TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई, सीएम सरमा ने कहा: पुलिस भड़काऊ भाषणों की समीक्षा करेगी

    ‘राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई’, जानें, सीएम सरमा ने क्या दिया आदेश

    पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ़्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई, सीएम सरमा ने कहा: पुलिस भड़काऊ भाषणों की समीक्षा करेगी

    ‘राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई’, जानें, सीएम सरमा ने क्या दिया आदेश

    पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ED का एक्शन

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    देवेंद्र फडणवीस का ऐलान: हिंदू, बौद्ध, सिखों को छोड़ सभी के SC सर्टिफिकेट होंगे रद्द

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    24 घंटे, 3 मिसाइल परीक्षण और निशाने पर पाकिस्तान-चीन: क्या है रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती रफ्तार के मायने?

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    लद्दाख में 15,000 फीट पर ‘आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम’ का सफल परीक्षण: हवाई हमलों को मिलेगा जवाब

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    पारंपरिक रक्षा प्रणाली से स्मार्ट युद्ध की ओर बढ़ने का प्रतीक था ऑपरेशन सिंदूर, जानें और क्या बोले सीडीएस अनिल चौहान

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    पाकिस्तान की फिर से इंटरनेशनल बेइज्ज्ती, व्हाइट हाउस ने कह दी ये बात

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    टीआरएफ पर प्रतिबंध: पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ क्या उसे एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस भेज देगा?

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ़्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    अमेरिका अप्रवासियों को एस्वातिनी क्यों भेज रहा है? अफ्रीकी राज्य के अंदर अब तीसरे देशों के निर्वासित लोग भी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जानवरों की हड्डियों से बनी क्रोकरी का इस्तेमाल बंद करना क्यों आवश्यक है?

‘बोन चाइना’ हमारे धर्म में घुसपैठ है!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
12 July 2022
in प्रीमियम
bone china

Source- Google

Share on FacebookShare on X

कभी चीनी मिट्टी के प्यालों में चाय पी है? या उसके बने बर्तनों में भोजन किया है? आप भी सोच रहे होंगे, भला क्या घमंजेबाजी बतिया रहे हैं? परंतु कहीं न कहीं बोन चाइना का नाम तो अवश्य ही सुने होंगे। इस क्रॉकरी की चर्चा केवल भारत में ही नहीं अपितु संसार भर में है, परंतु क्या आपको आभास है कि इस क्रॉकरी के पीछे एक ऐसा सच भी है, जो घृणित है। पत्तलों, मिट्टी और तांबे एवं पीतल के बर्तनों में भोजन करने वाले भारतीयों को बोन चाइना जैसे ‘विष’ की ओर आकर्षित किया गया, जो न केवल हमारे लिए अधार्मिक है, अपितु हानिकारक भी।

वो कैसे? क्या आपको पता है बोन चाइना जानवरों की हड्डियों के चूरे से बनता है? बोन चाइना और सेरामिक [Ceramic] के प्यालों में कुछ मूलभूत अंतर होते हैं, जिन्हे जानना आपके लिए बहुत आवश्यक है। चीनी मिट्टी के बर्तन मुख्य कच्चे माल के रूप में प्राकृतिक मिट्टी और विभिन्न प्राकृतिक खनिजों से बनते हैं और कच्चे माल में 25% से अधिक की हड्डी पाउडर सामग्री के साथ चीनी मिट्टी के बर्तन बोन चाइना है। इसके अतिरिक्त हड्डी चीन और चीनी मिट्टी की चीज़ों के बीच सामग्री और शिल्प कौशल में अंतर उनके ग्रेड अंतर को निर्धारित करता है। बोन चाइना बनाने के लिए जानवरों की हड्डी का कोयला मुख्य पसंद है और इसकी सामग्री 40% तक होती है। वर्तमान में, दुनिया में सबसे अधिक बोन चाइना सामग्री के साथ ब्रिटिश शाही परिवार का उच्च गुणवत्ता वाला बोन चाइना 50% है।

संबंधितपोस्ट

अरब में योग की अलख: सऊदी महिलाओं में बढ़ रहा क्रेज, पहली सऊदी योगाचार्य नौफ मरवाई की जुबानी पूरी कहानी

तिरंगा यात्रा से लेकर ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के बीच जानिये अपने तिरंगा का पूरा इतिहास

चंद्रयान 3 प्रक्षेपित क्या हुआ लिबरलस की ही सुलग उठी !

और लोड करें

और पढ़ें: इस तरह 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है भारत

परंतु बोन चाइना का इतिहास भी बड़ा अनोखा है, जिसमें ब्रिटिश प्रदूषण भी सम्मिलित है। बता दें कि इसकी शुरुआत इंग्लैंड से हुई। दरअसल, इंग्लैंड के लोगों को चीनी मिट्टी के बने बर्तन बहुत अच्छे लगते हैं, इसलिए वहां की कंपनियां चीन से चीनी मिट्टी आयात करती थीं और फिर उससे बर्तन बनाकर बेचती थीं। चीन से मिट्टी इंग्लैड ले जाने में कंपनियों को बहुत अधिक खर्च करना पड़ता है, जिसका कोई और विकल्प तलाशने के दौर में बोन चाइना की शुरुआत हुई। सबसे पहले इंग्लैंड के थॉमस फ्रे ने 1748 में हड्डियों को राख बनाकर उससे बर्तन बनाए, जो चीनी मिट्टी जैसे मुलायम भी थे और उससे सुंदर भी। इसके बाद इंग्लैंड में खूब सारी कंपनियों ने बूचड़खानों से हड्डियां लाकर उनसे प्लेट बनानी शुरू कर दीं। करीब 200 सालों तक बोन चाईना सिर्फ यूके के पास था, लेकिन उसके बाद जापान, चीन और पूरी दुनिया में फैल गया। भारत में इसकी शुरुआत बंगाल से 1964 में हुई. कुछ ही समय बाद राजस्थान बोन चाइना के बर्तनों का गढ़ बन गया। 2009 के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में 16-17 टन बोन चाइना के बर्तन रोज बनते थे।

बोन चाइना इसलिए महंगा होती है क्योंकि इसके उत्पादन के लिए सैकड़ों टन हड्डियों की जरुरत होती है, जिन्हें कसाईखानों से जुटाया जाता है। इसके बाद इन्हें उबाला जाता है, साफ किया जाता है और खुले में जलाकर इसकी राख प्राप्त की जाती है। बिना इस राख के कभी भी बोन चाइना नहीं बन सकता। जानवरों की हड्डी से चिपका हुआ मांस और चिपचिपापन अलग कर दिया जाता है। इस चरण में प्राप्त चिपचिपे गोंद को अन्य इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रख लिया जाता है। शेष बची हुई हड्डियों को 1000 सेल्सियस तापमान पर गर्म किया जाता है, जिससे इसमें उपस्थित सारा कार्बनिक पदार्थ जल जाता है। इसके बाद इसमें पानी और अन्य आवश्यक पदार्थ मिलाकर कप, प्लेट और अन्य क्राकरी बना ली जाती है। इस तरह बोन चाइना अस्तित्व में आता है। 50 प्रतिशत हड्डियों की राख 26 प्रतिशत चीनी मिट्टी और बाकी चाइना स्टोन। खास बात यह है कि बोन चाइना जितना ज्यादा महंगा होगा, उसमें हड्डियों की राख की मात्रा भी उतनी ही अधिक होगी।

जिस देश में कभी मिट्टी के बर्तन, तांबे, पीतल, लोहे इत्यादि के बर्तन प्रचलित थे, वहाँ पर बोन चाइना जैसा ‘विष’ कैसे प्रचलित हुआ? कारण एक ही है– साम्राज्यवाद। ब्रिटिश साम्राज्यवादियों के कारण क्रॉकरी में खाने की रीति प्रचलित हुई और जल्द ही देसी पतीलों और पत्तलों एवं बर्तनों का स्थान बोन चाइना के बर्तनों ने ले लिया। चोरी करने की आदत पाश्चात्य संस्कृति की बहुत पुरानी आदत है। 2021 में TFI ने एक लेख के जरिए बताया था कि कैसे जब हज़ारों वर्ष पहले पाश्चात्य संस्कृति अधपके मांस का भक्षण करती थी, तब भारतीय संस्कृति प्लांट आधारित डायट को बढ़ावा देती थी और अनेकों अन्न से परिपूर्ण लड्डुओं के सेवन को भी बढ़ावा देती थी। जो सेहत के लिए बेहद गुणकारी थी। जो आज विश्व के लिए Health Conscious है, उसे सदियों पहले भारत ने चिन्हित किया था।

और पढ़ें: पटेलों ने अमेरिका के बर्बाद मोटेल उद्योग पर कब्जा करके कैसे उन्हें ‘पोटेल उद्योग’ बना दिया?

परंतु पश्चिमी देशों की यह क्रेडिट चोरी यहीं तक सीमित नहीं रही। हमें आज तक समझाया गया है कि ग्रहों के सिद्धांत के बारे में गैलीलियो और कोपरनिकस जैसे वैज्ञानिकों ने खोज की। लेकिन ऐसा तो संभव है नहीं कि उन्होंने यूं ही खोज निकाला हो। यदि उनसे पहले ग्रहों के मोशन, सूर्यग्रहण इत्यादि के बारे में कोई ज्ञान ना होता तो भारत में नवग्रह का सिद्धांत कैसे आया? जिन सिद्धांतों के लिए गैलिलियो और कोपरनिकस आज लाइमलाइट चुरा रहे हैं, उन्हें तो जाने कितने वर्षों पहले वराहमिहिर ने अपने ‘बृहद संहिता‘ में संकलित कर लिया था।

कभी जो विदेशी हमें पत्तलों पर खाने के लिए चिढ़ाते थे, आज वही पत्तलों पर खाने को बढ़ावा दे रहे हैं, और उन पर अपना अधिकार भी जमाना चाहते हैं। यह तो कुछ भी नहीं है। पाश्चात्य संस्कृति तो नीम, हल्दी और बासमती जैसे खाद्य पदार्थों तक को अपना सिद्ध करने पर तुली हुई थी, जिसके लिए भारत को लंबी, वैधानिक लड़ाइयाँ लड़नी पड़ी थी। हालांकि जो संस्कृति भारतीय संस्कृति द्वारा पेड़ के पत्तों से बनी प्लेटों तक को अपना बनाने से बाज़ नहीं आए, उससे और क्या आशा की जा सकती है? लेकिन हम हैं कि अभी भी विदेशियों से वैलिडेशन यानि स्वीकृति के लिए लालायित रहते हैं।

ठीक इसी प्रकार से योग शास्त्र की भी परंपरा युगों-युगों से चली आ रही है। जिसे पश्चिम ने ‘हॉट योगा’ और ‘PT ड्रिल’ बना दिया है। हालांकि अब इसके लिए हमें पाश्चात्य संस्कृति की अनावश्यक स्वीकृति से बचना होगा। हमें अपने आत्मसम्मान को सर्वोपरि रखते हुए पश्चिमी देशों को यह सिद्ध करना होगा कि हमारे शास्त्र को वे यूं ही अपनी सुविधा अनुसार नहीं चुरा सकते। अब बोन चाइना जैसी घृणित प्रवृत्ति को हम वर्षों से अपने ऊपर ढोते आ रहे हैं, और अब चूंकि कुछ पाश्चात्य लोगों को मिट्टी और तांबे के बर्तन ‘कूल’ लगने लगे हैं, इसलिए हम पुनः उन्हें आत्मसात करने लगे हैं, अन्यथा अपनी स्वस्थ संस्कृति के पुनरुत्थान की ओर सोचते भी नहीं।

और पढ़ें: हिंदुओं, अपनी सुप्त अवस्था को त्यागो और स्वयं को सशक्त और प्रशिक्षित करो

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: इंग्लैंडपश्चिमी देशबोन चाइनाभारतीय संस्कृति
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘आरे बचाओ’ विरोध को लेकर बड़ी मुश्किल में फंसे शिवसेना के ‘चश्मोचिराग’ आदित्य ठाकरे

अगली पोस्ट

पूर्व सीएम रघुवर दास ने झारखंड में विकास का जो बीज डाला था अब वो पेड़ बन गया है

संबंधित पोस्ट

कस्तूरबा गांधी
इतिहास

महात्मा गांधी ने कस्तूरबा गांधी के ऊपर जो अत्याचार किए वो डरावने हैं

22 February 2023

उस महिला से बड़ा दुर्भाग्य किसका होगा, जिसके पति कहने को तो एक अद्वितीय समाज सुधारक थे- राष्ट्र के मार्गदर्शक थे- परंतु वास्तव में वो...

हरीपाल कौशिक
इतिहास

लेफ्टिनेंट कर्नल हरीपाल कौशिक की वो कहानी जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी

18 February 2023

लेफ्टिनेंट कर्नल हरीपाल कौशिक की कहानी: भारत और पाकिस्तान के बीच में आधिकारिक रूप से चार युद्ध लड़े गए: 1948, 1965, 1971 एवं 1999। परंतु...

आल्हा-ऊदल की कहानी
प्रीमियम

वीर आल्हा-ऊदल की अनकही कहानी

8 February 2023

आल्हा-ऊदल की कहानी: भारत के इतिहास के पन्नों में अनेक वीरों के शौर्य और साहस की गाथाएं मौजूद हैं। महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मीबाई और छत्रपति...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

India’s ULRA Bomber: 12,000-km Beast That Can Strike Anywhere Without Refueling

India’s ULRA Bomber: 12,000-km Beast That Can Strike Anywhere Without Refueling

00:07:39

The Shocking Truth About Mass Conversions in Tamil Nadu

00:07:26

The Butcher of Pahalgam: Sulaiman — Trained by ISI, Pakistan’s Commando-Turned-Terrorist

00:04:13

Congress’s Rohith Vemula Bill: Caste Polarization Masquerading as Reform

00:07:33

Bhima Koregaon Won’t Be Repeated; Maharashtra’s Special Act to Wipe Out Urban Naxals.

00:06:06
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited