Modi Sunak telephone talks: ब्रिटेन में इन दिनों भारत विरोधी तत्व खूब फल फूल रहे हैं। हाल ही में ब्रिटिश मीडिया कंपनी बीबीसी की भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री और ब्रिटेन में पनप रहे भारत विरोधी खालिस्तान के अभियान इसके प्रम्मुख उदाहारण हैं। इन दोनों ही घटनाक्रमों ने भारत और ब्रिटेन के संबंधों की डोरी को दुर्बल करने का कार्य किया है। ऐसे में भारत ब्रिटेन को इन घटनाओं के संदर्भ में लगातार सचेत करने का कार्य कर रहा है। जहां अब इसी कड़ी में भारतीय PM नरेंद्र मोदी ने की ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक से फोन पर वार्तालाप किया है।
इस लेख में पढिये कि कैसे भारत ब्रिटेन के विरुद्ध अपनी आक्रामकता को तीव्र कर रहा है।
आपको British Broadcasting Corporation की भारत विरोधी एंजेडे की अधीन बनाई गई वो डॉक्यूमेंट्री का स्मरण होगा ही जिसका नाम ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ था। जिसे भारत सरकार ने इस लिए बैन कर दिया था क्योंकि उसमें भारत के विरोध में जहर कूट कूट कर भरा गया था। उसके बाद आपको हाल में देश में खालिस्तानियों के विरुद्ध हुए प्रहार का भलि भांति स्मरण होगा ही। क्योंकि इस प्रहार ही गूंज देश में ही नही अपितू विदेशों में सुनी गई थी। विदेशों में खालिस्तान के समर्थक और भारत की अखंडता के विरोधियों ने विदेशों में जमकर उत्पाद मचाया था।
कुछ उपद्रवियों या यूं कहें कि खालिस्तान का समर्थन करने वालों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थकों की भीड़ ने प्रदर्शन किया था और खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग पर लगे तिरंगे झंडे को जबरन खीचकर उतारने की कोशिश भी की थी। जिसके उपरांत तिरंगे के अपमान पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। भारत सरकार ने ब्रिटिश सरकार के समक्ष चिंता जताई थी और कहा था कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। हालांकि, आदत से विवश यूके प्रशासन उसके बाद भी खालिस्तानी-समर्थकों को समर्थन देता रहा है। वहीं भारत के रुख को देखकर एक बात तो क्लियर हो गई थी कि भारत ब्रिटेन प्रशासन के इस व्यवहार से कतई भी प्रशन्न नही है। ऐसे में स्पष्ट रुप से ब्रिटेन को ये समझना अति आवश्यक हो गया था कि भारत सरकार भारत का अपमान करने वालों और भारत विरोधी तत्वों का समर्थन करने वालों से समझौता किसी भी कीमत पर नही करेगा। जहां अब देश के अपमान के प्रकरण पर स्वयं पीएम मोदी आगे आए हैं।
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PM Modi ने Sunak से की telephone पर बात
दरअसल, PM Modi ने गुरुवार को ब्रिटेन के PM Rishi Sunak के साथ telephone पर बात की। जहां इस बातचीत में दोनों नेताओं ने कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। पीएमओ ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों नेताओं ने बातचीत के दौरान व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में प्रगति की भी समीक्षा की। लेकिन दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत का प्रम्मुख बिंदु पीएम मोदी के द्वारा ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा का मुद्दा उठाना रहा। जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। पीएम मोदी ने सुनक के साथ अपनी बातचीत में भारत विरोधी तत्वों के विरद्ध कड़ी कार्रवाई करने को कहा। वहीं प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के दौरान ऋषि सुनक ने ब्रिटेन लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले की घटना की निंदा करता है। उन्होंने कहा इस प्रकार की घटना बिल्कुल भी सहन करने के लायक नहीं है। उन्होंने भारतीय उच्चायोग और वहां काम करने वालों की सुरक्षा का भरोसा दिया। इसके अतिरिक्त ब्रिटेन में शरण लेने वाले भगोड़े विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का भी मुद्दा उठाया। साथ ही साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2023 में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सुनक को इनवाइट किया। बातचीत में ब्रिटिश पीएम सुनक ने भारत की अध्यक्षता में जारी जी-20 के समारोहों के प्रति भरपूर समर्थन जताया।
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ब्रिटेन और भारत के रिश्तों में आई है खटास
ज्ञात हो कि कुछ समय पूर्व ब्रिटिश अखबार द टाइम्स के हवाले से ये खबर आई थी कि भारत ने यूके के साथ होने वाली व्यापार वार्ता पर रोक लगा दी है। रिपोर्ट में कहा गया था कि इस वार्ता को तब तक दोबारा शुरू नहीं किया जाएगा जब तक कि यूके की सरकार की तरफ से भारतीय उच्चायोग पर हमले करने वाले चरमपंथियों की आलोचना करने वाला बयान सार्वजनिक तौर पर जारी नहीं किया जाता। ‘द टाइम्स’ की रिपोर्ट में कहा गया था, “भारतीय तब तक व्यापार के बारे में बात नहीं करना चाहते जब तक कि ब्रिटिश सरकार खालिस्तानी अलगाववादियों के उग्रवाद की सरेआम निंदा नहीं करती और उनके खिलाफ ठोस एक्शन नहीं ले लेती।“ द टाइम्स ने बताया था कि भारत सरकार ब्रिटेन में भारत के राजनयिक भवनों व कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था ना होने से नाखुश है। हालांकि नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया था।
परंतू एक बात तो स्पष्ट है कि भारत खालिस्तानी के मुद्दे को काफी गंभीर है और भारत या विश्व के किसी कोने में उपस्थित खालिस्तानी जैसी विचारधारा को कुचलने का कार्य कर रही है। क्योंकि ये भारत की अखंडता के लिए अत्यंत खतरनाक है। यही कारण है कि भारत वैश्विक स्तर पर भी चेता चुका है कि वो भारतीय विरोधी किसी भी अभियान और तिरंगे के अपमान को बर्दाशत नही करेगा। अब ऐसे में भारत खालिस्तान और उसका समर्थन करने वालों को लेकर आक्रमक है। ब्रिटेन किस प्रकार खालिस्तानियों को कथित रुप से समर्थन दे रहा है ये किसी छिपा नही है। ऐसे मेंसुनक को पीएम मोदी ने यही संदेश देने का प्रयास किया है कि भारत कतई भी नही चाहता कि भारत विरोधी खालिस्तानी कीटाणू भारत के विरुद्ध ब्रिटेन में उभरें और उन्हें वहां की सरकार सरंक्षण दे।
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