TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    पीएम मोदी, मोहन भागवत और योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा की स्थापना की

    धर्मध्वजा स्थापना और राम मंदिर की पूर्णता अर्थात् – भारत के स्वत्व जागरण की पुनर्यात्रा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    पीएम मोदी, मोहन भागवत और योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा की स्थापना की

    धर्मध्वजा स्थापना और राम मंदिर की पूर्णता अर्थात् – भारत के स्वत्व जागरण की पुनर्यात्रा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

पूर्व आर्थिक सलाहकार ने उठाये अभिजीत बनर्जी के रिसर्च के तरीकों पर गंभीर सवाल

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
3 January 2020
in अर्थव्यवस्था
अभिजीत बनर्जी
Share on FacebookShare on X

पिछले वर्ष भारतीय अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को इकोनॉमिक्स के लिए प्रतिष्ठित नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके साथ उनकी पत्नी Esther Duflo और Michael Kremer को भी नोबल पुरस्कार दिया गया था। इन सभी को यह पुरस्कार अर्थशास्त्र में यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण यानि Randomised Controlled Trial(RCT) प्रणाली के सफल प्रयोग हेतु दिया गया था। अभिजीत बनर्जी ने ये प्रयोग भारत के ही राजस्थान के एक गांव में किया था, लेकिन भारत में इस तरह के प्रयोगों के लिए किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं है। RCT प्रयोग एक अमानवीय प्रयोग है जिसमें लोगों को लैबोरेटरी के वस्तु की तरह ट्रीट किया जाता है।

उपरोक्त तीनों अर्थशास्त्रियों ने वैश्विक गरीबी से निपटने के लिये एक नई प्रणाली RCT को विकसित किया है जिसके माध्यम से गरीबी उन्मूलन के लिये लागू की जाने वाली योजनाओं की प्रभावी जांच करने में मदद मिलेगी।

संबंधितपोस्ट

बेमतलब युद्ध के सायरन बजा रहे मीडिया चैनल्स के लिए सरकार ने जारी की एडवाइज़री

धर्म पूछकर जिन्होंने मार दिए 26 मासूम, उन्हें BBC-अल जजीरा बता रहे बंदूकधारी-चरमपंथी; ‘वायर’ ने भी दिखाई बेशर्मी

पहले IIT बाबा से ‘मारपीट’ अब महिलाओं के बीच गाली गलौज: TRP के लिए न्यूज़ चैनलों की गिर रही साख?

और लोड करें

आखिर RCT है क्या?

यह एक प्रकार का वैज्ञानिक प्रयोग है जिसके अंतर्गत व्यक्ति समूह को यादृच्छिक यानि Random  आधार पर दो समूहों में बांटा जाता है। इसमें से एक समूह में प्रयोग के तौर पर कुछ अधिक तत्व दिये जाते हैं तथा दूसरे समूह का उपचार पारंपरिक तरीके से ही किया जाता है। उसके बाद दोनों प्रयोगों से प्राप्त परिणामों की तुलना की जाती है। इस प्रयोग के परिणाम का उपयोग हस्तक्षेप की प्रभावशीलता का आंकलन करने के लिये किया जाता है।

आसान भाषा में कहें तो इस प्रक्रिया में किसी गांव को अपनी प्रयोगशाला बनाकर व्यक्ति समहू को किसी सब्जेक्ट या जानवर जैसा बर्ताव किया जाता है। कितना अमानवीय है ये। आप खुद ही सोच कर देखें कि अगर आपके साथ कोई ऐसा करे तो कैसा लगेगा? लेकिन फिर भी इस RCT का प्रयोग करने वालों को नोबल पुरस्कार दिया जाता है और लोग खुश भी होते है।

इंडियन एक्सप्रेस अनुसार यदि किसी समुदाय के लोगों को हमें मोबाइल वैक्सीनेशन की सुविधा देनी है तथा अनाज बाँटने हैं तो RCT प्रयोग के तहत गांव के लोगों को चार समूहों A, B, C तथा D में विभाजित किया जाएगा। समूह A को केवल मोबाइल वैक्सीनेशन की सुविधा दी जाएगी, समूह B को केवल अनाज दिया जाएगा, समूह C को दोनों सुविधाएँ दी जायेंगी तथा समूह D को कोई सुविधा नहीं दी जाएगी। इसमें समूह D को ‘नियंत्रित समूह’ कहा जाएगा जबकि अन्य सभी को ‘उपचार समूह’ कहा जाएगा। इस परीक्षण से प्राप्त परिणामों से यह पता चलेगा कि किसी विशेष हस्तक्षेप से किसी योजना के क्रियान्वयन में अलग-अलग समूहों पर क्या प्रभाव पड़ता है।

माइकल क्रेमर ने इस प्रयोग को सर्वप्रथम केन्या के स्कूलों में लागू किया था एवं इस बात की जांच की थी कि मुफ्त खाना तथा किताब बांटने से बच्चों की शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

इससे पहले, RCT केवल बायोमेडिकल और स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में लोकप्रिय था। लेकिन अब सामाजिक वैज्ञानिकों ने लोगों पर किसी नीति के प्रभाव को देखने के लिए इस विधि का उपयोग करना शुरू कर दिया है। अब तक, अमेरिका RCT के लिए सबसे लोकप्रिय स्थान है, जहां RCT करने वाले अधिकांश शोधकर्ता आधारित हैं। हालांकि, भारत भी RCT की लोकप्रियता के मामले में अमेरिका से पीछे नहीं है और अमेरिका के बाद भारत का ही नंबर है। अमेरिकन इकोनॉमिक एसोसिएशन के अनुसार, 2012 से भारत में 247 आरसीटी आयोजित किए गए हैं।

इसी के मद्देनजर भारत सरकार की पूर्व प्रधान आर्थिक सलाहकार इला पटनायक ने द प्रिंट में लिखा है कि भारत शोधकर्ताओं के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य के रूप में उभरा है। इसके कई कारणों में से एक है गरीब लोगों की अधिकता और भारत के अधिकांश हिस्सों में अंग्रेजी का उपयोग।

हालांकि, सबसे महत्वपूर्ण और चिंताजनक बात यह है कि अभिजीत बनर्जी जैसे लोगों द्वारा की जाने वाली इस RCT को नियंत्रित करने के लिए एक कानूनी ढांचे की कमी। हालांकि, भारत ने वर्ष 2017 में biomedical और health research के लिए दिशानिर्देश तैयार किए थे लेकिन, non-clinical trials  के लिए अभी भी किसी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं है। आसान शब्दों में कहे तो गरीब लोग जिनपर ये अमीर विद्वान प्रयोग करते है उनकी जान की कीमत ही नहीं है। कई देशों में इस RCT के लिए कड़े दिशा निर्देश मौजूद है। जैसे जिनपर ये प्रयोग किया जा रहा है, उनसे पहले उनकी सहमति ली जाएगी।

केन्या, मलावी और कई अन्य गरीब देशों ने आरसीटी को कंट्रोल करने के लिए दिशानिर्देश तैयार कर चुके हैं। इसलिए, भारत अभी भी इस तरह के प्रयोगों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बना हुआ है, जो अन्य देशों में आयोजित नहीं किए जा सकते हैं। शोधकर्ता को आमतौर पर विश्वविद्यालय संस्थागत समीक्षा बोर्डों (IRBs) या नैतिकता बोर्डों से बस ग्रीन सिग्नल की आवश्यकता होती है। शोधकर्ताओं को देश के दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता होती है। लेकिन भारत जैसे देश के साथ जहां दिशानिर्देशों को अभी तक तैयार नहीं किया गया है, शोधकर्ता आमतौर पर ऐसे प्रयोगों को संचालित करने के लिए तुरंत अप्रूवल मिल जाता है।

भारत में अभिजीत बनर्जी जैसे लोगों द्वारा गरीबों को लैब के उपकरण की तरह प्रयोग करने के दौरान किसी भी प्रकार से सरकार का हस्तक्षेप नहीं होता और वे मनमानी ढंग से अपने प्रयोग को अंजाम देते है। जिन लोगों को सबजेक्ट बनाया जाता उनके अधिकारों के बारे में कोई नहीं सोचता और कम ही मामलों में उनकी सहमति ली जाती है। इस तरह से ऐसे प्रयोग में मानवाधिकार के हनन की संभावना अत्यधिक रहती है और इससे कोई इंकार भी नहीं कर सकता।

ऐसे में जब अभिजीत बनर्जी जो इस तरह के शोध कर लोगों को लैब के एक वस्तु की तरह ट्रीट कर नोबल पुरस्कार पा जाते है तो इससे इस तरह के शोध की संभावना और अधिक हो जाती है। जिस तरह से मीडिया ने उन्हें अपने सिर आँखों पर बैठाया उससे तो यही प्रतीत होता है कि जिन लोगों को किसी लैब के जानवर की तरह प्रयोग में लाया जाता, उनकी जान या उनके अधिकार का कोई महत्व ही नहीं है। अधिकतर मामलों में ये प्रयोग गरीब परिवारों पर ही किया जाता है जो समाज में सबसे कमजोर तबके से आते हैं और उनके  लिए कोई बोलने वाला भी नहीं होता है। अब देश की संसद को यह तय करना है कि इस तरह से प्रयोगों को नियंत्रित करने के लिए एक legislative framework तैयार करे जिससे और गरीबों पर अत्याचार न हो।

Tags: अभिजीत बनर्जीमीडिया
शेयर20ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पहले 370 पर दो फाड़, अब CAA पर पार्टी में घमासान, कांग्रेस के हाईकमान और क्षेत्रीय नेताओं के बीच फिर ठनी

अगली पोस्ट

टाटा को लगा एक और झटका, आयकर विभाग अब करेगा टाटा ट्रस्ट को मिले विदेशी धन की जांच

संबंधित पोस्ट

खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की
अर्थव्यवस्था

खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

19 November 2025

उत्तराखंड ने एक बार फिर खनन क्षेत्र में अपने बेहतरीन काम और लगातार सुधारों की वजह से केंद्र से बड़ी प्रोत्साहन राशि हासिल की है।...

तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज
अर्थव्यवस्था

तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

7 November 2025

भारत आज जिस मोड़ पर खड़ा है, वह केवल उसके आर्थिक उत्कर्ष का नहीं, बल्कि उसके सभ्यतागत पुनर्जागरण का भी क्षण है। यह वह युग...

80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़
अर्थव्यवस्था

80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

1 November 2025

भारत-पाकिस्तान संबंध हमेशा तनाव और जटिलताओं से भरे रहे हैं, लेकिन हालिया जल-सैन्य रणनीति ने पाकिस्तान के लिए खेल बदल दिया है। सिंधु बेसिन पर...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited