TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के जागरण की कहानी

    यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण की कहानी

    राहुल गांधी के समर्थन में प्रियंका के साथ इंडी ब्लॉक, कहा, अदालत नहीं तय कर सकती कि कौन है सच्चा भारतीय

    राहुल गांधी के समर्थन में प्रियंका के साथ इंडी ब्लॉक, कहा, अदालत नहीं तय कर सकती कि कौन है सच्चा भारतीय

    पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, अनुच्छेद 370 हटाने के समय थे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल

    पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, अनुच्छेद 370 हटाने के समय थे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    मोदी बनाम ट्रंप पर कांग्रेस में फूट: तिवारी और कार्ति ने किया सरकार का समर्थन, अलग-थलग पड़ गए राहुल गांधी

    मोदी-ट्रंप टैरिफ विवाद: कांग्रेस में मतभेद, तिवारी और कार्ति सरकार के साथ, राहुल गांधी अलग-थलग

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: '1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: ‘1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के जागरण की कहानी

    यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण की कहानी

    राहुल गांधी के समर्थन में प्रियंका के साथ इंडी ब्लॉक, कहा, अदालत नहीं तय कर सकती कि कौन है सच्चा भारतीय

    राहुल गांधी के समर्थन में प्रियंका के साथ इंडी ब्लॉक, कहा, अदालत नहीं तय कर सकती कि कौन है सच्चा भारतीय

    पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, अनुच्छेद 370 हटाने के समय थे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल

    पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, अनुच्छेद 370 हटाने के समय थे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    मोदी बनाम ट्रंप पर कांग्रेस में फूट: तिवारी और कार्ति ने किया सरकार का समर्थन, अलग-थलग पड़ गए राहुल गांधी

    मोदी-ट्रंप टैरिफ विवाद: कांग्रेस में मतभेद, तिवारी और कार्ति सरकार के साथ, राहुल गांधी अलग-थलग

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: '1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: ‘1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अखुंदजादा मर गया और बरादर बंधक बन गया – तालिबान में जबरदस्त फूट पड़ी है  

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
21 September 2021
in मत
तालिबान संघर्ष

PC: Amar Ujala

Share on FacebookShare on X

वो कहते हैं न, शासन स्थापित करना एक बात है, उसे संभालना और संचालित दूसरी बात है। ये बात अफगानिस्तान में भी सिद्ध हो रही है। पाकिस्तान के सहयोग से आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण तो स्थापित कर लिया, परंतु वास्तव में वह कितने योग्य हैं, इसे सिद्ध होने में एक महीना भी नहीं लगा। हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के बीच हुए खूनी संघर्ष में तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा (Hibatullah Akhundzada) के मारे जाने की खबरें सामने आ रही हैं, जबकि उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को हक्कानी नेटवर्क ने बंधक बना लिया है, उन पर लात-घूसे भी चले हैं।

वो कैसे? मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार,“ब्रिटेन की एक मैगजीन ने दावा किया है कि तालिबान के अंदर ही चल रहे सत्ता संघर्ष में हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के बीच खूनी संघर्ष हुआ जिसमें सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा को जान से मार दिया गया है। वहीं, उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को बंधक बना लिया गया है। सत्ता के लिए तालिबान में हुए खूनी संघर्ष में सबसे ज्यादा नुकसान बरादर गुट को ही हुआ है।” 

संबंधितपोस्ट

शादी के लिए 45 साल के शख्स को बेची गई 6 साल की बच्ची, तालिबान बोला- 9 साल की होने तक…

विदेश मंत्री एस जयशंकर की तालिबान से सीधी बातचीत के क्या हैं मायने?

‘शरिया के खिलाफ है शतरंज’, तालिबान के निशाने पर राजा, वजीर और प्यादे; अफगानिस्तान में लगा बैन

और लोड करें

सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर एफबीआई की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल हक्कानी नेटवर्क और बरादर गुट में तनातनी किसी से छुपी नहीं है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मुल्ला बरादर अफगानिस्तान की नई सरकार में अल्पसंख्यक व गैर-तालिबानी नेताओं को भी शामिल करना चाहता था, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस सरकार को मान्यता दे, परंतु पाकिस्तान के इशारों पर काम करने वाला हक्कानी नेटवर्क इसका पक्षधर बिल्कुल नहीं था।

इसी को लेकर दोनों गुटों के बीच हुआ विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया। इस दौरान हुई गोलीबारी के बाद से ही मुल्ला बरादर पूरी तरह से साइडलाइन हो चुके थे, परंतु अब हिबतुल्लाह अखुंदजादा भी कई दिनों से दुनिया के सामने नहीं आया है। वे लोगों के सामने आते भी नहीं है, लेकिन इतने बड़े खूनी संघर्ष के बाद भी उसका कोई मैसेज नहीं आया है।

हिबतुल्लाह अखुंदजादा के बारे में ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि वह हक्कानी नेटवर्क का करीबी था, लेकिन पिछले कई दिनों से उसका एक भी संदेश सामने न आने के दो ही कारण हो सकते हैं – या तो उसे भी मुल्ला बरादर की भांति बंधक बना लिया गया है, या फिर उसे मृत्युलोक पहुंचा दिया गया है। यदि ऐसा है, तो इसका अर्थ स्पष्ट है – तालिबान में फूट पड़ चुकी है और अनाधिकारिक रूप से अफगानिस्तान पर पाकिस्तान प्रायोजित हक्कानी नेटवर्क का आधिपत्य स्थापित हो चुका है।

ये घटना साफ करती है कि किसी देश पर कब्जा करना आसान है पर उसे सत्ता को सुचारू रूप से चलाना कठिन है। तालिबान का हाल उस बंदर के जैसा है जिसके हाथ में उस्तरा नहीं, एके 47 है। तालिबान ने सत्ता पर आधिपत्य तो स्थापित कर लिया, परंतु उसे संचालित करने का अनुभव आज तक उसमें नहीं आया। विचारधारा में तालिबान और Palestine (फ़िलिस्तीन) में ऑपरेट करने वाला आतंकी संगठन हमास बहुत अधिक भिन्न नहीं है, परंतु जब बात प्रशासन की आती है, तो दोनों में आकाश पाताल का अंतर साफ देखा जा सकता है। इस अंतर को हमने अपने लेख में पहले ही रेखांकित कर दिया था।

और पढ़ें : चीन तालिबान के साथ गलबहियां कर रहा है, लेकिन तालिबान, हमास नहीं है

TFI के एक लेख में हमने बताया था कि हमास राजनीतिक रूप से सक्रिय भूमिका निभाने के बाद आतंकी संगठन बना है और तालिबान आतंकी संगठन बनकर अब राजनीति करने जा रहा है। हमास को यह पता है कि अपनी बात को कैसे रखना चाहिए, वह प्रतिष्ठा में प्राण गंवाने वाला संगठन है। उदाहरण के लिए, हाल के ही इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष को देख लीजिए। हमास की ओर से सबसे पहले रॉकेट दागा गया। हालांकि, हमास और आयरन डोम का वीडियो सबने देखा, लेकिन बाद में नैरेटिव ये सेट हुआ कि इजरायल कितनी बर्बरता से हमला कर रहा है और जब युद्ध के बादल छट गए तब पूरी दुनिया में #SAVEPALESTINE ट्रेंड करने लगा।

तालिबान के विपरीत हमास जैसे आतंकी संगठन को पता है शासन कैसे करना है। वह जानता है कि वह इजरायल से युद्ध नहीं जीत सकता है। इसलिए वह प्रोपेगेंडा चलाता है। इजरायल वाले मामले से ही समझिए। हमला करके हमास ने यह संदेश दे दिया कि उनके पास भी रॉकेट है, फिर वह विक्टिम कार्ड खेलकर यह बताने में सफल रहा कि इजरायल कितना क्रूर देश है। दुनिया भर के उदारवादी लोग तुरंत संवेदना प्रकट करने लगे, फिर उसी की आड़ में फिलिस्तीनी नागरिकों के नाम पर करोड़ो अरबों का चंदा लिया गया।

तालिबान की बात करें तो इसका काम करने का तरीका काफी भिन्न है, अर्थात इसे हिंसा और बंदूक चलाने के अलावा कुछ नहीं आता, या यूं कहें कि तालिबान को राजनीति का ‘अ’ भी नहीं आता । दरअसल, तालिबान ने हमेशा अपनी वैचारिक प्रेरणा का आधार शरीयत को माना है। वह काफिरों को लेकर एकदम प्रतिबद्ध रहा है। औरतों को मार देना, क्रेन से लटका देना, सिर धड़ से अलग कर देना उसके लिए आम बात है। तालिबान के इस दहशतगर्दी से किसी भी विचारधारा को मानने वाला मनुष्य (अगर वो कट्टरपंथी न हो तो) उसका समर्थन नहीं करता है”।

कुल मिलाकर कहें तो इन घटनाक्रमों का तात्पर्य स्पष्ट है, तालिबान के दिन अब लदने वाले हैं। पंजशीर घाटी में अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह के नेतृत्व में पहले ही तालिबान को तगड़ी चुनौती मिल रही है, और यदि ऐसे ही चलता रहा, तो भारत, ताजिकिस्तान और रूस को भी विशेष तौर पर हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी, क्योंकि तालिबानियों की आपसी सिर फुटौव्वल ही उनका काम आसान कर देगी। हालांकि, सामरिक तौर पर यह चीन के लिए बेहद हानिकारक साबित होगा। पाकिस्तान के अलावा केवल यही एक देश है जो इस आतंकी संगठन के शासन को मान्यता देने पर तुला है ताकि अफगानिस्तान में शिनजियांग प्रांत के विरुद्ध उमड़ रहे पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट को बढ़ावा न मिलने पाए, परंतु तालिबान जिस प्रकार से बिखर रहा है, उससे तो चीन को जबरदस्त झटका लगा होगा।

सच कहें तो तालिबान का शासन ताश के पत्तों के ढेर से भी कमजोर साबित हो रहा है, और एक महीने से भी कम समय में उसकी कमजोरी दुनिया के समक्ष सामने आ गई, जिससे इतना तो स्पष्ट है कि वह स्थाई रूप से अफगानिस्तान पर शासन नहीं ज्यादा दिनों तक नहीं कर पाएगा। वैसे भी, जिसका राजनीतिक आका वो देश हो, जो अपने ही पड़ोसी से चार बार युद्ध में हार चुका हो, और एक बार तो 93000 सैनिकों के साथ सार्वजनिक आत्मसमर्पण भी कर चुका हो, उससे आप कितने समय तक भय के सहारे शासन की आशा करते हो?

 

Tags: तालिबान
शेयर47ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

नीतीश “कुशासन” कुमार – एक भड़ास

अगली पोस्ट

‘जान है तो जहान है’ इंग्लैंड ने पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश भेजा है

संबंधित पोस्ट

यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के जागरण की कहानी
भारत

यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण की कहानी

5 August 2025

स्वतंत्रता के बाद से देश में कई आंदोलन हुए। इसी कड़ी में तीन ऐसी यात्राएं हैं, जिन्होंने देश की तस्वीर तो बदली ही, ऐसी सरकार...

युवाओं के परिप्रेक्ष्य में ‘अनुच्छेद 370’ का निरस्तीकरण: तर्क, आवश्यकता और इतिहास
चर्चित

युवाओं के परिप्रेक्ष्य में ‘अनुच्छेद 370’ का निरस्तीकरण: तर्क, आवश्यकता और इतिहास

5 August 2025

आज 5 अगस्त है और 5 अगस्त भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाने वाली तिथि है। ऐसा इसलिए क्योंकि 5 अगस्त, 2019...

मालेगांव ब्लास्ट मामले के निर्णय से सिद्ध हुआ “न हिंदू पतितो भवेत्”
चर्चित

मालेगांव ब्लास्ट मामले के निर्णय से सिद्ध हुआ “न हिंदू पतितो भवेत्”

2 August 2025

17 वर्ष की प्रतीक्षा, 6200 से अधिक दिन और 1 अनकहा नैरेटिव—जिसे सत्ता, मीडिया और राजनीति ने मिलकर गढ़ा था। मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

India’s Project-18 Warship Will Crush China’s Indo-Pacific Dreams

India’s Project-18 Warship Will Crush China’s Indo-Pacific Dreams

00:05:52

PRALAY MISSILE: Know about India’s 5,000 kg Beast That Can Evade Any Radar

00:05:52

Is Congress Against Migrants? Chidambaram Calls Biharis 'Illegal Voters'

00:07:49

Gandhi Family Losing Grip allies Disown Rahul’s Trump-Style Attack on Indian Economy

00:06:28

Trump's Tariff Prompt India to Exit F-35 Jet Deal?

00:06:28
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited