सनातन धर्म जिसे विश्व का सबसे पुरातन धर्म कहा जाता है, उसका सारा धार्मिक इतिहास भारत से ही जुड़ा हुआ है। सनातन धर्म में देवी- देवताओं के प्रति एक अलौकिक आस्था है। हिंदू धर्म के लोग एक राज्य से अन्य राज्यों में धार्मिक स्थलों का भ्रमण करने जाते हैं। ऐसे में अब IRCTC ने एक ऐसी पहल की शुरुआत की है, जिसे लेकर सनातनी जमकर उसकी तारीफ करते दिख रहे हैं। दरअसल, धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए IRCTC ने पवित्र स्थलों पर जाने वाले ट्रेनों में शाकाहारियों की जरूरतों के अनुरूप सेवाओं का शुभारंभ किया है। सात्विक काउंसिल ऑफ इंडिया का कहना है कि IRCTC ने कुछ ट्रेनों के लिए “सात्विक यात्रा” को प्रमाणित करने का निर्णय किया है।
इस दौरान यात्रियों को पूरा सात्विक माहौल उपलब्ध करवाया जाएगा। यात्रियों को न सिर्फ शाकाहारी खाना मिलेगा, बल्कि हाथ धोने वाला साबुन और अन्य चीजें भी पूरी तरह से न्यूट्रल मैटेरियल से बनी होंगी। शाकाहारी अनुकूल यात्रा सुनिश्चित करने के लिए IRCTC ने बेस किचन, एग्जीक्यूटिव लाउंज, बजट होटल, फूड प्लाजा, यात्रा और टूर पैकेज, रेल नीर प्लांट्स को इस सूची में शामिल किया है।
सात्विक काउंसिल ऑफ इंडिया के एक कथन के अनुसार, IRCTC कुछ ट्रेनों में अनुकूल यात्रा को बढ़ावा देगी। विशेष तौर पर धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों पर चलने वाली ट्रेनों के सन्दर्भ में सात्विक काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि वो 15 नवंबर को IRCTC के साथ ‘सात्विक’ प्रमाणन’ योजना को शुरू करेगी।
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ट्रेनों में नहीं परोसा जाएगा मांस
सात्विक काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा प्रसारित एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, उसने IRCTC के साथ ऐसी सेवाएं शुरू करने के लिए करार किया है, जो “शाकाहारियों की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं और पवित्र स्थलों की यात्रा करने वाले शाकाहारी व्यक्तियों को बढ़ावा देती हैं।“ वहीं, सात्विक काउंसिल ऑफ इंडिया ने IRCTC के साथ संयुक्त रूप से शाकाहारी रसोई की एक पुस्तिका को भी विकसित करने का निर्णय लिया है।
दरअसल, भारतीय सात्विक परिषद ने कहा है कि हिंदू तीर्थ यात्रियों के लिए जाने वाली ट्रेनों में मांस नहीं परोसा जाएगा। IRCTC ने एक संविदा के तहत ट्रेनों का चयन किया है, जो कि तीर्थ स्थल तक श्रद्धालुओं को धार्मिक दर्शन के लिए ले जाएगी। धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए IRCTC ने पहले से हीं वंदे भारत एक्सप्रेस जैसे ट्रेनों को वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन के लिए सुनिश्चित किया है, जिसका अंतिम पड़ाव कटरा है।
IRCTC के इस पहल की जमकर हो रही है सराहना
सात्विक काउंसिल ऑफ इंडिया की वेबसाइट के अनुसार “शाकाहारी श्रद्धालुओं के विश्वास को सुनिश्चित करने के लिए यह प्रयास उच्चतम मानकों को निर्धारित करता है।” हालांकि, इस घोषणा ने सोशल मीडिया पर यूजर्स के एक वर्ग की आलोचना की, जिन्होंने यह सवाल किया है कि क्या गैर-शाकाहारियों को ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और इसके अतिरिक्त इस घोषणा के पीछे के तर्क पर भी सवाल उठाया है।
परंतु दूसरी ओर सनातनियों द्वारा IRCTC की इस सुखद पहल को सराहा गया है और इसे धार्मिक यात्रा के समय शुद्धता के ऊपर ध्यान के लिए उनके निर्णय का स्वागत किया है। इस तरह के निर्णय से धार्मिक यात्रा पर जा रहे यात्री अब शुद्ध और शाकाहारी भोजन के लिए अपने मन में संकोच नहीं रखेंगे। ऐसे में यात्री धार्मिक स्थल के चुनाव के साथ-साथ अपने अनुसार सात्विक प्रमाणित ट्रेनों का चयन भी कर सकते हैं। अंततः IRCTC का यह प्रयास सराहनीय है, क्योंकिं इसमें धार्मिक शुद्धिकरण को महत्ता दी गयी है!
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