आज बॉलीवुड का हाल कुछ ऐसा हो गया है कि इनकी फिल्मों को कोई पानी तक पूछने वाला नहीं है। अगर एक दो गिनी चुनी फिल्मों को छोड़ दिया जाए, तो बॉलीवुड की लगभग हर फिल्म ही बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरती हुई नजर आती हैं। पहले जहां लोग बॉलीवुड फिल्मों की घोषणा होते ही उस फिल्म को देखने या उसके कलेक्शन के बारे में जानने के लिए लालायित रहते थे। आज स्थिति बिलकुल उसके उलट हो गयी है। अब कोई भी फिल्म की घोषणा होती है, तो लोग उसके लिए उत्साहित होना तो दूर फिल्म को बायकॉट करने की मांग शुरू कर देते हैं। वैसे तो बॉलीवुड की हालत पहले से ही खस्ता है, लेकिन इसमें अक्टूबर में तो एक अलग ही प्रकार की क्रांति देखने को मिल रही है।
देखा जाए तो बॉलीवुड इसके लिए स्वयं ही जिम्मेदार है। बॉलीवुड ने अपने ही हाथों खुद का बंटाधार किया। क्योंकि एक समय ऐसा भी था जब जनता ने इस पूरी इंडस्ट्री और इसके सितारों को सिर पर बैठाये रखा, परंतु दर्शकों को बदले में क्या मिला? बॉलीवुड का हमेशा से केवल एक ही लक्ष्य रहा है और वो है पैसा कमाना। इसके लिए वे एक धर्म को निशाना बनाते हुए उसका उपहास उड़ाना और गंभीर मुद्दों का व्यावसायीकरण करने तक से पीछे नहीं हटता था। परंतु अब जनता जागरूक हो चुकी हैं, जिस कारण बॉलीवुड की हालत दिन पर दिन खराब होती चली जा रही है।
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अक्टूबर में रिलीज हुई फिल्मों का हाल
अक्टूबर माह की बात करें तो इस महीने अब तक बॉलीवुड की कई फिल्में रिलीज हो चुकी हैं। लेकिन शायद आप में से कई लोग ऐसे होंगे, जिनको तो यह तक नहीं जानते होंगे कि अभी कौन-कौन सी फिल्में थिएटर में लगी हैं। यह बॉलीवुड का हाल बताने के लिए काफी हैं। इस महीने आयी किसी भी फिल्म के प्रति लोगो में वो क्रेज दिखाई नहीं दिया, जो पहले देखने को मिला करता था। वैसे तो बॉलीवुड पहले से ही एक गहरी खाई यानी पतन की ओर जाता दिखाई दे रहा है लेकिन अक्टूबर माह में तो ये और भी ज्यादा बुरी हालत में पहुंच गया है। यदि हम बॉलीवुड के अक्टूबर महीने की तुलना रूस में 1917 में हुई क्रांति से करें, तो कुछ भी गलत नहीं होगा। क्योंकि इस क्रांति में भी एक स्वेच्छाचारी शासन का अंत हुआ था और बॉलीवुड के साथ भी कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है।
यह एक पुरानी कहावत है एक सफल फिल्म का कोई भी यूनिक फॉर्मूला नहीं होता है, लेकिन अच्छी तरह से बताई गई कहानी अपने आप दर्शकों के दिल को छू जाती है, शायद यहीं बॉलीवुड मात खा रहा है। अक्टूबर माह में एक के बाद कई फ़िल्में सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई है, जैसे- कोड नेम तिरंगा, डॉक्टर जी, गुडबाय आदि। इनके अब तक के कलेक्शन को देखते हुए आपको क्या लगता है यह सभी फिल्मों कुल मिलाकर 50 करोड़ के कलेक्शन का आंकड़ा भी पार कर पाएंगी। तो जवाब है शायद नहीं।
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कांतारा के आगे सबने टेके घुटने
पिछले माह ऋतिक रोशन की बहुप्रतीक्षित फिल्म विक्रम वेधा रिलीज हुई थी, जो अब तक 100 करोड़ तक कमाने में कामयाब नहीं हो पायीं। फिल्म 180 करोड़ के बड़े बजट में बनी है। वहीं इस माह अमिताभ बच्चन की आयी गुडबाय ने भी पूरी तरह से दम तोड़ दिया। एक हफ्ते में यह फिल्म केवल 6 करोड़ के आसपास ही कमायीं कर पायी है। इस फिल्मी फ्राइडे दो फिल्में थिएटर में लगी, जिसमें एक आयुष्मान खुराना की ‘डॉक्टर जी’ है, जो दो दिनों के अंदर 9 करोड़ के आसपास का कलेक्शन करने में कामयाब हो पायी है। वहीं परिणीति चोपड़ा स्टारर ‘कोड नेम तिरंगा’ की हालत तो बेहद ही बुरी है। फिल्म ने पहले दिन केवल 25 लाख, तो दूसरे दिन 30 लाख का ही कारोबार किया।
दूसरी तरफ केजीएफ (KGF) के मेकर्स द्वारा बनायीं गयी कन्नड़ थ्रिलर फिल्म कांतारा रिलीज़ हुई है। 14 अक्टूबर को कांतारा का हिंदी और तेलुगू वर्जन सिनेमाघरों में रिलीज किया गया। कन्नड़ भाषा के साथ ये फिल्म हिंदी में भी बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई कर रही है। ये फिल्म वर्ल्डवाइड 100 करोड़ का कलेक्शन कर चुकी है। यही से साफ़ देख सकते हैं कि फिल्म में एक बेहतरीन कहानी का होना कितना ज्यादा मायने रखता है। केवल एक अच्छी कहानी ही दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचकर लाने में कामयाब हो पाती हैं।
केवल इस महीने नहीं अब तक के पूरे साल को ही देख लें तो वर्ष 2022 बॉलीवुड के लिए किसी बुरे सपने से कम साबित नहीं हो रहा है। इस साल में आयी 30-32 बड़ी फिल्मों में से केवल कुछ ही फ़िल्में ऐसी थी जो लोगों के दिलो में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो पाई, जिसमें बॉलीवुड की तो केवल द कश्मीर फाइल्स और भूल भुलैया 2 जैसी और मेजर जैसे फिल्में ही शामिल रही। बाकी की तो सारी ‘फ्लॉप’ ही रही थी। इस साल रिलीज हुई फिल्मों में से 80% अपने निवेश से आधे से भी कम की वसूली करने में सफलता हासिल नहीं कर पायी।
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जनता के बॉलीवुड से दूर जाने के कई कारण
बॉलीवुड और जनता के बीच गहराती इस खाई के कई सारे कारण है जैसे- फीकी सामग्री, दर्शकों की देखने की आदतों में बदलाव, फिल्मों की कॉपी, एक जोन की फिल्मों का दोहराये जाना आदि। बॉलीवुड के कई बड़े स्टार्स को लगता था कि फैन-फॉलोइंग होना ही उनकी फिल्मों को कामयाब बना सकती है, लेकिन अब शायद बॉलीवुड की ये हालत देखकर उन बड़े सुपरस्टार को वास्तविकता से परिचित हो जाना चाहिए।
वही साउथ फिल्मों की बात करें तो आज के समय में वे बॉलीवुड से कहीं आगे निकल चुका है और इस बात को खुद बॉलीवुड के कलाकार भी जानते हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने अपने एक इंटरव्यू में साउथ इंडस्ट्री की कामयाबी के कारण के बारे में बताया था। उनका कहना था- “साउथ की फिल्मों के हिट होने का सबसे बड़ा कारण है कि वो अपनी भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़े हुए हैं। वो अपने परिवार और रिश्ते को लेकर काफी ज्यादा पारंपरिक हैं। वो पश्चिमी नहीं हैं। इनके जुनून और काम का तरीका हम बॉलीवुड के लोगों से बिलकुल अलग है।”
बॉलीवुड की मौजूदा परिस्थिति देखकर तो ऐसा लगता है कि यह उद्योग इस समय वेंटिलेटर पर पड़ा है और अगर इसी तरह से चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं लग रहा है जब बॉलीवुड इंडस्ट्री पर ताले लग जाएंगे। तो अगर बॉलीवुड खुद को इस खाई से बाहर निकलना चाहता है उसे जल्द से जल्द अपने फिल्म की कहानी पर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्योंकि सही ही कहा गया है कि Content is King। फिल्म की कहानी यदि अच्छी होगी तो दर्शक अपने आप ही सिनेमाघरों तक खींचे चले आयेंगे और ऐसे ही बॉलीवुड जनता के साथ फिर से अपने तार जोड़ पाने में कामयाब हो सकता है।
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