पिछले दिनों भारतीय विदेश मंत्रालय ने तुर्की द्वारा सीरिया में किए जा रहे एकतरफा हमलों की कड़ी निंदा की थी और तुर्की को संयम बरतने को कहा था। भारत द्वारा तुर्की की आलोचना के बाद अब सीरिया ने भारत सरकार का आभार जताया है और कहा है कि भारत शुरू से ही सीरिया के साथ खड़ा होता आया है। बता दें कि एक तरफ जहां पूरी दुनिया सीरिया में तुर्की के इन हमलों की निंदा कर रही है, तो वहीं हमारे पड़ोसी देश पाक ने इसको लेकर तुर्की का समर्थन किया था। अब सीरिया ने भारत की तारीफ करने के साथ-साथ पाक को आतंक का समर्थक बताया है। इसी के साथ सीरिया ने कश्मीर मुद्दे पर भी भारत का साथ दिया है।
दरअसल, कल यानि सोमवार को भारत में मौजूद सीरिया के रियाद कामेल अब्बास ने तुर्की के हमलों पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने तुर्की के हमलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि तुर्की क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। इसी के साथ उन्होंने इस मुद्दे पर तुर्की की आलोचना करने के लिए भारत का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत एक मजबूत आवाज़ है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत शुरू से ही सीरिया की मदद करता आया है और आगे भी भारत ने सीरिया की मदद करने का पूरा आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा ‘तुर्की के हमलों की निंदा से भारत के सीरिया से रिश्ते और मजबूत हुए हैं। भविष्य में हम अपना सहयोग और बढ़ाएंगे’। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार की ओर से उन्हें दवा, खाद्य पदार्थ और जरूरी सामानों की सप्लाई जारी रखने का भरोसा मिला है।
सीरिया के राजदूत ने इसी के साथ-साथ पाक को भी तुर्की का समर्थन करने के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा ‘तुर्की आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश है और जो देश उसे समर्थन दे रहे हैं, वे भी आतंकवाद समर्थक हैं। इसी के साथ कश्मीर मुद्दे पर बोलते हुए सीरियाई राजदूत ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अंग है और भारत ने नागरिकों के हित में वहां से अनुच्छेद 370 हटाया है। यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है और इस पर किसी अन्य देश को बोलने का अधिकार नहीं है’।
बता दें कि तुर्की वैसे तो वहां पर आतंकवाद को खत्म करने की बात कहकर सीरिया में अपनी फौज भेज रहा है, लेकिन असल में तुर्की ISIS के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले कुर्द लड़ाकों पर हमला कर रहा है। तुर्की के इस हमले से सीरिया में एक बड़ा मानवीय संकट पैदा हो गया है और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ रहा है। तुर्की के हमलों ने सीरिया में एक बार फिर अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है। तुर्की के इन हमलों के कारण अब तक 1 लाख 30 हज़ार लोग अपना स्थान छोड़ने पर मजबूर हो चुके हैं और 60 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की के हमलों के जवाब में कुर्दों द्वारा किये गये हमले में तुर्की के भी 18 नागरिकों की मौत होने की खबर आ रही है। मासूम जानों के जाने के साथ-साथ तुर्की के हमलों से कुर्दों के कब्जे में कैद लगभग 700 ISIS के आतंकवादी कैद से भागने में कामयाब हो रहे हैं जिसके कारण फिर एक बार ISIS के फिर से सक्रिय होने का खतरा बढ़ गया है।
इसी को लेकर पिछले दिनों भारतीय विदेश मंत्रालय ने तुर्की की कड़ी आलोचना की थी। 10 अक्टूबर को इस मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था ‘हम पूर्वोत्तर सीरिया में तुर्की के एकतरफा सैन्य हमले पर गहरी चिंता जाहिर करते हैं। तुर्की का कदम क्षेत्र में स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर कर सकता है। इस कदम से मानवीय संकट पैदा होने की संभावना है।’
We are deeply concerned at the unilateral military offensive by Turkey in north-east #Syria. Turkey’s actions can undermine stability in the region and the fight against terrorism. Its action also has the potential for causing humanitarian and civilian distress.
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) October 10, 2019
मंत्रालय ने आगे कहा, ‘हम तुर्की से अपील करते हैं कि वह सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता का सम्मान करे और संयम बरते। हम बातचीत और चर्चा के माध्यम से मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की अपील करते हैं।’
We call upon Turkey to exercise restraint and respect the sovereignty and territorial integrity of Syria.
We urge the peaceful settlement of all issues through dialogue and discussion.https://t.co/HuIzEYGbof
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) October 10, 2019
भारत के इसी जवाब के बाद अब सीरिया की यह प्रतिक्रिया आई है। बता दें कि कश्मीर मुद्दे पर तुर्की ने पाक की भाषा बोलते हुए यूएन में इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद से ही तुर्की को भारत सरकार का गुस्सा झेलना पड़ रहा है। भारत सरकार इससे पहले तुर्की की एक कंपनी के साथ 2.3 बिलियन डॉलर के एक समझौते को रद्द कर चुकी है। तुर्की विरोधी कूटनीति के तहत ही भारत ने तुर्की के इन हमलों की निंदा की थी, जिसका अब सीरिया ने स्वागत किया है।