TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    "सावधान भारत!" अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    “सावधान भारत!” अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    औपनिवेशिक मिथक का पर्दाफ़ाश: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    ऐतिहासिक झूठ का खुलासा: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    "सावधान भारत!" अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    “सावधान भारत!” अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    औपनिवेशिक मिथक का पर्दाफ़ाश: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    ऐतिहासिक झूठ का खुलासा: हुमायूं-रानी कर्णावती राखी की झूठी कहानी और रक्षाबंधन की असली प्राचीन हिंदू उत्पत्ति

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

हैदराबाद पर नेहरू की जो नीति थी वही नीति कश्मीर के लिए सोनिया गांधी की रही है

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
19 September 2019
in समीक्षा
कांग्रेस

PC: deccanchronicle

Share on FacebookShare on X

इतिहास के तजुर्बों से हम सबक नहीं लेते इसीलिए इतिहास अपने आप को दोहराता है। यह कथन भारतीय इतिहास और खास कर कांग्रेस के इतिहास के लिए सटीक बैठती है। कई ऐसे प्रत्यक्ष मौके आए हैं जिससे यह कथन सिद्ध भी हुआ है। अगर हम हाल की घटनाओं पर नजर डालें तो पता चलेगा कि कांग्रेस ने इतिहास से कुछ भी नहीं सीखा। ये पार्टी पुरानी गलतियों को बार-बार दोहरा रही है। ऐसी ही पुरानी आदत एक बार फिर चर्चा में है, 100 वर्षों से पुरानी इस पार्टी ने अनुच्छेद 370 हटाने पर केंद्र सरकार का खुलकर विरोध किया। ठीक इसीत तरह स्वतन्त्रता के बाद जब हैदराबाद रियासत के निजाम ने भारत में विलय करने से मना कर दिया था तब सरदार पटेल ने सैन्य कारवाई करने का फैसला लिया था लेकिन तब भी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस फैसले का विरोध किया था। इन दोनों ही घटनाओं में कांग्रेस की देश विरोधी और देश को एक न होने देने की प्रवृत्ति स्पष्ट दिखाई पड़ती है। इन दोनों ही घटनाओं में बात देश के एकीकरण की थी लेकिन दोनों ही मौकों पर कांग्रेस ने विरोध कर अपनी अँग्रेजी मानसिकता का प्रदर्शन किया।

दरअसल, 15 अगस्त 1947, को जब हमारा देश स्वतंत्र हुआ था, तब उसके साथ ही 565 रियासतें और रजवाड़े भी स्वतंत्र हुए थे। उन्हें एक देश में पिरोने का दायित्व तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल एवं उनके विश्वसनीय सेक्रेटरी और चर्चित आईसीएस ऑफिसर वीपी मेनन को सौंपा गया था। कुशल नेतृत्व और बेजोड़ रणनीति से सरदार पटेल और वीपी मेनन ने असंभव को संभव कर दिखाया, और साल भर के अंदर ही 562 रियासत भारत में विलय को तैयार हो गये। लेकिन यह इतना आसान नहीं था।

संबंधितपोस्ट

ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण की कहानी

पांच अगस्त को फिर कुछ बड़ा कर सकती है मोदी सरकार? जम्मू-कश्मीर में अटकलें तेज

और लोड करें

परंतु जो क्षेत्र अभी भी भारत से नहीं जुड़े थे, उनमें प्रमुख थे, कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद। इनमें हैदराबाद जनसंख्या, क्षेत्रफल एवं सकल घरेलू उत्पादन की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत थी। हैदराबाद रियासत में आज के महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के कई क्षेत्र शामिल थे। उस समय हैदराबाद पर निज़ाम उस्मान अली खान का राज था। हालांकि, वे मात्र कठपुतली थे, क्योंकि असली शासन निज़ाम के सलाहकारों में से एक और मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (MIM) के कद्दावर नेता, कासिम रिजवी के पास था, वहीं कासिम रिजवी अपनी खुद की रजाकारों की फौज खड़ी कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक रजाकारों की संख्या 20,000 से 2 लाख के बीच थी। इन रजाकारों का मानना था कि या तो हैदराबाद को एक स्वतंत्र राज्य रहने दिया जाए जहां शरिया कानून लागू होता, या फिर उसे पाकिस्तान के साथ जोड़ दिया जाए। इसके लिए रजाकारों ने गावों को लूटना शुरू किया, यही नहीं कई क्षेत्रों में गैर मुस्लिमों पर हमले किये जाने लगे। इस दौरान न केवल निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया, अपितु महिलाओं और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार भी किया गया। जो भी कोई हिन्दू अख़बार अथवा साप्ताहिक पत्र के माध्यम से निज़ाम के अत्याचारों को हैदराबाद से बाहर अवगत कराने की कोशिश करता था तो उस पर छापा डाल कर उसकी प्रेस जब्त कर ली जाती थी और जेल में डाल कर अमानवीय यातनाएँ दी जाती थी। भारत में होते हुए भी हैदराबाद भारत के लिए नासूर बनने लगा था। उस समय भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबैटन हुआ करते थे, जो हैदराबाद पर किसी प्रकार के बल प्रयोग के पक्ष में नहीं थे। वे चाहते थे कि सभी मुद्दे बातचीत से हल हो, और इसी बात का प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी अनुमोदन किया था।

