TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार (FILE PHOTO)

    शरद पवार VS अजित पवार: 40 साल बाद शुगर फैक्ट्री चुनाव में उतरे अजित ने दर्ज की बंपर जीत

    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल,  सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल, सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    सोनिया गांधी और इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू

    ईरान के समर्थन में लिखे गए सोनिया गांधी के लेख पर भड़का इज़रायल

    खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

    ईरान पर अमेरिका का हमला: क्या ‘स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़’ को बंद कर बदला लेंगे खामेनेई?

    अमेरिका के हमलों को जहां नेतन्याहू ने ऐतिहासिक बताया है तो वहीं ईरान ने इनकी निंदा की है

    ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    सिख के वेश में नरेंद्र मोदी (FILE PHOTO)

    कहानी आपातकाल की: जब नरेंद्र मोदी ने सिख के वेश में घूम-घूमकर लोकतंत्र की लौ जलाए रखी

    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राष्ट्रीय एकता के विचारों को कैसे नीतियों के रूप में बदल रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी

    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    संत प्रेमानंद जी महाराज

    दुर्घटनाओं की वजह से लोगों की हो रही अकाल मृत्यु से बचने के लिए प्रेमानंद महाराज ने बताए 5 उपाय

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार (FILE PHOTO)

    शरद पवार VS अजित पवार: 40 साल बाद शुगर फैक्ट्री चुनाव में उतरे अजित ने दर्ज की बंपर जीत

    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल,  सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल, सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    सोनिया गांधी और इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू

    ईरान के समर्थन में लिखे गए सोनिया गांधी के लेख पर भड़का इज़रायल

    खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

    ईरान पर अमेरिका का हमला: क्या ‘स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़’ को बंद कर बदला लेंगे खामेनेई?

    अमेरिका के हमलों को जहां नेतन्याहू ने ऐतिहासिक बताया है तो वहीं ईरान ने इनकी निंदा की है

    ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    सिख के वेश में नरेंद्र मोदी (FILE PHOTO)

    कहानी आपातकाल की: जब नरेंद्र मोदी ने सिख के वेश में घूम-घूमकर लोकतंत्र की लौ जलाए रखी

    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राष्ट्रीय एकता के विचारों को कैसे नीतियों के रूप में बदल रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी

    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    संत प्रेमानंद जी महाराज

    दुर्घटनाओं की वजह से लोगों की हो रही अकाल मृत्यु से बचने के लिए प्रेमानंद महाराज ने बताए 5 उपाय

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कालिंजर दुर्ग – धर्म और इतिहास, दोनों से है इसका बड़ा गहरा नाता

चारों युगों को अपने आप में समेटे हुए है कालिंजर दुर्ग. भगवान शिव से रहा है इसका गहरा नाता.

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
18 July 2022
in प्रीमियम
Kalinjar Durg

Source- TFIPOST HINDI

Share on FacebookShare on X

“गंगा बड़ी गोदावरी, तीरथ बड़ा प्रयाग, सबसे बड़ी अयोध्या नगरी, जहां राम लिए अवतार” अवधी से मिश्रित इस कथन को बचपन में आपने अपने वृद्धजनों से काफी सुना होगा और काशी अयोध्या की रीतियों और उसकी महिमा में अनेकों किवदंतियां भी सुनी होगी. परंतु एक ऐसा स्थान भी है, जिसका धर्म में भी उतना ही महत्वपूर्ण स्थान है जितना इतिहास में, परंतु उसकी उतनी चर्चा नहीं होती जितनी दिल्ली के लाल किले की या आगरा के किले की या फिर जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग की होती है. आज सावन के प्रथम सोमवार के पावन अवसर पर हम टीएफआई प्रीमियम में विस्तार से जानेंगे एक ऐसे ही दुर्ग के बारे में, जिसका महत्व सनातन धर्म के आदि से लेकर आधुनिक इतिहास तक हैं परंतु उसकी चर्चा हुई ही नहीं है. इस दुर्ग का नाम है- कालिंजर दुर्ग.

परंतु ये कालिंजर दुर्ग है कहां? यह उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में स्थित एक दुर्ग है. बुंदेलखंड क्षेत्र में विंध्य पर्वत पर स्थित यह दुर्ग विश्व धरोहर स्थल खजुराहो से ९७.७ (97.7) कि॰मी॰ दूर है. यह आज भी भारत के सबसे विशाल और अपराजेय दुर्गों में गिना जाता रहा है. कालिंजर का अर्थ होता है- काल का क्षय यानी जहां समय का चक्र ठहर जाए.

संबंधितपोस्ट

नित्य, सनातन एवं शुभता की सारगर्भित चेतना हैं भगवान शिव; समझिए शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का अंतर

क्या रावण सचमुच महान व्यक्तित्व वाला और अपराजित व्यक्ति था?

अघोरी और नागा साधु अलग हैं: दोनों के रास्ते भिन्न हैं परंतु लक्ष्य एक ही हैं

और लोड करें

इस स्थान के अनेक नाम है. सतयुग में यह कीर्ति नगर, त्रेतायुग में मध्यगढ़, द्वापर में सिंहलगढ़ और कलियुग में कालिंजर के नाम से प्रख्यात रहा है. इसका उल्लेख वेदों, पुराणों, उपनिषदों और तमाम प्राचीन ग्रंथों में मिलता है. पद्म पुराण में इस क्षेत्र को नवखल कहा गया है और इसे विश्व का सबसे प्राचीन स्थल बताया गया है. वहीं, मत्स्य पुराण में इसे अवंतिका एवं अमरकंटक के साथ अविमुक्त क्षेत्र कहा गया है. जैन धर्म एवं बौद्ध धर्म के जातक कथाओं में इसे कालगिरी नाम से जाना गया है.

कहा जाता है कि सृष्टि के आरंभिक काल में जब समुद्र मंथन हुआ तो उससे 14 रत्न निकलें. उन रत्नों में कालकूट नाम का एक विष भी था. इस घातक विष को ग्रहण करने हेतु न ही देवता और न ही दानव तैयार थे. अंत में भगवान शिव इस विषपान के लिए तैयार हुए और उन्होंने इस हलाहल को अपने कंठ में ग्रहण किया जिसके कारण वे नीलकंठ के रूप में प्रसिद्ध हुए. तो इसका कालिंजर दुर्ग से क्या नाता?

और पढ़ें: जानवरों की हड्डियों से बनी क्रोकरी का इस्तेमाल बंद करना क्यों आवश्यक है?

दरअसल, भगवान शिव ने यहीं पर कालकूट का पान कर इसे कंठ में धारण किया था. जब विष की तीव्रता शांत हुई तो वो कैलाश पर्वत की ओर प्रस्थान करने लगे लेकिन इसके प्रभाव के कारण भगवान असहज महसूस करने लगे. फिर भगवान शिव कालिंजर पर्वत पर ही रूक कर तपस्या करने लगे और उसके ज्वाला से मुक्ति पाई. यहां एक अति प्राचीन भगवान नीलकंठ का मंदिर भी है जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे.

हिंदू महाकव्यों के अनुसार, सतयुग में कालिंजर चेदि नरेश राजा उपरिचरि बसु के अधीन रहा, जिसकी राजधानी सूक्तिमति थी. त्रेता युग में यह कौशल नरेश श्री रामचंद्र के अधीन था. द्वापर युग में यह चेदि वंश के राजा शिशुपाल के अधीन रहा, उसके बाद यह राजा विराट के अधिकार में आ गया. कलयुग में कालिंजर के किले पर अधिकार का सर्वप्रथम उल्लेख हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र महाराजा भरत का मिलता है. इतिहासकार कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार, चक्रवर्ती सम्राट भरत ने चार महत्वपूर्ण किले बनवाए थे जिनमें कालिंजर का किला भी था और यह सर्वाधिक महत्व का था.

परंतु आधिकारिक स्त्रोतों के अनुसार, कालिंजर दुर्ग की स्थापना चन्देल वंश के संस्थापक चन्द्र वर्मा ने की थी. हालांकि, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसका निर्माण केदारवर्मन द्वारा द्वितीय-चतुर्थ शताब्दी में करवाया गया था. यह भी माना जाता है कि इसके कुछ द्वारों का निर्माण औरंगज़ेब ने करवाया था. १६वीं शताब्दी के फारसी इतिहासकार फ़िरिश्ता के अनुसार, कालिंजर नामक शहर की स्थापना केदार नामक एक राजा ने ७वीं शताब्दी में की थी लेकिन यह दुर्ग चन्देल शासन से प्रकाश में आया. चन्देल-काल की कथाओं के अनुसार दुर्ग का निर्माण एक चन्देल राजा ने करवाया था.

कालिंजर दुर्ग
Source- Google

चन्देल शासकों द्वारा कालिंजराधिपति (कालिंजर के अधिपति) की उपाधि का प्रयोग उनके द्वारा इस दुर्ग को दिये गए महत्त्व को दर्शाता है. इस दुर्ग की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि ढेरों युद्धों एवं आक्रमणों से भरी पड़ी है. विभिन्न राजवंशों के हिन्दू राजाओं तथा मुस्लिम शासकों द्वारा इस दुर्ग पर वर्चस्व प्राप्त करने हेतु बड़े-बड़े आक्रमण हुए हैं एवं इसी कारण से यह दुर्ग एक शासक से दूसरे के हाथों में चलता चला गया. किन्तु केवल चन्देल शासकों के अलावा कोई भी राजा इस पर लम्बा शासन नहीं कर पाया.

प्राचीन भारत में कालिंजर का उल्लेख बौद्ध साहित्य में बुद्ध के यात्रा वृतांतों में मिलता है. गौतम बुद्ध (५६३-४८० ई॰पू॰) के समय यहां चेदि वंश का शासन था. इसके बाद यह मौर्य साम्राज्य के अधिकार में आ गया व विंध्य आटवीं नाम से विख्यात हुआ. तत्पश्चात यहां शुंग वंश तथा कुछ वर्ष पाण्डुवंशियों का शासन रहा. समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति में इस क्षेत्र का विंध्य आटवीं नाम से उल्लेख है. इसके बाद यह वर्धन साम्राज्य के अन्तर्गत भी रहा. गुर्जर प्रतिहारों के शासन में यह उनके अधिकार में आया तथा नागभट्ट द्वितीय के समय तक रहा. चन्देल शासक उन्हीं के माण्डलिक राजा हुआ करते थे. उस समय के लगभग हर एक ग्रन्थ या अभिलेखों में कालिंजर का उल्लेख मिलता है. २४९ ई॰ में यहां हैहय वंशी कृष्णराज का शासन था. चौथी सदी में यहां नागों का शासन स्थापित हुआ, जिन्होंने नीलकंठ महादेव का मन्दिर बनवाया. उसके बाद यहां गुप्त वंश का राज स्थापित हुआ. ९वीं से १५वीं शताब्दी तक यहां चन्देल शासकों का शासन था.

परंतु यह दुर्ग सामरिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी बड़ा ही महत्वपूर्ण था. इसके बारे में कई इतिहासकार आजकल उल्लेख करने से कतराते हैं क्योंकि आतताइयों का गुणगान करने में इन्हें कोई समस्या नहीं होती परंतु वास्तविक इतिहास का उल्लेख करने में इन्हें सांप सूंघ जाता है. इस पर सुल्तान महमूद गजनवी से लेकर कुतुबद्दीन ऐबक, हूमायूं यहाँ तक कि शेरशाह सूरी जैसे कितनों ने आक्रमण कर अपने अधीन करने की कोशिश की लेकिन वे असफल रहे.

अब कालिंजर दुर्ग  को जीतना अपने आप में शौर्य सिद्ध करने की एक कसौटी भी थी. इसकी दीवारें पांच मीटर मोटी थी. दुर्ग की ऊंचाई ही 108 फुट थी. ख़ास बात यह है कि जिस पहाड़ी पर इसे बनाया गया है, उसके चारों तरफ खड़ी ढलान है. इसी वजह से दुर्ग पर तोप से हमला करना भी बेहद मुश्किल था. इसके महत्व को समझते हुए शेरशाह सूरी कालिंजर किले को किसी भी हाल में हथियाना चाहता था. एक महीने की लगातार घेराबंदी के बावजूद वह किले को जीत नहीं पाया तो उसने इसके दीवारों को तोप से उड़ाने का आदेश दिया. कहा जाता है कि तोप का एक गोला कालिंजर के दीवार से टकराकर वापस आकर शेरशाह को लगा और वह बुरी तरह जख्मी हो गया और तत्पश्चात उसका इंतकाल हो गया. अब सोचिए, ये प्रभु की लीला नहीं तो और क्या है?

कालिंजर दुर्ग
Source- Google

इसी दुर्ग से अकबर के सबसे विश्वसनीय सलाहकारों में से एक बीरबल का भी इतिहास जुड़ा है. कभी महेश दास के रूप में पले बढ़े बीरबल ने अपनी वाकपटुता से मुगल दरबार को ऐसा प्रसन्न किया कि वह जल्द ही शहंशाह अकबर का प्रिय बन गया. प्रथमत्या कालिंजर दुर्ग किसी के अधीन हुआ था क्योंकि बीरबल ने इसी कालिंजर के राजा के प्रमुख पुरोहित की बेटी से शादी की थी और बाद में उसने कालिंजर को जीतने में अकबर की मदद की थी. जिस कालिंजर को आजतक कोई जीत नहीं पाया था, वह बीरबल का जागीर बन गया था.

आपको बता दें कि कालिंजर पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस किले में अनेक स्मारक और मूर्तियां हैं. इसे मूर्तियों का खजाना कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यह किला चंदेल वंश के शासन काल की भव्य वास्तुकला का उदाहरण है. इस विशाल किले में भव्य महल और छतरियां हैं जिन पर बारीक डिजाइन और नक्काशी की गई है. दुर्ग में प्रवेश के लिए सात द्वार हैं और ये सभी एक-दूसरे से भिन्न शैलियों से अलंकृत हैं. किले की दीवारों पर कई कलाकृतियां हैं जो कि अपने आप में अद्भुत हैं. किले के बीचों-बीच अजय पलका नाम का एक झील है. इसकी परिधि में कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं. यहां ऐसे तीन मंदिर हैं जिन्हें अंकगणितीय विधि से बनाया गया है.

मंदिर के ठीक पीछे की ओर पहाड़ काटकर पानी का एक कुंड बनाया गया है जिसमें बने मोटे-मोटे स्तंभों और दीवारों पर प्रतिलिपियां लिखी हुई हैं. इस मंदिर के ऊपर पहाड़ है जहां से पानी रिसता रहता है. बुंदेलखंड सूखे वाला इलाका है लेकिन इस पहाड़ से सैकड़ों सालों से लगातार पानी रिस रहा है. इसके बारे में किसी को भी ठोस जानकारी नहीं है और ये स्त्रोत कहां से उत्पन्न हुआ, ये महादेव ही जाने!

इसके अतिरिक्त कई वर्षों तक इसे पुनः स्वतंत्र कराने का प्रयास किया गया और आखिरकार राजा छत्रसाल के नेतृत्व में कालिंजर दुर्ग पर पुनः अधिकार प्राप्त किया गया. परंतु 1812 में यह दुर्ग अंग्रेज़ों के नियंत्रण में आ गया. ब्रितानी नौकरशाहों ने इस दुर्ग के कई भागों को नष्ट-भ्रष्ट कर दिया. दुर्ग को पहुंचाये गए नुकसान के चिह्न अभी भी इसकी दीवारों एवं अन्दर के खुले प्रांगण में देखे जा सकते हैं. इतना ही नहीं, १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय इस पर एक ब्रितानी टुकड़ी का अधिकार था. भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के साथ ही यह दुर्ग भारत सरकार के नियंत्रण में आ गया.

कुछ विचित्र नमूने हैं जो बोलते हैं कि यदि ताज महल और लाल किला हटा दो तो भारत के पास संसार को दिखाने के लिए बचेगा ही क्या? अरे, आप प्रयास तो कीजिए ऐसे अनेक धरोहरों से भरा हुआ है भारत, जिनके इतिहास और जिनकी संस्कृति को देख संसार के अनेकों लोग निशब्द और स्तब्ध रह जाएंगे और जिनकी रचनाओं को देख उनके मुख से एक ही शब्द निकलेगा, “अद्भुत!” कालिंजर दुर्ग एक ऐसी ही कलाकृति है.

और पढ़ें: परमाणु ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर अरबों रुपये बचा सकता है भारत

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: कालिंजर दुर्गभगवान शिवसमुद्र मंथन
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

भारत में ‘खाद्यान्न संकट’ का रोना रोया जा रहा है लेकिन उसकी सच्चाई आपकी आंखे खोल देगी?

अगली पोस्ट

कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में मिलने जा रहा है एक और “सिंधिया” मोमेंट !   

संबंधित पोस्ट

कस्तूरबा गांधी
इतिहास

महात्मा गांधी ने कस्तूरबा गांधी के ऊपर जो अत्याचार किए वो डरावने हैं

22 February 2023

उस महिला से बड़ा दुर्भाग्य किसका होगा, जिसके पति कहने को तो एक अद्वितीय समाज सुधारक थे- राष्ट्र के मार्गदर्शक थे- परंतु वास्तव में वो...

हरीपाल कौशिक
इतिहास

लेफ्टिनेंट कर्नल हरीपाल कौशिक की वो कहानी जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी

18 February 2023

लेफ्टिनेंट कर्नल हरीपाल कौशिक की कहानी: भारत और पाकिस्तान के बीच में आधिकारिक रूप से चार युद्ध लड़े गए: 1948, 1965, 1971 एवं 1999। परंतु...

आल्हा-ऊदल की कहानी
प्रीमियम

वीर आल्हा-ऊदल की अनकही कहानी

8 February 2023

आल्हा-ऊदल की कहानी: भारत के इतिहास के पन्नों में अनेक वीरों के शौर्य और साहस की गाथाएं मौजूद हैं। महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मीबाई और छत्रपति...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Right time for release? Sardar ji 3 drops amid tragedy

Right time for release? Sardar ji 3 drops amid tragedy

00:05:33

India' s oil and ethanol market at risk? Rural industries dear US flood

00:04:14

Amarnath yatra 2025 explained: history, logistics and security

00:06:47

when the God leaves the temple to be with his devotees.

00:05:31

R.P. Singh Exposes AAP: Following Indira's Model of Separatist Appeasement?

00:11:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited