मलाला युसुफ़ज़ई के गोलीकांड में एक नाटकीय मोड़ आया है। पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान आर्मी ने एक ऑडियो क्लिप जारी किया है। इस ऑडियो क्लिप में उसने दावा किया है कि वो पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों के चंगुल से भाग निकला। इतना ही नहीं, मलाला युसुफ़ज़ई पर गोली चलवाने और 2014 में पेशावर आर्मी स्कूल पर आतंकी हमला करवाने वाले इस आतंकी ने यह भी दावा किया ही कि उसने पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक गुप्त समझौता किया है। इस खुलासे से एक बार फिर इस्लामाबाद द्वारा आतंकियों को संरक्षण देने के आरोप पर मुहर लग गई है।
बता दें कि 9 अक्टूबर 2012 को एक परीक्षा देने के बाद मलाला युसुफ़ज़ई को तालिबान के आतंकियों ने गोली मारी थी। शिक्षा के लिए अपनी आवाज़ उठाने के लिए चर्चा में रहने वाली 14 वर्षीय मलाला को तुरंत ही अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिल गयी, और उसे तुरंत इंग्लैंड शिफ्ट कर गया, जहां न सिर्फ उसका इलाज हुआ अपितु वे वहीं अपनी पढ़ाई पूरी कर रही है।
अब दिलचस्प बात तो यह है कि मलाला युसुफ़ज़ई ऐसे तो कई मुद्दों पर अपना पक्ष खुलकर बताती है, परंतु एहसानुल्लाह एहसान आर्मी के इस दावे पर चुप्पी साधे बैठी है। जिस व्यक्ति ने उसकी जान लेने का प्रयास किया था, उसी के भाग जाने पर मलाला के मुंह से अब तक एक शब्द नहीं निकले हैं।
पिछले ही वर्ष अनुच्छेद 370 हटाये जाने पर मलाला को मानो निजी क्षति पहुंची थी, और उसने दावा किया कि चूंकि दक्षिण एशिया मेरा घर है, इसलिए वे कश्मीर को अपना घर मानती है और उसके नागरिकों पर हो रहे कथित अत्याचार से वो काफी व्यथित है। परंतु जब उसपर हमला करवाने वाला आतंकी भाग निकला है, तो मलाला अपना गर यैद नहीं आया।
अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधान निरस्त होने पर मलाला युसुफ़ज़ई ने भारत के विरुद्ध प्रोपगैंडा फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। वो तो यह भी खबर प्रसारित करने लगी कि भारत कश्मीरी नागरिकों पर अनगिनत अत्याचार ढा रहा है। इससे सिद्ध हो गया था कि वो भारत को नीचा दिखाने के लिए किस हद तक जा सकती है, और इसके लिए सोशल मीडिया पर भी उसकी खूब आलोचना भी हुई –
This woman is a pure hypocrite… U should have checked the facts before tweeting @Malala… 12th August was a holiday on the occasion of Eid… All u wanna do is spread hate in Kashmir…U guys can never gain control over integral part of India.. Get a life & stop spreading hate https://t.co/U7UyceqpIM
— Aditya Srivastav (@imaditya_s) September 15, 2019
I am deeply concerned about reports of 4,000 people, including children, arbitrarily arrested & jailed, about students who haven’t been able to attend school for more than 40 days, about girls who are afraid to leave their homes.
— Malala Yousafzai (@Malala) September 14, 2019
Dear @Malala, I wish you used honesty to judge any situation before jumping to your dramatic https://t.co/0Y6fF47oFJ see an average morning in Srinagar and apologise for the nonsense you alleged. Lost all respect for you ! https://t.co/cqO9jgyJhZ
— Shazia Ilmi (मोदी का परिवार) (@shaziailmi) September 16, 2019
परंतु पाकिस्तान में हो रहे अल्पसंख्यकों एवं अन्य समुदायों पर अत्याचार के बारे में उसने एक शब्द नहीं बोला। आज भी पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए दिन रात प्रयासरत है। पाकिस्तान के समर्थन का ही नतीजा है कि तालिबान आज भी एक सक्रिय आतंकी संगठन है। यदि मलाला वास्तव में नारी शक्ति की हितैषी होती, तो वो पाकिस्तान को आड़े हाथों लेती, परंतु मलाला एक हिपोक्रेट को अलावा कुछ भी नहीं है। जब एक ट्विटर यूजर ने उनसे दो हिन्दू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्मांतरण का विरोध करने को कहा, तो उसने उस यूजर को उल्टा ब्लॉक ही करा दिया।
मलाला अक्सर शांति की बात करती है, चाहे वो रोहिंग्या के मुद्दे पर हो या फिर कश्मीर के मुद्दे पर। परंतु पाकिस्तान के नाममात्र से मानो उसे साँप सूंघ जाता है। इसीलिए वे एक मसीहा कम, एक हिपोक्रेट ज़्यादा है, जो अब उस आतंकी के भागने पर मौन साधे बैठी है, जिसके कारण उसकी जान खतरे में पड़ गयी थी।