यमुना घोटाला: विश्वास का समाप्त होना व्यक्ति या संगठन की विभिन्न स्थितियों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है और वर्तमान में जो स्थितियां और परिस्थितियां आम आदमी पार्टी की बनी हैं उन स्थिति और परिस्थिती में पार्टी से लोगों के विश्वास के समाप्त होने की अधिक संमभावनाएं हैं। हर रोज आम आदमी पार्टी के कारनामों के ऊपर से धूल हट रही है। जिससे पार्टी का असल दर्पण स्पष्ट रुप से दर्शन दे रहा है। लेकिन केजरीवाल अभी भी कंठ के मॉडयूलेशन के साथ अपनी ऊंट पटांग बयानबाजी से बाज नही आ रहे हैं। वो देश के पीएम नरेंद्र मोदी से तो डिग्री दिखाने की मांग कर रहे हैं जोकि पहले से वेबसाइड पर अपलोड है लेकिन वो ये बताने का कष्ट नही कर रहे हैं कि वो और उनकी पार्टी जिस सिसोदिया को वो निर्दोष बताने का ढ़ोल पीट रही है वो कारगार के अंदर क्यों है? वो ये बताने का कष्ट नही कर रहे हैं कि करोड़ों खर्च करने बाद भी यमुना नदी में जहरीले झाग क्यों तैर रहे हैं?
इस लेख में पढिये कि कैसे केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता की कमाई का हजारों करोड़ रूपया नष्ट कर दिये और आपके समक्ष पेश करुगां केजरीवाल सरकार का एक ओर विशाल यमुना घोटाला झोल।
यमुना घोटाला: दिल्ली में इन दिनों हो क्या रहा है?
दरअसल, जब देश दिल्ली के शराब घोटाले की बात करता तो आम आदमी पार्टी की पूरी बिग्रेड़ दिल्ली शराब घोटाले के आरोपी मनीष सिसोदिया को बच्चों का चाचा बताकर उनके बचाव में मैदान में उतर जाती है और ट्वीटर पर “चाचा को रिहा करो” ट्रैंड करा देती है। केजरीवाल आरोप लगाने लग जाते हैं कि देशभक्तों को, शरीफो को , ईमानदारों को और अच्छे लोगों को जेल में डाला जा रहा है। लेकिन एक शब्द भी वो दिल्ली की नई आबकारी नीति के घोटाले पर नही बोलते वो ये नही बताते कि अगर मनीष सिसोदिया इतने ईमानदार हैं , शरीफ हैं तो वो जेल में क्यों है? खैर दिल्ली की नई आबाकारी नीति पर बहुत बातें कर चुके हैं और शराब नीति घोटाले के झोल को पूरा देश जान ही चुका है। अब केजरीवाल की घोटालों और झोलबाजी सीरीज के एक ओर भाग यमुना घोटाला आपको परिचित कराते हैं।
दरअसल,दिल्ली के सीएम केजरीवाल कभी कहते हैं ” हमे 5 साल दीजिए 5 साल में यमुना को इतना खूबसूरत बना देगें कि आप अपने बच्चों के साथ यमुना पर पिकनिक करने के लिए जाना शुरु कर देगें”। कभी कहते हैं ” यमुना को साफ करने के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं”। कभी बोलते हैं “अगले चुनाव के पहले आपके सारे गांव को ले जाकर यमुना में डूबकी लगवा दूगां” लेकिन दिल्ली के सीएम केजरीवाल के ये हवा हवाई वादे अभी भी दिल्ली की यमुना नदी में झाग बनकर तैर रहे हैं। हर बार दिल्ली की कुर्सी पर बैठने से पहले केजरीवाल यमुना को साफ करने के वादे तो करते हैं लेकिन कैसे ये वादे और दावे कुर्सी पर बैठने पश्चात कहां फुर्र हो जाते हैं उससे केजरीवाल भी भलि भांति परिचित हैं। यमुना की सफाई तो दूर का विषय है, केजरीवाल की सरकार तो यमुना की सफाई के नाम पर दिल्ली और दिल्ली की जनता का बंटाधार करने में लगी हुई है और दिल्ली सरकार दिल्ली की जनता के उद्धार और यमुना की सफाई को भूलकर विज्ञापनों में समय और धन का अधिक निवेश कर रही है।
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यमुना घोटाला: दिल्ली जनता के करोड़ो रुपय किए नष्ट
ताजा दिल्ली के घोटाले की सीरीज से पता चलता है कि केजरीवाल सरकार ने यमुना की सफाई के नाम पर करोंड़ो का झोल किया है। दिल्ली विधानसभा में दिल्ली के पर्यावरण विभाग के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2017-21 के बीच यमुना की सफाई के नाम पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 6,856 करोड़ रुपए का खर्चा किया है। अब प्रश्न ये है कि इतना मोटा खर्चा करने के बाद परिणाम क्या रहे ? क्या दिल्ली की यमुना नदी डूबकी लगाने लायक हो गई ? जी बिल्कुल नही, जहरीले झाग नदी में ज्यूं के त्यूं बने हुए हैं। 5 वर्षों में हुए इस खर्चे के हिसाब से पता चलता है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने हर वर्ष लगभग 1000 करोड़ रुपये की बर्बादी की है।
पूरे साल प्रदूषिद रहती है यमुना
डीपीसीसी की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली में यमुना नदी पूरे साल प्रदूषित रहती है। फरवरी 2023 में जारी डीपीसीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिस स्थान पर नदी शहर से बाहर निकलती है उस स्थान पर नदी के जल में फीकल कोलीफॉर्म (Faecal coliform) सामान्य से 500 गुना अधिक पाया गया था। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने वित्त वर्ष वित्त वर्ष 2023-24 के बजट के समय स्वच्छ यमुना नदी के लिए सिक्स-प्वॉइंट एक्शन प्लान की भी घोषणा की थी। दिल्ली का बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम केजरीवाल ने कहा था कि यमुना की सफाई के लिए 6 सूत्रीय कार्ययोजना बनाई गई है। सरकार इस योजना पर काम करेगी। सभी कॉलोनियों को सीवेज से जोड़ा जाएगा और यमुना नदी की सफाई के लिए सीवेज शोधन संयंत्रों की क्षमता बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के एक सवाल के उत्तर में कहा था कि 2025 के अगले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मैं आपके साथ यमुना में डुबकी लगाऊंगा।
आम आदमी पार्टी अपनी जिस यमुना का ढिढौंरा पीटकर अपनी उपलब्धी बताती है उसमें ही घोटाला होने की बात सामने आ जाती है। उदाहारण के तौर पर आप दिल्ली के कथित शिक्षा मॉडल को ले सकते हैं। जिसमें अभी हाल में आरोप लगे हैं कि 9वी और 11वी कक्षा में 96 फीसदी बच्चे असफल हुए हैं। जिससे दिल्ली के पूरे शिक्षा विभाग के तोते उड़े हुए हैं। ये बात भी निकलकर सामने आई कि शिक्षा मंत्री के द्वारा शिक्षकों से कहा गया है कि फेल हुए छात्रों की शिक्षक कॉपी लिखें और वेबसाइट पर फिर रिजल्ट अरड़ेट करें ।
देखिए अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी बातें और दावे तो बड़ी बड़ी करती हैं। कई बार केजरीवाल की बातें झूठी और दावे खोकले सिद्ध हुए हैं। जो उनकी सरकार पर से जनता की विश्वसनीयता को अल्प कर देती हैं। घोटालों की लंबी सूची के भार से दबी आम आदमी पार्टी के कार्यों आज पूरा देश परिचित हो चुका है। केजरीवाल के प्रिय और कथित ईमानदार मंत्री कारगार में अपने कर्मों के कारण समय व्यतीत कर रहे हैं और पार्टी और उनके घोटाले केजरीवाल की पोल खोलने का काम कर रहे हैं।
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