चीन में शी जिनपिंग से बड़ा कोई नही है। वो वहां के भगवान है। वहां के व्यवसायी है। वहां के सफल नेता है। कभी-कभी तो लगता है कि वही चीन है। चीन में अपनी तानाशाही को एक और नया मुकाम देते हुए अब शी जिनपिंग ने चीन में बढ़ रहे सेलिब्रेटी कल्चर को कुचलना शुरू कर दिया है। हालांकि जिनपिंग अपने खिलाफ उठाने वाले सभी आवाज को वह पिछले कई वर्षों से कुचल रहे थे परंतु अब अपने पक्ष में बोलने वाले Celebrity को भी गायब करने का कार्य शुरू कर दिया है। इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि चीन में ऐसे celebrity का बढ़ता प्रभाव है। नए मामले में चीनी अधिकारियों ने Kris Wu जैसे स्टार के खिलाफ एक्शन शुरू किया है।
दरअसल, शी जिनपिंग का राजनीतिक जीवन तब शुरू हुआ जब चीन तियानमेन चौराहे पर हजारों विरोध को कुचल कर शासन करने की प्रथा शुरू हुई थी। उस घटना में सरकार के फैसलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हजारों आवाजों को तोप के नीचे कुचल दिया गया। उस घटना से CCP ने बहुत कुछ सीखा था। सबसे जरूरी चीज तो यह समझ आई कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर चलने वाले देश में विरोध होगा और विरोध होगा तो शासन करना कठिन होगा। उसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी का एकमात्र ध्यान इस बिंदु पर रहा कि विरोध के स्वर को कैसे समाप्त किया जाए। शी जिनपिंग इस सीख को एक नई ऊंचाई पर ले जा चुके हैं। आज की तारीख में कम्युनिस्ट पार्टी ही चीन में सबकुछ तय करती है जिससे उनका नियंत्रण बना रहे।
सेलिब्रिटी कल्चर पर हमला
साम्यवादी देश में मानवाधिकार हनन आम बात है। आज चीन में ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप नहीं चलता है क्योंकि इससे उनको अपने देश की जनता को नियंत्रित करना कठिन हो सकता है। चीन में आप कोई भी हो, आपकी स्वतंत्रता एक स्तर तक ही सीमित है। आपके सवाल उच्च स्तरीय अधिकारियों के लिए नहीं होने चाहिए, आपका कद राष्ट्रपति से बड़ा नहीं होना चाहिए। अभी हाल में ही सेलिब्रिटी कल्चर पर हमला करते हुए एक रियल्टी शो को बंद कर दिया गया। साथ ही क्रिस वू नाम के एक सेलिब्रिटी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। चीन में उनके काफी प्रशंसक हैं। वो एक रियल्टी शो कर रहे थे। उनका शो युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। एक दिन अचानक उनके ऊपर रेप का केस हुआ और उन्हें पकड़ लिया गया। चीन के लोग वेइबो( चीनी सोशल मीडिया) पर विरोध करने लगे।
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बीबीसी के मुताबिक, लोकप्रिय चीनी गायक क्रिस वू की हालिया नजरबंदी के साथ, मीडिया प्लेटफॉर्म पर कलाकार से जुड़े फैन क्लबों को हटा दिया गया है। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर से उनके गानों को हटा दिया गया है। राज्य मीडिया ने ‘फैन कल्चर’” में व्यापक सुधार का आग्रह किया है। हालांकि, कहने को तो बीजिंग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि युवाओं को ऐसा रोल मॉडल मिले जिसका चरित्र साफ हो। परंतु यह भी स्पष्ट है कि CCP किसी भी ऐसे व्यक्ति से डरती है जिसका प्रभाव चीन में बढ़ रहा है।
CCP ने जैक मा को भी गायब कर दिया था
कुछ महीने पहले चीन के सबसे बड़े उद्योगपति जैक मा ने आर्थिक नियंत्रण पर सवाल उठा दिया था। दो महीने तक उनका कुछ अता-पता नहीं चला और जब वो वापस आये तब उनके स्वर में शी जिनपिंग की प्रशंसा के बोल थे। वो कुछ वक्त पहले चीन के बैंक पर सवाल उठा चुके थे। उसके बाद चीन के सरकार द्वारा जवाबदेही हेतु समन भेजा गया था। टाइम के अनुसार, उस घटना के बाद 37 अरब डॉलर की आईपीओ को रोक दिया गया और वो लोगों की नजरों से गायब हो गए। CCP किसी भी ऐसे व्यक्ति से डरती है जिसका प्रभाव चीन में उस स्तर तक बढ़ गया है जो लोगो को अपने विचार से प्रभावित कर सकते हैं। यही वजह है कि जैक मा तथा क्रिस वू के खिलाफ कार्रवाई की गयी थी। CCP को लगता है कि ऐसे सेलिब्रेटी चीन में सरकार के खिलाफ माहौल बना सकते है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन ने गेमिंग कम्पनियों पर भी लगाम लगाया था क्योंकि उनका मानना था कि चीन के युवा ‘गलत संस्कृति’ में फंस रहे है। इस फैसले के बाद टेनसेंट और नेटईस्ट के शेयर 10% तक गिर गए थे। चीन सरकार ने हाल में ही दो विभिन्न मौकों पर प्रशंसकों के बढ़ते दीवानगी पर चिंता जाहिर की थी। उनका भय है कि ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइट्स इस तरह विरोध का मंच दे सकता है जो कि अप्रत्यक्ष रूप से शी जिनपिंग के हित में नहीं है। वीबो ने 1500 से ज्यादा एकाउंट को बंद कर दिया है। 24 लाख से ज्यादा टिप्पणी को हटा दिया गया है।
शी जिनपिंग के ऐसे तानाशाही रवैये से प्राइवेट सेक्टर को नुकसान हुआ है। लुई वेतान समेत बहुत से ब्रांड क्रिस वू से सम्बन्ध खत्म कर लिए है। ऐसा सनकपना चीन को मानवाधिकार का सबसे बड़ा हत्यारा बनाता है।