पाकिस्तान और तुर्की पर यूएन में एक बार फिर भारत ने जोरदार पलटवार किया है। पाकिस्तान और तुर्की ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था, जिसे लेकर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें नियमित सत्र के हाई लेवल सेगमेंट में ‘राइट टू रिप्लाई यानी जवाब देने का अधिकार’ का प्रयोग किया।
पाकिस्तान को भारत के खिलाफ बोलने का कोई अधिकार नहीं
भारत की ओर से प्रथम सचिव अनुपमा सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा जिस देश में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न संस्थाएं करती हों और जिसका मानवाधिकार रिकॉर्ड वास्तव में खराब है, उसे भारत के खिलाफ बयान देने का अधिकार नहीं है।
अनुपमा सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान की ओर से भारत के व्यापक संदर्भों के संबंध में हमने पाया कि परिषद के मंच का एक बार फिर भारत के खिलाफ स्पष्ट रूप से झूठे आरोप लगाने के लिए दुरुपयोग किया गया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।’
‘पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न’
अनुपमा सिंह ने कहा कि एक ऐसा देश जहां सरकारी संस्थाएं अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को सपोर्ट करती हैं और जिसका मानवाधिकार ट्रैक रिकॉर्ड निराशाजनक है वह भारत पर टिप्पणी कर रहा है। उन्होंने पाकिस्तान में ईसाई समुदाय पर हमले का उदाहरण देते हुए कहा, “अगस्त 2023 में पाकिस्तान के जरनवाला शहर में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर क्रूरता की गई, जिसमें 19 चर्चों को नष्ट कर दिया गया और 89 ईसाई घरों को जला दिया गया।”
और पढ़ें:- BJP ने राज्यसभा का गणित बदला, बहुमत से NDA अब 4 सीट ही दूर
जम्मू और कश्मीर भारत का आंतरिक मामला
उन्होंने आगे कहा, ‘जम्मू और कश्मीर और लद्दाख का संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक विकास और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए संवैधानिक उपाय भारत का आंतरिक मामला है। पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।’
‘आतंकियों को पनाह देता है पाक’
अनुपमा सिंह ने आगे कहा, ‘एक ऐसा देश जो यूएनएससी द्वारा स्वीकृत आतंकवादियों को पनाह देता है और यहां तक कि उनका जश्न भी मनाता है, उसे भारत पर टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है, जिसके बहुलवादी लोकाचार और लोकतांत्रिक प्रमाण दुनिया के लिए अनुकरणीय हैं। पाकिस्तान सरकार अपने नागरिकों के वास्तविक हितों की सेवा करने में विफल रही है। हम ऐसे देश पर ध्यान नहीं देते जो दुनिया भर में आतंक फैलाने का काम करता है।
‘पाकिस्तान खून-खराबे की वजह से लाल रंग में डूबा’
उन्होंने कहा, ‘हम उस देश पर और ज्यादा ध्यान नहीं दे सकते जो दुनिया भर में आतंक के कारण खून-खराबे के लाल रंग में डूबा हुआ है और इसके अपने ही लोगों को शर्मिंदगी महसूस होती है कि उनकी सरकार उनके वास्तविक हितों को पूरा करने में विफल रही है।’
तुर्की न करे भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी
उन्होंने कहा, ‘हम तुर्की की ओर से भारत के आंतरिक मामलों से जुड़े बयान पर खेद व्यक्त करते हैं। उम्मीद है कि वह भविष्य में हमारे आंतरिक मामलों पर अवांछित टिप्पणी करने से बचेगा। यह बहुत खेदजनक है कि परिषद के मंच पर एक बार फिर भारत के बारे में खुलेआम झूठे आरोप प्रचारित किए गए।’
दरअसल, यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने यूएन के मंच पर जम्मू और कश्मीर का मुद्दा उठाया हो। इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान यह हरकत कर चुका है लेकिन हर बार भारत पाकिस्तान आई को अन्य देश जो भारत के आंतरिक मामलों पर बोलता है भारत उनको करारा जवाब देता आया है और आगे भी देता रहेगा।
और पढ़ें:- भारत ने क्यों की संयुक्त राष्ट्र को दी जाने वाली फंडिंग में भारी कटौती?