्यकता है और नई सरकार ने अपने पहले महीने में ही यह दर्शा दिया है कि वह इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मोदी सरकार ने पहली बार ‘जल शक्ति’ के नाम से एक ऐसे मंत्रालय का गठन किया जिसका एकमात्र मकसद जल संसाधन से जुड़े अहम फैसलों पर जल्द से जल्द महत्वपूर्ण फैसले लेना है और इस मंत्रालय की ज़िम्मेदारी गजेन्द्र सिंह शेखावत को सौंपी गई है। इसके अलावा स्वयं प्रधानमंत्री मोदी भी ‘जल शक्ति’ अभियान को एक बड़ा रूप देने की तैयारी में हैं। पिछले हफ्ते दक्षिण ब्लॉक में पीएम मोदी ने कई मंत्रियों के साथ एक बैठक की जिसमें ‘जल शक्ति’ मंत्रालय के अफसर भी शामिल थे। इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह उनकी सरकार के पहले कार्यकाल में स्वच्छ भारत मिशन को प्राथमिकता दी गई थी, अब नई सरकार के कार्यकाल में जल शक्ति मिशन को एक जन-अभियान में बदलने का प्रयास किया जाएगा।
इसके अलावा कल पीएम मोदी ने चुनावों के बाद अपने पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी जल संरक्षण के मुद्दे पर खुलकर अपने विचार रखे और सभी लोगों से जल का संरक्षण करने का आह्वान किया। वहीं सरकार इस मिशन को लेकर पहले ही सुपर एक्शन मोड में आ चुकी है। 22 जून को पीएम मोदी ने देश के सभी सरपंचों को एक पत्र लिखकर उनसे गांवों में जल संरक्षण को लेकर चर्चा करने का आह्वान किया था और पीएम मोदी के मुताबिक इसको लेकर सरकार को काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिली है। इसके अलावा सरकार जल्द ही एक जल संरक्षण नीति को सबके सामने रख सकती है। सरकार पानी की भयंकर कमी से जूझ रहे 226 जिलों के लिए विशेष जल संरक्षण नीति को भी लागू कर सकती है।
भारत सरकार द्वारा जो जल-शक्ति मिशन लॉन्च किया गया है उसकी खास बात यह है कि इसके सारे प्रोजेक्ट्स समय-पाबंद होंगे। इस मिशन के तहत गांवों और ग्रामीण भारत में जल संरक्षण हेतु अभियान चलाये जाने पर ज़ोर दिया जाएगा। इस मिशन के तहत ही गांवों में सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने पर भी ज़ोर दिया जाएगा।
पानी की बचत आज देश की सबसे बड़ी जरूरत है और अगर इसपर जल्द से जल्द कोई काम शुरू नहीं होता है तो इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। जल संरक्षण को लेकर भारत सरकार का रवैया काफी आशाजनक दिखाई दे रहा है जो कि भविष्य के लिए एक शुभ संकेत है।