A. G. Noorani ने लिखा है कि नेहरू बातचीत से मामला सुलझाना चाहते थे। तत्कालीन कांग्रेस के मुखिया और देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सैन्य प्रयोग का विरोध कर हैदराबाद को स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट कराने का फैसला किया था। इसका परिणाम यह हुआ कि कासिम रिजवी और राजकारों ने जनता पर अत्याचार जारी रखा और लोगों को लूटते रहे। इसके बाद सरदार पटेल ने हैदराबाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को अंतिम रूप दिया। दो बार भारतीय सेना की हैदराबाद में घुसने की तारीख तय की गई लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते इसे रद्द करना पड़ा। इससे सरदार पटेल का धैर्य टूट गया, उन्होंने सेना की टुकड़ी हैदराबाद में भेज दी। पटेल ने गुप्त तरीके से योजना को अंजाम देते हुए भारतीय सेना को हैदराबाद भेज दिया। पटेल ने घोषणा की कि भारतीय सेना हैदराबाद में घुस चुकी है। इसे रोकने के लिए अब कुछ नहीं किया जा सकता। सेना के पहुंचने के बाद 5 दिन तक जबरदस्त लड़ाई हुई। पुलिस एक्शन बताने के चलते दुनिया के किसी और देश ने हाथ नहीं डाला। 18 सितंबर तक पूरी रियासत पर भारत का नियंत्रण हो गया। निजाम ने सरेंडर करते हुए भारत के साथ विलय के समझौते पर हस्‍ताक्षर कर दिया। इस तरह हैदराबाद का भारत में विलय हो गया।

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि आखिर जवाहरलाल नेहरू ने सैन्य कारवाई का विरोध क्यों किया? क्या उन्हें यह पता नहीं था था कि हैदराबाद में रजाकारों ने किस तरह से लोगों की हत्या और महिलाओं का दुर्व्यवहार किया है? क्या उन्हें यह भी नहीं पता था कि हजारों हिन्दू बच्चों को पकड़ कर सुन्नत कर दिया गया था, और जो किसी काम के नहीं थे उन्हें जान से मार दिया गया था। लेकिन फिर भी जवाहर लाल नेहरू ने सरदार पटेल के सैन्य आक्रमण के प्रस्ताव को नकार दिया था। यहाँ तक कि उन्होंने सरदार पटेल को इस सैन्य कारवाई के प्रस्ताव के लिए सांप्रदायिक भी करार  दिया था। इस बात का उल्लेख पूर्व आइएएस अधिकारी एम.के.के नायर की पुस्तक ‘द स्टोरी ऑफ एन एरा विदाउट इल विल’ में मिलता है। लेकिन आखिर में जीत सरदार पटेल की ही हुई और आज हैदराबाद में किसी भी प्रकार की अराजकता नहीं है और यह तब से ही भारत का पूर्ण रूप से हिस्सा है।

ठीक इसी तरह जवाहर लाल नेहरू ने इस सफलता से सीख नहीं ली और खुद को घर्मनिरपेक्ष साबित करने के लिए जम्मू-कश्मीर को भी भारत से अलग रखने वाला अनुच्छेद 370 को बिना सदन से पास किए बिना ही राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से लागू करवा दिया। इसी अनुच्छेद का सहारा लेकर पाकिस्तान ने कश्मीर घाटी में “ऑपरेशन टोपक” से अलगाववाद की आग भड़काना शुरू किया जिससे पूरा कश्मीर जल उठा और कश्मीरी पंडितों पर इतने अत्याचार हुए कि उन्हें अपने घर और राज्य से पलायन कर दूसरे राज्य में जाना पड़ा। कांग्रेस आज भी ये मानने से भी डरती हैं कि अनुच्छेद 370 के कारण ही कश्मीरी पंडितों के साथ बुरा हुआ। कांग्रेस वो दिन भूल जाना चाहती है जब 19 जनवरी 1990 को कश्मीर के पंडितों को अपना घर छोड़ने का फरमान जारी हुआ था।

1989 में जिहाद के लिए गठित जमात-ए-इस्लामी ने कश्मीर में इस्लामिक ड्रेस कोड लागू कर दिया। उसने नारा दिया- हम सब एक, तुम भागो या मरो। उस दौर के अधिकतर हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई। उसके बाद 300 से अधिक हिंदू-महिलाओँ और पुरुषों की आतंकियों ने हत्या की। घाटी में कई कश्मीरी पंडितों की बस्तियों में सामूहिक बलात्कार और लड़कियों के अपहरण किए गए। एक स्थानीय उर्दू अखबार, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई और लिखा, ‘सभी हिंदू अपना सामान बांधें और कश्मीर छोड़ कर चले जाएं’। कश्मीरी पंडितों के घर के दरवाजों पर नोट लगा दिया गया, जिसमें लिखा था ‘या तो मुस्लिम बन जाओ या कश्मीर छोड़ दो। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 60 हजार परिवार कश्मीर छोड़कर जाने को मजबूर हुए और उन्हें आस-पास के राज्यों में पनाह लेना पड़ा। 19 जनवरी 1990 को सबसे ज्यादा लोगों ने कश्मीर छोड़ा था। लगभग 4 लाख लोग विस्थापित हुए थे। इतना ही नहीं आज भी जम्मू-कश्मीर में जो आतंकवाद जारी है यह अनुच्छेद 370 का ही परिणाम है फिर भी कांग्रेस पार्टी ने कभी उन परिवारों के बारे में नहीं सोचा और जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किया और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से भारत में विलय किया तब कांग्रेस ने इस फैसले का पुरजोर विरोध किया और जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने वाले अनुच्छेद 370 का समर्थन किया। साथ ही में थोड़े दिन के कर्फ़्यू पर तो सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस इतना हँगामा करने लगी जैसे उनकी सांसें रोक दी गयी हों। यह ठीक उसी प्रकार था जैसे नेहरू ने हैदराबाद पर सैन्य कारवाई के फैसले पर बौखला गए थे। कांग्रेस ने अपने इतिहास से जरा भी सीख नहीं लिया कि कैसे आखिर सैन्य कारवाई ही सफल रही थी जिसके कारण आज हैदराबाद में शांति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला दूरगामी परिणाम देने वाला है। इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों का न सिर्फ देश के अन्य लोगों के साथ जुड़ाव बढ़ेगा बल्कि कश्मीर में बढ़ा हुआ अलगाववाद भी समाप्त होगा। इस फैसले का विरोध कर कांग्रेस ने अपनी पुरानी आदतों को ही उजागर किया है। अगर अब भी यह पार्टी सीख नहीं लेती है तो निश्चित ही कांग्रेस का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

Tags: जम्मू-कश्मीरपं. नेहरूसरदार वल्लभ भाई पटेलहैदराबाद
शेयर35ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ये 5 नेता पीएम मोदी को सुबह-शाम गाली बकते थे, अब इनके राजनीतिक करियर पर ग्रहण लग चुका है

अगली पोस्ट

वित्तमंत्री 100% सही हैं: मारुति के चेयरमैन ने निर्मला सीतारमण के ओला-ऊबर वाले बयान का समर्थन किया

संबंधित पोस्ट

गाजा मायने रखता है, हिंदू नहीं? गांधी परिवार की तुष्टिकरण की राजनीति जारी है
मत

“गांधी परिवार की प्राथमिकताएं सवालों के घेरे में, गाजा पर आवाज़, हिंदुओं पर चुप्पी?”

29 July 2025

मानवीय वकालत के क्षेत्र में, निरंतरता न केवल नैतिक विश्वसनीयता के लिए, बल्कि लोकतांत्रिक संदर्भ में नेतृत्व की वैधता के लिए भी मायने रखती है।...

जिस MY यानी मुस्लिम यादव समीकरण के दम पर ये कथित समाजवादी यूपी और बिहार में सालों तक राज करते रहे, उस MY समीकरण में भी उन्हें सिर्फ M ही नजर आया।
राजनीति

मुहर्रम के जुलूस में मारे गए अजय यादव M-Y समीकरण के Y हों या न हों, उनकी पहचान हिंदू थी

8 July 2025

अजय यादव का नाम इन दिनों सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। 32 वर्ष के अजय यादव, न कोई फिल्म स्टार थे, न राजनेता,...

बिहार में ताजिया जुलूस में अजय यादव की लाठी-तलवार से हत्या, शहाबुद्दीन को सलाम करने वाले तेजस्वी अजय की हत्या पर खामोश क्यों?
समीक्षा

बिहार में ताजिया जुलूस में अजय यादव की लाठी-तलवार से हत्या, शहाबुद्दीन को सलाम करने वाले तेजस्वी अजय की हत्या पर खामोश क्यों?

7 July 2025

तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इन दिनों एक बार फिर अपने पुराने मुस्लिम-यादव यानी MY सामाजिक समीकरण को हवा देकर बिहार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Legal Expert: Inside Sanjay Kapoor's Rs 18,000 Cr property Distribution

Legal Expert: Inside Sanjay Kapoor's Rs 18,000 Cr property Distribution

00:10:19

From jewellery to petroleum, know all about key exports at risk under Trump's 50% tariffs

00:04:28

himalayan fragility exposed. Dharali: Not Just A Cloudburst?

00:20:21

India’s Project-18 Warship Will Crush China’s Indo-Pacific Dreams

00:05:52

PRALAY MISSILE: Know about India’s 5,000 kg Beast That Can Evade Any Radar

00:05:52
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited