TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने 'चिकन नेक' को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    भारत ने ‘चिकन नेक’ को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने 'चिकन नेक' को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    भारत ने ‘चिकन नेक’ को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

शिव पार्वती विवाह : शिव जी और माँ पार्वती का विवाह कैसे हुआ? पढ़िए पूरी कथा

TFI Desk द्वारा TFI Desk
1 March 2021
in धार्मिक कथा, संस्कृति
शिव पार्वती विवाह

PC : Bhaskar

Share on FacebookShare on X

शिव पार्वती विवाह सम्पूर्ण कथा

हम जानते हैं कि भगवान शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था। देवी पार्वती भगवान शिव की शक्ति, उनकी शक्ति हैं।क्या आप जानते हैं शिव जी और माता पार्वती जी का विवाह कैसे हुआ? शिव पार्वती के विवाह की कथा दुष्ट राक्षस तारकासुर से शुरू होती है। तारकासुर एक बहुत शक्तिशाली राक्षस था और उन्होंने घोर तपस्या की थी। तारकासुर को हराने के लिए न तो मनुष्य और न ही देवता इतने शक्तिशाली थे। तारकासुर ने देवताओं और मनुष्यों को आतंकित किया। हालांकि देवताओं ने वापस लड़ने की कोशिश की, लेकिन वे राक्षस की शक्ति या क्रूरता का मुकाबला नहीं कर सके।

तारकासुर से लड़ने में असमर्थ, सभी मनुष्य और देवता मदद के लिए भगवान ब्रह्मा के पास गए। तभी भगवान ब्रह्मा ने उन्हें बताया कि केवल भगवान शिव का पुत्र ही राक्षस तारकासुर को नष्ट करने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली था।

संबंधितपोस्ट

कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है
और लोड करें

भगवान शिव ने देवी सती से विवाह किया था। हालाँकि, सती की मृत्यु के बाद से, भगवान शिव हिमालय से पीछे हट गए थे और तपस्या में थे। उनका ध्यान इतना गहरा था कि उन्हें विचलित नहीं किया जा सकता था।

देवता फिर मदद के लिए भगवान ब्रह्मा के पास गए। ब्रह्मा ने उन्हें महादेवी की पूजा करने के लिए कहा, जिनकी महान देवी सती अवतार थीं। देवताओं ने महादेवी की पूजा की। महादेवी उनके सामने प्रकट हुईं और देवताओं से कहा कि वह पुनर्जन्म लेंगी और शिव से विवाह करेंगी। उनकी संतान तारकासुर को पराजित करेगी।

जल्द ही हिमालय साम्राज्य के राजा हिमावत और उनकी रानी मेनका की एक सुंदर लड़की हुई। उन्होंने बच्चे का नाम “पार्वती” रखा। पार्वती का अर्थ है “पहाड़ियों की”।
पार्वती बचपन में जोश से भरी एक खूबसूरत बच्ची थीं। हालाँकि वह भगवान शिव के प्रति अत्यधिक समर्पित थी। बचपन में भी वह अपने दोस्तों के साथ खेलने के बजाय भगवान शिव की पूजा करना पसंद करती थी।

पार्वती बहुत पढ़ी-लिखी और बेहद खूबसूरत थीं। उनकी सुंदरता और बुद्धिमत्ता की ख्याति पूरे देश में फैल गई। उनसे विवाह करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रेमी आए। हालाँकि पार्वती ने उन सभी को अस्वीकार कर दिया। वह भगवान शिव से विवाह करना चाहती थी और किसी से नहीं।

जब उन्होंने बार-बार अपने प्रेमी को अस्वीकार कर दिया तो उसके पिता ने उनसे पूछा, “पार्वती, क्या आप विवाह नहीं करना चाहते हैं? आप आने वाले सभी राजकुमारों को क्यों खारिज करते रहते हैं?”

पार्वती ने निडर होकर अपने पिता की ओर देखा, “पिताजी, क्या आपने राजकुमारों को देखा है? उन्होंने तिरस्कार से देखते हुए कहा, “मैं उनसे विवाह नहीं कर सकती … वे वह नहीं हैं जो मैं चाहती हूँ …”

रानी मेनका ने चुपचाप कहा, “क्या इसका मतलब यह है कि कोई और है जिसे आप चाहते हैं?” उन्होंने पार्वती की ओर मुस्कुराते हुए पूछा।
पार्वती शरमा गई, “माँ!”

राजा हिमावत बेटी को देखकर हैरान रह गए। “अच्छा, कौन है?” पार्वती ने शर्म से अपने पैरों को देखा और फुसफुसाए, “भगवान शिव,” उसकी आँखें चमक उठीं।

ऋषि नारद जी द्वारा माँ पार्वती की मदद

राजा हिमावत हालांकि पहले तो चौंक गए, फिर धीरे से अपना सिर हिलाया। जी हाँ, तीनों लोकों के स्वामी भगवान शिव उनकी पुत्री के लिए उत्तम वर थे।
लेकिन फिर उन्हें याद आया कि कैसे शिव एक तपस्वी बन गए थे और तपस्या में गहरे थे। “पार्वती, मेरे बच्चे। भगवान शिव हिमालय चले गए हैं। आप उनसे विवाह करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं …”

“नारायण…नारायण…” उनके पीछे से एक शरारती आवाज आई। ऋषि नारद को अपने पीछे देखकर वे तीनों चौंक गए। ऋषि नारद ब्रह्मा के पुत्र थे और दुनिया भर में घूमते थे।

ऋषि नारद जानते थे कि पार्वती देवी महादेवी थीं जिनका पुनर्जन्म हुआ था और वे भगवान शिव से विवाह करने आई थीं। पार्वती ऋषि नारद को प्रणाम करने वाली पहली थीं। ऋषि नारद ने उसे आशीर्वाद दिया और कहा, “आप संसारों की मां बनने के लिए पैदा हुए हैं। आपको जाना होगा और अपने भाग्य को पूरा करना होगा।”

राजा हिमावत और रानी मेनका ने भी ऋषि नारद को प्रणाम किया। राजा हिमवत ने तब कहा, “श्रीमान, पार्वती भगवान शिव से विवाह करना चाहती हैं … उन्होंने अभी हमें बताया है …”

ऋषि नारद ने तब पार्वती की ओर रुख किया, “आपने जो चुना है वह आसान रास्ता नहीं है। लेकिन आपको सफल होना चाहिए। न केवल अपने लिए बल्कि कई अन्य लोगों के लिए। यह आपका भाग्य है।” पार्वती ने अपने भीतर कुछ गहरी हलचल महसूस की। लेकिन वह अभी भी पूरी तरह से महसूस नहीं कर पाई थी कि वह महान देवी महादेवी थी।

ऋषि नारद ने फिर राजा हिमावत की ओर रुख किया, “अपनी बेटी को भगवान शिव के पास ले जाओ। उसे अपनी दैनिक प्रार्थना करने के लिए पार्वती की मदद स्वीकार करने के लिए कहें।”
राजा हिमवत ने सिर हिलाया। ऋषि नारद, उनका पूरा काम वहाँ से गायब हो गया।
अगले दिन, पार्वती के साथ, राजा हिमावत ने हिमालय की तलहटी में यात्रा की, जहाँ भगवान शिव ध्यान कर रहे थे। उन्होंने भगवान शिव के आंखें खोलने के लिए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा की।

माँ पार्वती और शिव जी की प्रथम भेंट

भगवान शिव ने लंबे समय के बाद अपनी आंखें खोलीं, यह भी नहीं पता था कि वे दोनों वहां थे। उन्होंने पहले पार्वती को देखा लेकिन यह नहीं पहचान पाए कि पार्वती वास्तव में उनकी शक्ति थीं – उनकी प्यारी सती। फिर उन्होंने राजा हिमावत की ओर ध्यान दिया। “तुम्हें यहाँ क्या लाया है, राजा?” उन्होंने पूछा।
राजा हिमावत ने प्रणाम किया, “हे प्रभु, यह मेरी बेटी पार्वती है। वह बचपन से ही आपकी भक्त रही है। वह आपकी पूजा करते समय आपकी सेवा करना चाहती है।”
शिव ने सिर हिलाया और इसके लिए राजी हो गए। “अगर वह यही चाहती है, तो वह मेरी मदद कर सकती है।” राजा हिमावत तब पार्वती को वहीं छोड़कर अपने राज्य के लिए प्रस्थान कर गए।

शिव ने पार्वती को सिर हिलाया, “मुझे भी पूजा के लिए कुछ फूलों की जरूरत है। क्या आप कृपया…”
पार्वती ने सिर हिलाया और फूलों की तलाश में निकल पड़ी…

माता पार्वती का भगवान शिव के लिए अनन्य भक्ति एवं प्रेम

जल्द ही वह भगवान शिव के साथ थी और हर चीज में उनकी मदद की। जब वह ध्यान कर रहा था, तो वह उसकी ओर देखते हुए उसकी प्रतीक्षा कर रही थी। उसके पास सब कुछ तैयार होगा ताकि वह उसके ध्यान के बाद पूजा कर सके।

पार्वती को भगवान शिव की प्रतीक्षा करते देख देवताओं ने राहत की सांस ली। उन्होंने सोचा कि जल्द ही पार्वती शिव को उनसे विवाह करने के लिए मना लेंगी। हालाँकि, जैसे-जैसे दिन बीतते गए, देवता चिंतित होते गए। शिव पर पार्वती का आकर्षण काम नहीं कर रहा था। शिव उनसे प्रतिरक्षित रहे। उन्हें यकीन नहीं था कि वे तारकासुर के खिलाफ कितने समय तक टिके रह सकते हैं। इसलिए चीजों को गति देने के लिए, वे कामदेव – प्रेम के देवता के पास गए।

देवों के भगवान इंद्र ने कामदेव को समझाया, “मुझे लगता है कि पार्वती को हमारी मदद की जरूरत है। शिव पार्वती के आकर्षण या सुंदरता से प्रभावित नहीं हैं। मुझे लगता है कि आपको उन पर अपना प्रेम बाण चलाकर उनका ध्यान तोड़ना होगा ताकि वे कम से कम पार्वती के ध्यान को देख सकें। सुंदरता।”
कामदेव ने सोचा कि, “लेकिन पार्वती भगवान शिव पर जीत हासिल करेंगी। महान महादेवी ने हमसे वादा किया था। हमें हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए?”
इंद्र ने आह भरी, “ताराकासुर एक खतरा बन रहा है। हमारी कोई भी शक्ति संयुक्त रूप से उसकी शक्ति से मेल नहीं खा सकती है और वह निर्दोष लोगों को चोट पहुँचा रहा है। हमारे पास गति की चीजें हैं …”

अंत में कामदेव सहमत हो गए और उनकी मदद करने का फैसला किया, “हाँ। मैं यह करूँगा।”
कामदेव अपनी पत्नी को अपने “कार्य” के बारे में बताने के लिए घर गए। हालांकि रति खुश नहीं थी। “लेकिन शिव अपनी तपस्या में गहरे हैं। क्या वह क्रोधित नहीं होंगे यदि उन्हें पता चलता है कि आपने उनकी तपस्या को भंग कर दिया है?”

कामदेव की आँखों में क्षण भर के लिए बादल छा गए। लेकिन फिर जैसे ही उन्होंने अपना सिर हिलाया और मुस्कुराया, “हाँ। लेकिन अगर ऐसा है, तो भी मुझे यह करना होगा। चिंता मत करो पुत्री।” मुस्कुराया, और कहा “मैं वापस आऊंगा।”
रति ने एक डरावनी मुस्कान दी और महसूस किया कि उसके पति का मन बना हुआ है। उन्होंने कामदेव को मुस्कान दी और सिर हिलाया।
कामदेव ने गन्ने के बाणों से अपना फूलवाला धनुष उठाया और उस स्थान पर चले गए जहाँ शिव ध्यान कर रहे थे।

वहां पार्वती शिव की मदद कर रही थीं, फूल इकट्ठा कर रही थीं। वह फूलों की व्यवस्था कर रही थी, तभी कामदेव ने अपना धनुष उठाया और भगवान शिव पर पांच बाण चलाए।
शिव को एक क्षण के लिए अचानक झटका लगा जैसे कि जाग्रत हो रहे हों। उन्होंने अचानक पार्वती को देखा जैसे पहली बार महसूस कर रहा था कि वह वास्तव में कितनी सुंदर थी। वह पार्वती की सुंदरता पर मोहित हो गया और उनसे बात करने ही वाला था कि भगवान शिव ने उसका सिर हिलाया। कुछ सही नहीं है। मुझे यह नहीं सोचना चाहिए। मेरी सती मर चुकी है। मैं तपस्या कर रहा हूं। मैं अब किसी दूसरी नारी के प्रति आकर्षित नहीं हो सकता।

भगवान शिव ने दृढ़ता से खुद को एक साथ खींच लिया। ध्यान की अपनी शक्ति के माध्यम से उन्होंने महसूस किया कि कामदेव ने कुछ शरारत की थी जिसके कारण उन्होंने एकाग्रता खो दी थी।
भगवान शिव के तीन नेत्र हैं। उनकी तीसरी आंख उनके माथे में है और हमेशा अच्छे कारण से बंद रहती है। तीसरा नेत्र यदि खोला जाए तो मार्ग में आने वाले किसी को भी जला देगा!
अब भगवान शिव ने कामदेव पर क्रोधित होकर अपना तीसरा नेत्र खोल दिया। बेचारा कामदेव! वह जल कर राख हो गया!

कामदेव को जलाने के बाद भगवान शिव थोड़े शांत हुए। उन्होंने अपनी तीसरी आंख बंद कर ली। लेकिन वह अभी भी अपनी एकाग्रता खोने के लिए खुद से नाराज था। वह गुस्से में पार्वती की ओर मुड़ा, “मैं नहीं चाहता कि तुम मेरी मदद करो। मुझे अकेला छोड़ दो। तुम्हारा आकर्षण मुझ पर काम नहीं करेगा। छोड़ो और अपने परिवार के पास वापस जाओ।” यह कहते हुए भगवान शिव ने अपनी एड़ी को घुमाया और अपनी तपस्या जारी रखने के लिए अपने पीछे हटने के लिए चले गए, जिसे कामदेव ने परेशान किया था।
पार्वती इस बात से व्यथित थीं कि शिव ने उनसे कठोर बातें कीं और उन्हें छोड़ दिया। पार्वती को यकीन था कि वह शिव को कितना भी खुश कर लें, वह कभी भी उनकी मदद करने के लिए राजी नहीं होंगे।
पार्वती को एहसास हुआ कि वह अब हार नहीं मान सकती। जिन दिनों वह शिव के साथ थी, उन्होंने महसूस किया कि वह उनसे ज्यादा प्यार करती थी जितना उन्होंने महसूस किया था।
वह सोच रही थी कि जब उन्होंने अपने पीछे एक जानी-पहचानी आवाज सुनी तो वह शिव को उसे स्वीकार करने के लिए कैसे कहेगी। “नारायण… नारायण…”
पार्वती ने मुड़कर ऋषि नारद को प्रणाम किया। ऋषि नारद को देखकर वह जानती थी कि वह यहाँ उसकी मदद करने के लिए आया था। नारद मुस्कुराए और कहा, “आप सही हैं। हार मान लेना कोई विकल्प नहीं है। भगवान शिव को आकर्षण और सुंदरता से नहीं जीता जा सकता है, लेकिन उन्हें भक्ति से जीता जा सकता है।”
पार्वती ने नारद को देखा और महसूस किया कि उन्हें क्या करना है। वह अपने प्यार को जीतने के लिए तपस्या करेगी। पार्वती को तपस्या का भय नहीं था। वास्तव में उन्होंने इसका स्वागत किया। बिना एक शब्द कहे उन्होंने नारद को प्रणाम किया और हिमालय के एक उपवन में चली गई। चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, वह अपने प्यार को जीत लेगी।

रति को अपने पति की मृत्यु के बारे में पता चला और पार्वती के पास रोने लगी क्योंकि वह भगवान शिव के पास जाने से बहुत डरती थी। पार्वती ने उसे दिलासा दिया। “रति, मेरी बात सुनो। मैं शिव को जीत लुंगी।” उन्होंने दृढ़ता से कहा, “और जब मैं ऐसा करती हूं, तो मैं वादा करती हूं कि कामदेव का पुनर्जन्म होगा।” पार्वती यह जानकर बोलीं कि ऐसा होगा, शायद तुरंत नहीं। लेकिन होगा। रति ने आंसू बहाते हुए अपना सिर हिलाया और बाग से निकल गई।

और पढ़े : इसलिए शिवजी पर नहीं चढ़ाते केतकी का फूल

माता पार्वती की तपस्या

उसे अपने सामने आने वाली कठिनाइयों या अपने आसपास के कठोर मौसम की परवाह नहीं थी। उसे बस इस बात की परवाह थी कि उसे भगवान शिव को जीतना है।
उन्होंने वर्षों तक भगवान शिव की पूजा की, लेकिन भगवान कभी प्रकट नहीं हुए। जैसे ही पार्वती ने घोर तपस्या की, उन्हें अपने बारे में सच्चाई का एहसास हुआ। पार्वती ने महसूस किया कि वह महादेवी की अवतार थीं और शिव की शक्ति बनना उनकी नियति थी।

उन्होंने महसूस किया कि वह अपने पिछले जन्म में सती थी जिसने अपना जीवन छोड़ दिया था क्योंकि दक्ष – सती के पिता ने शिव का अपमान किया था। उन्होंने महसूस किया कि शिव के लिए उसका प्यार सब कुछ पार कर गया, क्योंकि वह सभी उद्देश्यों के लिए शिव का आधा था। शिव और पार्वती दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे थे।
उनके ध्यान से, पार्वती बहुत शक्तिशाली हो गईं। तपस्या की अपनी शक्तियों के साथ, उन्होंने जल्द ही सभी भोजन, पानी या यहां तक ​​​​कि हवा भी छोड़ दी। हिमालय में ध्यान करने वाले अन्य ऋषि पार्वती के पास आते और उनके तप की प्रशंसा करते। पार्वती अपने ध्यान में इतनी लीन थीं कि उन्होंने उनमें से किसी पर भी ध्यान नहीं दिया।
हालाँकि पार्वती की तपस्या इतनी शक्तिशाली थी कि देवता इसे और सहन नहीं कर सके। पार्वती के ध्यान करते ही देवताओं का पूरा राज्य गर्म होने लगा। देवता ब्रह्मा के पास दौड़े। ब्रह्मा और विष्णु एक साथ शिव के पास गए और उनसे कहा कि पार्वती की तपस्या समाप्त हो जाएगी, या पूरा राज्य जल जाएगा।

शिव ने महसूस किया कि पार्वती केवल एक और नश्वर नहीं थीं और वह विशेष थीं। लेकिन क्या वह मेरी सती हो सकती है। उसे आश्चर्य हुआ…
अगले दिन जब पार्वती अपनी तपस्या शुरू करने वाली थीं, तभी उन्होंने एक युवा तपस्वी को अपनी ओर घूरते देखा।
पार्वती ने उसकी ओर देखा, “क्या कोई कारण है कि तुम मुझे इस तरह घूर रहे हो?”

“हाँ” तपस्वी ने उसे रहस्यमयी देखते हुए कहा। “हे नारी, मैं आपको कुछ दिनों से देख रहा हूं। एक बार जब आप अपनी तपस्या करना शुरू कर देते हैं तो मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा है। आपने नहीं खाया है। लोग आते हैं और जाते हैं, आपको इसका एहसास नहीं होता है। आपका ध्यान बहुत शक्तिशाली है .. तुम क्यों…” वह रुक गया।
पार्वती ने सिर हिलाया और उसे जारी रखने के लिए कहा।

“…आप जैसी सुंदर नारी को ऐसी तपस्या करने के लिए क्या प्रेरित करेगा।” तपस्वी ने कंधे सिकोड़ते हुए कहा, “मेरा मतलब है, इसके लायक क्या होगा…”
पार्वती मुस्कुराई, “मैं यह सब प्रेम और भक्ति के लिए करती हूं।”

युवक ने उसे चकित देखा, जब पार्वती मुस्कुराई, “भगवान शिव, मैं उनसे विवाह करना चाहती हूं। मैं अपनी भक्ति से उसे जीत लुंगी ।” उन्होंने सरलता से कहा।
जब पार्वती ने समाप्त किया, तो युवा तपस्वी आश्चर्यचकित दिखे और फिर हंस पड़े। तपस्वी की हंसी देखकर पार्वती हैरान रह गईं।

“तुम विवाह करना चाहते हो…” उन्होंने फिर भी हंसते हुए कहा, “… शिव, तुम्हारा मतलब तीन आंखों वाले भगवान है…” उन्होंने कहा कि वह अभी भी खुद को नियंत्रित करने में असमर्थ है। “मेरा मतलब है … अपनी सुंदरता और बुद्धि को किसी ऐसे व्यक्ति पर क्यों बर्बाद करें … जो खुद पर राख लगाता है और खोपड़ी पहनता है … और हे नारी, क्या मैं आपको बताना भूल गया कि वह बेघर है और सिर्फ कब्रिस्तान में घूमता है। ..क्या आपका मतलब है कि शिव…”
तपस्वी को भगवान शिव का मजाक उड़ाते हुए सुनकर पार्वती की आंखें चमकने लगीं, “हां। मेरा मतलब है कि शिव और शिव भी जो तीनों लोकों के स्वामी हैं।” उन्होंने कहा कि उसकी आवाज में गर्व चमक रहा है। “वह शिव जिसे आपके जैसे दयनीय दयनीय मन से नहीं समझा जा सकता है …” उन्होंने तिरस्कारपूर्वक कहा, काश उन्होंने तपस्वी से कभी बात नहीं की होती।

माँ पार्वती की तपस्या का फल और शिव पार्वती विवाह

युवा तपस्वी ने बात करने के लिए अपना मुंह खोला, जब पार्वती ने अपने हाथों को जोर से पकड़ लिया, “एक और शब्द मत कहो” उन्होंने एक-एक शब्द पर जोर देते हुए, गुस्से में और के माध्यम से कहा। “इस तरह की बात करना केवल पाप नहीं है, इस बकवास को सुनना बड़ा पाप है …” यह कहते हुए कि वह ठिठक गई और दूर जाने वाली थी, जब उन्होंने एक फ्लैश देखा। युवा तपस्वी गायब हो गया और उस स्थान पर खड़ा था वह व्यक्ति था जिसे उन्होंने अपने पूरे जीवन का सपना देखा था। भगवान शिव … उनके शिव।

शिव ने देवी पार्वती की ओर ध्यान से देखा, उनके शब्दों को सोचकर कि शिव और शिव भी जो तीनों लोकों के स्वामी हैं … उन्होंने गर्व के साथ कहा था। जब उन्होंने ऐसा कहा था, तो उसमें कुछ बदल गया। उन्होंने महसूस किया कि वह उसकी शक्ति थी। वह वास्तव में उनकी पत्नी का पुनर्जन्म था …
“पार्वती, मुझे क्षमा करें। मुझे पहले ही इसका एहसास हो जाना चाहिए था। लेकिन…” भगवान शिव ने सिर हिलाया।

उनकी आँखों में उन्होंने देखा कि वे दोनों एक दूसरे के हैं। वे हमेशा साथ रहते थे। बस अलग-अलग नामों से। भगवान शिव ब्रह्मांड के पिता थे और पार्वती माता।
देवी पार्वती ने शर्म से भगवान शिव की ओर रुख किया, “हे भगवान, विवाह के लिए आपको मेरे पिता के पास आना होगा और मेरा हाथ मांगना होगा। यह उचित काम है।” भगवान शिव ने सिर हिलाया और वापस कैलास चले गए, जबकि देवी पार्वती अपने पिता के घर लौट आईं।

तब भगवान शिव आए और हिमावत से अपनी बेटी से शादी करने की अनुमति मांगी। हिमावत तुरंत सहमत हो गए और इस प्रकार भगवान शिव और देवी पार्वती ने अपनी शादी को बहुत धूमधाम और शो के साथ मनाया।

शिव के विवाह के बाद, देवी पार्वती ने भगवान कार्तिकेय को जन्म दिया, जिन्होंने दुष्ट राक्षस तारकासुर को हराया और मार डाला।
अपने वादे के अनुसार, भगवान शिव के साथ विवाह के बाद, देवी पार्वती ने भगवान शिव से कामदेव को वापस लाने का अनुरोध किया। मुस्कुराते हुए भगवान ने विवश किया और रति ने अपने पति को वापस पा लिया!

और पढ़े : ओणम का उत्तर भारत के साथ प्राचीन और पवित्र संबंध है, ये कोई भी आपको नहीं बताएगा

Tags: shankar ji ka vivahshiv parvati vivah story hindiशिव जी की शादीशिव पार्वती विवाह कहानी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

BPF ने थामा कांग्रेस पार्टी का हाथ ,BJP के लिए अब भी फायदा ही फायदा

अगली पोस्ट

भारत की COVID-19 वैक्सीन सफलता से चीन बौराया,हैकर्स ने डाटा चुराने की करी कोशिश

संबंधित पोस्ट

वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव
इतिहास

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

7 November 2025

भारत के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जब एक गीत, एक पंक्ति, या एक विचार समूचे राष्ट्र की आत्मा बन जाता है। वंदे...

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम
इतिहास

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

5 November 2025

आज कार्तिक पूर्णिमा है। कार्तिक पूर्णिमा सनातन परंपराओं में अत्यंत पवित्र दिन माना जाता है। यह केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक...

हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा
क्राइम

हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

31 October 2025

पाकिस्तान के बहावलपुर में बैठे एक विकृत मस्तिष्क ने फिर से भारतीय सीमाओं की ओर ज़हर उगलना शुरू कर दिया है। वह वही शख्स है,...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

00:06:48

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47

How Astra Mk-I Based VL-SRSAM will Power India’s Naval Air Defense Network?

00:05:52

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

00:06:48
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited