TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Mahua Moitra Pinaki Mishra

    65 के पिनाकी मिश्रा की हुईं 50 की महुआ मोइत्रा, गठबंधन पर क्यों हो रही इन विवादों की चर्चा?

    Sharmistha Panoli Calcutta High Court

    शर्मिष्ठा पनोली को जमानत के साथ हिदायत, कोर्ट रूम में क्या हुआ?

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    कांग्रेस सरेंडर का इतिहास

    नेहरू से राहुल तक सरेंडर की विरासत, और आज कांग्रेस अलाप रही ‘Narendra Surrender’! जानें कैसा रहा है कांग्रेस का इतिहास

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    Westminster Court, Quran, London, Blasphemy Law, Britain, United Kingdom, UK

    कुरान जलाने पर कोर्ट ने दी सजा, क्या यूनाइटेड किंगडम में लौट आया ईशनिंदा कानून?

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Mahua Moitra Pinaki Mishra

    65 के पिनाकी मिश्रा की हुईं 50 की महुआ मोइत्रा, गठबंधन पर क्यों हो रही इन विवादों की चर्चा?

    Sharmistha Panoli Calcutta High Court

    शर्मिष्ठा पनोली को जमानत के साथ हिदायत, कोर्ट रूम में क्या हुआ?

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    कांग्रेस सरेंडर का इतिहास

    नेहरू से राहुल तक सरेंडर की विरासत, और आज कांग्रेस अलाप रही ‘Narendra Surrender’! जानें कैसा रहा है कांग्रेस का इतिहास

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    Westminster Court, Quran, London, Blasphemy Law, Britain, United Kingdom, UK

    कुरान जलाने पर कोर्ट ने दी सजा, क्या यूनाइटेड किंगडम में लौट आया ईशनिंदा कानून?

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘बुनियाद’ से ‘ससुराल सिमर का’ – कैसे भारतीय टीवी सीरियल अर्श से फर्श पर गिरे हैं

आजकल के सीरियल में कहानी और मनोरंजन को छोड़ सब कुछ मिलेगा!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
14 October 2021
in समीक्षा
सीरियल
Share on FacebookShare on X

हमारे देश की सबसे बड़ी विडंबना यही है कि हमने कभी भी योग्यता और कथावाचन को मॉडर्न समय में कभी भी प्राथमिकता नहीं दी है। चाहे आज की सिनेमा हो या टीवी, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण मिल जाता है। इसी का दुष्परिणाम है कि जो देश कभी ‘बुनियाद’, ‘हम लोग’, ‘रामायण’, ‘कैंपस’, ‘अल्पविराम’ जैसे सीरियल बनाता था, आज वह ‘ससुराल सिमर का’, ‘साथ निभाना साथिया’, ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है’ इत्यादि जैसे निकृष्ट सीरियल भी जबरदस्ती परोस रहा है, और OTT के जरिए तो न जाने क्या-क्या फूहड़ता फैला रहा है।

ये सब हुआ कैसे? आखिर भारतीय टीवी का ऐसा नैतिक पतन कैसे और कब हुआ? असल में इसके लिए हमें भारतीय टीवी का सम्पूर्ण इतिहास जानना होगा। यूं तो टीवी का पदार्पण देश में 1959 में ही हो गया था, पर कुछ फिल्मों, समाचार, और गीतों को छोड़कर एकमात्र सरकारी चैनल दूरदर्शन पर कुछ और नहीं दिखाया जाता था। कलर टीवी की उत्पत्ति यूं तो 1960 के दशक में ही हो चुकी थी, परंतु भारत आते-आते उसे 1982 लग गया, और 1984 में जाकर दूरदर्शन पर पहला धारावाहिक प्रसारित हुआ, ‘हम लोग’।

संबंधितपोस्ट

कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है
और लोड करें

भारत में सीरियल का आरंभ

यह एक पारिवारिक प्रयोग था, जो काफी सफल रहा और 1985 में 154 एपिसोड के साथ खत्म हुआ। इसके सूत्रधार कोई और नहीं, वयोवृद्ध अभिनेता कुमुदलाल गांगुली थे, जिन्हें हम अशोक कुमार के नाम से बेहतर जानते हैं। यह वो समय था जब लोगों के पास दूरदर्शन के अलावा कोई विकल्प नहीं था, और तब लोग वामपंथ और दक्षिणपंथ के बीच के अंतर से भी अधिक परिचित नहीं थे।

इसी बीच ‘हम लोग’ के लेखक मनोहर श्याम जोशी एक और मार्मिक कथा ‘बुनियाद’ के साथ प्रस्तुत हुए। ये मास्टर हवेलीराम के जीवन के इर्दगिर्द घूमती थी, जिन्हें विभाजन के चलते अपना सब कुछ छोड़कर नए भारत में शरण लेना पड़ा था। इस सीरीज़ को रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया था, और ये भी अपने समय के श्रेष्ठतम सीरियलों में गिनी जाती है।

और पढ़े: सलमान की राधे, वरुण की कुली नंबर 1, फिल्म निर्माता OTT को कूड़ेदान बना रहे है

रामायण ने बदली TV सीरियल की रूपरेखा

फिर दूरदर्शन ने इतिहास रच दिया, जब रामानन्द सागर ने ‘रामायण’ महाकाव्य को टीवी पर चित्रित करने का निर्णय लिया। ये कार्य बहुत कठिन था, और फिल्मों के जरिए भी इसे पूरी तरह न्याय दिला पाना इतना सरल नहीं रहा था। इसके अलावा सही रोल के लिए सही व्यक्ति ढूँढना, जैसे घास के ढेर में सुई ढूँढने के समान था। उसके ऊपर से दूरदर्शन के कुटिल प्रशासक भास्कर घोष जैसे लोग भी थे, जो चाहते ही नहीं थे कि रामायण प्रसारित हो, क्योंकि वह देश के ‘सेक्युलरिज़्म’ के विरुद्ध जाता। परंतु इन सभी चुनौतियों को पार पाते हुए न केवल रामायण प्रसारित हुई, बल्कि वह इतनी लोकप्रिय हुई कि लोग इसे देखने के लिए अपने सभी कार्यों को छोड़ कर टीवी के समक्ष प्रस्तुत हो जाते थे।

एकता कपूर का आगमन और TV सीरियल की दुर्दशा आरंभ

तो फिर ऐसा क्या हुआ, कि जिस देश में ‘हम लोग’, ‘बुनियाद’, ‘रामायण’ जैसे बनते थे, वहाँ कन्टेन्ट का अचानक से अकाल आ गया? इसका एक उदाहरण ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ बेहतर समझा सकता है, परंतु उसके बारे में बाद में। केबल टीवी के प्रादुर्भाव से दूरदर्शन के अलावा भी चैनल आने लगे, परंतु प्रयोग कम नहीं हुए। ‘रामायण’ के अलावा ‘महाभारत’, ‘द ग्रेट मराठा’, ‘बनेगी अपनी बात’, ‘कैंपस’, ‘स्वाभिमान’, ‘अ माउथफुल ऑफ स्काई’, ‘इन्द्रधनुष’ इत्यादि जैसे सीरियल भी आने लगे। 21वीं सदी के प्रारंभ तक भी ‘अल्पविराम’ जैसे सीरियल बनते थे, जो आज भी समय से कहीं आगे थे, और जिन्हें बनाने में आज के कथित ‘Woke’ पीढ़ी के पसीने छूट जाएंगे। परंतु, फिर पदार्पण हुआ एकता रवि कपूर का।

और पढ़ें : कांग्रेस के राज में दूरदर्शन ने राम मंदिर के उल्लेख को बैन करना चाहा था, और रामायण को ‘सेक्यलर’ बनाना चाहा था

स्टार प्लस नामक चैनल पर एकता कपूर 2000 में लेकर आई दो सीरियल, ‘कहानी घर-घर की’ और ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’। दोनों ही सीरियल ‘हम लोग’ की शैली से प्रेरित थे, परंतु इसने नींव रखी एक कुत्सित प्रथा की – सास बहू सीरियल्स और निकृष्टता यानि mediocrity की। ये सीरियल ऊटपटाँग प्लॉट, अजीबोगरीब कुरीतियों को बढ़ावा देने के कारण लोगों को आकर्षित करती थी। भले ही स्वीडिश यूट्यूबर PewDiePie ने टी सीरीज़ से अनावश्यक लड़ाई मोल लेकर अपनी भद्द पिटवाई, परंतु जब उसने अपना प्रथम वीडियो डाला ‘Yo India You Lose’, तो उसका निशाना प्रमुख तौर से एकता कपूर के यही सीरियल थे, जिनके कारण फिर ‘ससुराल सिमर का’ और ‘साथ निभाना साथिया’ जैसे सीरियल को बढ़ावा मिला। इनके बारे में जितनी निन्दा की जाए उतनी कम।

क्या चल रहा है और क्यों चल रहा है, किसी को कुछ नहीं पता

‘ससुराल सिमर का’ कहने को एक आम सास बहू सीरियल के रूप में शुरू हुआ, परंतु जल्द ही ये एक ऐसे शो में परिवर्तित हुआ, जहां क्या चल रहा है और क्यों चल रहा है, किसी को कुछ नहीं पता। एक थप्पड़ खाने पर एक रुष्ट लड़की परदे से गला घोंटने का प्रयास करती है, एक साधु के श्राप से मुख्य कलाकार मक्खी बन जाती है, और न जाने क्या-क्या इस सीरियल में देखने को मिला है। ये सीरियल पिछले 10 साल से चल रहा है, जिसका दूसरा सीजन अभी प्रारंभ भी हो चुका है। यह निकृष्टता की पराकाष्ठा नहीं तो और क्या है?

अब बात करते हैं ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की, जो भारतीय टीवी के पतन का सबसे प्रत्यक्ष और जीवट प्रतीक है। ये शो पिछले 13 वर्षों से निरंतर चला आ रहा है। जब 2008 में भारतीय टीवी अपने निम्नतम स्तर पर था, तब सब टीवी पर ये शो प्रसारित हुआ था, और लोगों के लिए ये किसी ताजी हवा के झोंके से कम नहीं था। आज भी इसके प्रथम पाँच वर्ष के एपिसोड लोग धड़ल्ले से शेयर करते हैं, क्योंकि वे न सिर्फ चुटीले हैं, अपितु कहीं न कहीं एक महत्वपूर्ण संदेश देते हैं।

परंतु वो कहते हैं, किसी भी चीज की एक समयसीमा होती है, और उससे अधिक उसे खींचने पर उसका विनाश निश्चित है। तारक मेहता के साथ भी यही हुआ है, और आज स्थिति यह है कि लोग उसके वर्तमान एपिसोड के प्रति उतना आकर्षित नहीं है, जितना पहले हुआ करते थे। स्वयं इस शो से जुड़े कुछ पुराने कलाकार मानते हैं कि जरूरत से अधिक खींचना इस शो के लिए हानिकारक सिद्ध हुआ है।

फ़ेम और पैसा कमाने की अंधी दौड़ में कला और रचना को हम लोगों ने कहीं बहुत पीछे छोड़ दिया है। यही एक कारण है कि जो देश अपनी कला के दम पर कभी भी किसी भी फिल्म या टीवी फेस्टिवल से एक झटके में सैकड़ों पुरस्कार अपनी योग्यता के बल पर प्राप्त कर सकता है, चाहे वह एमी हो या ऑस्कर, परंतु वह इसलिए चूक जाता है क्योंकि हमारे लिए पैसा अधिक मायने रखता है, न कि दमदार व्यक्तित्व एवं आकर्षक किरदार। यदि हम केवल अपने वास्तविक इतिहास को ही परदे पर उतारना शुरू कर दे, तो संसार का कोई भी टीवी फेस्टिवल किसी और को पुरस्कृत करने से पहले सौ बार सोचेगा। भारत के टीवी कॉन्टेन्ट का डंका पूरे विश्व में बजेगा, बस प्रयास करने की देर है।

Tags: कहानी घर-घर कीटीवीबुनियादसीरियल
शेयर60ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘कोई नहीं है दूर-दूर तक’, कैसे पीएम मोदी ने ई-पेमेंट के क्षेत्र में भारत को बनाया नंबर वन

अगली पोस्ट

कोरोना की दो विनाशकारी लहर के बाद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है

संबंधित पोस्ट

शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति
समीक्षा

शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

5 June 2025

शपथ एक गंभीर वादा है कि जनप्रतिनिधि भारत की संप्रभुता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करेंगे। जब ये प्रतिनिधि इस शपथ का उल्लंघन करते हैं—सरकारी...

विराट कोहली और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया
समीक्षा

RCB के जश्न में हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत का ज़िम्मेदार कौन?

5 June 2025

बीते 3 जून को अहमदाबाद में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पंजाब किंग्स (PBKS) को 6 रनों से हराकर अपना पहला IPL खिताब जीता था,...

‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन
ज्ञान

‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

3 June 2025

मैं जब छठी कक्षा में पढ़ता था तब एक श्लोक पढ़ा था: अभिवादन शीलस्य, नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते, आयुर्विद्या यशो बलम्।। भावार्थ: जो सदैव...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited