TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘कुछ लोगों ने भारत के मंदिरों को दुधारू गाय मान लिया है’

कर्नाटक विधानसभा में कुछ दिन पहले ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ पास किया गया था, इसमें हिंदू मंदिरों के राजस्व पर 10 फीसदी टैक्स लगाए जाने का प्रावधान किया गया था।

Akash Gaur द्वारा Akash Gaur
5 March 2024
in इतिहास, चर्चित, संस्कृति
मंदिरों पर टैक्स, मंदिर, कर्नाटक सरकार
Share on FacebookShare on X

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा से उस विधेयक को पारित करा लिया, जिसमें मंदिरों से ‘कर’ वसूलने का प्रावधान है। हालांकि विधान परिषद् में वह विधेयक लटक गया। यानी फिलहाल कर्नाटक सरकार मंदिरों से ‘कर’ वसूलसू नहीं पाएगी, लेकिन सरकार की मंशा पर तो सवाल उठता ही है। 

कर्नाटक विधानसभा में कुछ दिन पहले ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ पास किया गया था, इसमें हिंदू मंदिरों के राजस्व पर 10 फीसदी टैक्स लगाए जाने का प्रावधान किया गया था। कर्नाटक सरकार की ओर से पास किए गए विधेयक के मुताबिक प्रदेश में जिन मंदिरों का राजस्व एक करोड़ रुपये से ज्यादा है उन पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा। वहीं जिन मंदिरों का राजस्व 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक है, उन पर पांच प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया गया था। 

संबंधितपोस्ट

वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

और लोड करें

इस फैसले से ऐसा लगता है कि कुछ लोगों ने भारत के मंदिरों को दुधारू गाय मान लिया है। शायद ऐसे लोगों ने ही ‘टेंपल इकोनॉमी’ शब्द को गढ़ा है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ‘अलजजीरा’ से लेकर ‘द गार्जियन’ तक में ‘टेंपल इकोनॉमी’ को लेकर लिखा जा रहा है।

दरअसल, ‘टेंपल इकोनॉमी’ हमारा चिंतन नहीं है। यह उससे कहीं गहरी बात है। मंदिर मन की शांति के लिए होते हैं, और धन की शांति (अर्थात प्रबंधन) के लिए भी। क्योंकि हमारी संस्कृति में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है।

और पढ़ें:- साक्ष्य जो बताते हैं कि मिथक नहीं इतिहास है रामायण

मंदिर हमारे लिए आस्था का केंद्र

निश्चित ही मंदिर हमारे लिए आस्था का केंद्र हैं और रहेंगे। मंदिरों के कारण ही लोग तीर्थ जाते हैं, भ्रमण करते हैं। मत भूलिए इससे समाज के बीच धन का सतत प्रवाह होता है। समृद्धि आती है। यह हमारे बुजुर्गों और पुरपुखों के अनुभवजन्य शोध से उपजा गहन विचार है। चोल राजवंश की समृद्धि का केंद्र क्या थे वे मंदिर?

मंदिरों की अर्थव्यवस्था में है अहम भूमिका

तंजावुर में बृहदीश्वर मंदिर और गंगईकोंडा चोलापुरम मंदिर क्या थे? ये सिर्फ धार्मिक केंद्र नहीं थे, बल्कि अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। ये मंदिर प्रमुख किन्तु उदार भूस्भूवामी के रूप में गोचर भूमि तथा औषधीय उपज के सहज प्रदाता तथा संसाधनों के सामाजिक प्रबंधक थे। 

इन्हें राजाओं और महानुभावों से विशाल भूमि अनुदान में प्राप्त होती थीं। इससे प्राप्त आय का उपयोग मंदिरों के रख-रखाव और विभिन्न धार्मिक तथा सामाजिक गतिविधियों में होता था, जिसमें राजा के निदेर्शों पर किसानों से अनाज खरीदे जाने का काम भी शामिल था। जड़-चेतन दोनों में प्रवाह बनाने का काम, अर्थव्यवस्था को सुचाचारू बना ने का काम, यह काम भारत में आदिकाल से मंदिरों को केंद्र में रखकर ही होता रहा है।

मंदिर रहें हैं शिक्षा का केंद्र

शिक्षा की बात करें तो काशी, तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, भोजशाला, ओदंतपुरी, मिथिला, प्रयाग, अयोध्या आदि जहां भी मंदिर रहे हैं, वे स्थान ज्ञान और अध्ययन का भी केंद्र रहे हैं। इसके साथ ही आप चार महावाक्य और चार मठों की स्थापना को भी देखें। जगन्नाथपुरीपुरी, बद्रिकाश्रम, श्रृंगेरी, द्वारका यह चार मठ चार दिशाओं से भारत में दार्शनिक ज्ञान के साथ भौतिक विषयों की समझ बढ़ा ने वाली शृृंखला-संरचना निर्माण करते प्रतीत होते हैं।

आपदा और संकट में भी मंदिर निभाते है अहम भूमिका

आपदा या संकट के समय मंदिर की शरण में जाने के अनेक उदाहरण हैं। जरासंध से युद्ध के समय भगवान श्री कृष्ण जब रणभूमि छोड़कर चले गए तो उन्हें रणछोड़ नाम मिला। वे गए कहां थे!  वे गए थे गया जी, जहां जरासंध की गुफाएं हैं। यानी वे तीर्थ की शरण में ही थे। 

चोल वंश के राजा राजेंद्र चोल जब युद्ध में हार गए तो तमिलनाडु में स्थित भगवान नटराज के चिदंबरम मंदिर की शरण में पहुंचे। अलाउद्दीन खिलजी, मलिक कफूर ने जब दक्कन पर आक्रमण किया तो वहां के राजा पंढरपुर विठोबा की शरण में गए। शिवाजी महाराज जब प्रार्थना करते हैं कि दोबारा समाज को खड़ा करना है तो वे तुलतुजा भवानी मंदिर जाते हैं।

ऐसे ही जब भी देश में अकाल, बाढ़ या अन्य कोई प्राकृतिक आपदा आई, तब मंदिरों ने लोगों को संभाला। उनके लिए अपने भंडार के द्वार खोल दिए। जगन्नाथपुरी के बारे में ऐसे कई ऐतिहासिक साक्ष्य हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि मंदिरों के पास अक्षय खाद्यान्न और धन के विशाल भंडार होते थे, जो आवश्यकता के समय लोगों की मदद के लिए प्रयोग किए जाते थे। 

हाल के वर्षों में सबसे बड़ी आपदा कोरोना के रूप में आई। इस दौरान दिल्ली के झंडेवाला देवी मंदिर ने लम्बे समय तक असंख्य लोगों को भोजन भेजा ऐसे ही देश के अन्य बहुत सारे मंदिरों ने अनथक अकथनीय परोपकार के कार्य किए।

पूरे भारत को जोड़ते है मंदिर

डॉ. राम मनोहर लोहिया प्रख्यात समाजवादी चिंतक थे। उनका एक निबंध है- ‘राम, कृष्ण और शिव।’ इसके माध्यम से वे राष्ट्रीय एकत्व की बात करते हैं। तमिलना डु में अपर्णा या कहिए मां गौरा का एक मंदिर है। अपर्णा गौरा जी का ही एक नाम है। जब शिव को वर रूप में कामना करते हुए ‘पर्ण’ यानी पत्ते खाना भी जब छोड़ दिया तब नाम पड़ा- अपर्णा। अपर्णा वहां दक्षिण में खड़े होकर सूदूर उत्तर में स्थित कैलाशपति की अराधना कर रही हैं। यानी शिव उत्तर और दक्षिण को जोड़ रहे हैं। 

मथुरा कहां और बेट द्वारका कहां। इसके बावजूद इन दो दिशाओं के भी पार- सुदूर इम्फाल तक कृष्ण और उनके मंदिर भारत को जोड़ रहे हैं। इम्फाल में मैतैई समुदामुय कृष्ण को ही तो पूज रहा है! ये हमारी गौरवशाली परंपराएं हैं। यह ऊंचाई, यह उन्नति, यह ज्ञान क्या मंदिरों के बिना संभव था?

और पढ़ें:- जगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर बनकर हुआ तैयार, जानें विशेषताएं

समाज का संरक्षण और पोषण

राजस्थान में गोगावीर जी महाराज का मेला लगता है। जिस समय मेला लगता है, उस समय वहां के घरों में कोई दूध को जमाता नहीं है, क्योंकि वह गोगाजी का प्रसाद होता है। उस समय टनों दूध मंदिर जाता है और सभी में बांटा जाता है। वहां दूर-दूर से लोग आते हैं। उस क्षेत्र में पहले पोषण की कोई और व्यवस्था नहीं थी, तो गोगावीर के मंदिर के माध्यम से लोगों के लिए पोषण की व्यवस्था हुई।

भारतीय समाज के निर्माण में मंदिरों की भूमिका प्राण की तरह है। मंदिरों में ही भारतीय संगीत कला, नृत्यकला, आयुर्वेयु दर्वे, युद्धयु कला, वास्तु, शिल्प व मूर्तिकला पोषित हुई है। भगवान शिव के नटराज स्वरूप को नृत्य एवं मां सरस्वती को विद्या व संगीत की प्रेरणा माना गया है। 

धन्वंतरि और चरक जैसे आयुवेर्दाचार्यों की परंपरा से निकली चिकित्सा विद्या का प्रसार हम आज भी मंदिरों से जुड़े चिकित्सालयों में देख सकते हैं। यह प्रक्रिया पुरातनकाल से चलती आ रही है। बहुत सारी बातों के बाद फिर बात विशुद्ध पैसे की। ‘नेशनल सैंपल सर्वे’ का एक आकलन है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 3.02 लाख करोड़ का यानी 40 अरब डॉलर का मंदिरों की अर्थव्यवस्था का आकार है। 

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हिसाब से देखेंगे तो यह करीब-करीब ढाई प्रतिशत बैठता है। यह तो छोटा सा आकलन भर है, मंदिर आज भी ऐसा कर रहे हैं। राम मंदिर का ही उदाहरण ले सकते हैं। अयोध्या की जनसंख्या 70 से 80 हजार है। छोटा-सा नगर है। इस छोटी सी नगरी ने 22 जनवरी को 25 लाख लो गों को संभाला था। बहुत सारे भंडारे चल रहे थे। देशभर से लोग वहां आ रहे थे, लेकिन भूखा कोई नहीं रहा। 

मंदिर की छाया भूख और संताप हटाती है और जीवन में संयम भी लाती है। ऐसे मंदिरों से ‘कर’ वसलूने की बात भी भला कोई कैसे सोच सकता है। हिंदू विरोध और वोट बटोरने के पैंतरे एक ओर रख मंदिरों की बारीक सामाजिक-आर्थिक संरचना और इसके योगदान को समझने की आवश्यकता है।

यह आशंका गलत नहीं कि मंदिरों को कब्जे में लेकर नेतावर्ग अपनी ताकत एवं आमदनी और बढ़ाना चाहें। इसका सबसे दुखद पहलू यह है कि जिस हिंदू समाज के बल पर भारतीय राज्यतंत्र दशकों से चल रहा है, उसी के हितों की लगातार बलि चढ़ाई जाती रही है। स्वतंत्र भारत में ही हिंदुओं को मुस्लिम और ईसाई समुदायों की तुलना में हीन दर्जे में कर दिया गया, जो ब्रिटिश राज में भी नहीं था।

हिंदुओं को मुस्लिमों, ईसाइयों की तुलना में कम धार्मिक कानूनी अधिकार

स्वयं भारतीय संविधान में ऐसी व्यवस्था कर दी गई कि हिंदुओं को मुस्लिमों, ईसाइयों की तुलना में कम शैक्षिक, धार्मिक, कानूनी अधिकार हैं। इस ओर संकेत करते हुए डॉ. आंबेडकर ने भारतीय संविधान को गैर-सेक्युलर कहा था, क्योंकि ‘यह विभिन्न समुदायों के बीच भेदभाव करता है।’ इसी मूल गड़बड़ी का नतीजा हिंदू मंदिरों पर सरकारी कब्जा भी है। यह हिंदूवादी कहलाने वालों के शासन में भी जारी है।

हिंदू मंदिरों पर राज्य सरकारों का कब्जा

सरकारी अफसरों को तो मात्र नागरिक शासन चलाने की ट्रेनिंग मिली है। इसलिए कोई अफसर अपने पूर्वग्रह, अज्ञान या मतवादी कारणों से हिंदू धर्म के प्रति उदासीनता या दुराग्रह भी दिखा सकता है। इस अनुभव के बावजूद सरकारें हिंदू मंदिरों पर दिनों-दिन कब्जा बढ़ा रही हैं। इनमें भाजपा सरकारें भी हैं।

क्या इससे बड़ा धार्मिक अन्याय हो सकता है कि करीब चार लाख से अधिक मंदिरों पर सरकारी कब्जा है, किंतु एक भी चर्च या मस्जिद पर राज्य का नियंत्रण नहीं है? हिंदू समाज के अलावा शेष सभी समुदाय अपने-अपने धर्मस्थान स्वयं चलाने के लिए पूर्ण स्वतंत्र हैं। यह भेदभाव हिंदू समुदाय को दिनोंदिन और दुर्बल, असहाय बनाने का उपाय है।

किसी हिंदू राजा ने मंदिरों पर अधिकार या नियंत्रण नहीं जताया, न उनसे कर वसूला

याद रहे कि भारतीय परंपरा में किसी हिंदू राजा ने मंदिरों पर अधिकार या नियंत्रण नहीं जताया, न उनसे कर वसूला। धार्मिक कार्यों में राजा द्वारा हस्तक्षेप के उदाहरण नहीं मिलते। वे तो सहायता ही देते थे। मुगल काल में मंदिरों को तरह-तरह के राजकीय अत्याचार झेलने पड़ते थे। दुर्भाग्यवश स्वतंत्र भारत में भी हिंदू समुदाय को अपने धार्मिक-शैक्षिक-सांस्कृतिक संस्थान चलाने का वह अधिकार नहीं, जो अन्य को है।

और पढ़ें:- श्री कल्कि धाम मंदिर का PM मोदी ने किया शिलान्यास, बोले- ‘कालचक्र बदल गया है, नए युग की शुरुआत हो चुकी है।

Tags: CongressKarnataka governmentTax on templesTempletemple economyकर्नाटक सरकारकांग्रेसमंदिरमंदिर अर्थव्यवस्थामंदिरों पर टैक्स
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

नेहरू-लियाकत समझौते की विफलता ने CAA की शुरुआत कैसे की?

अगली पोस्ट

‘मैं भी चौकीदार’ के बाद अब ‘मोदी का परिवार’, BJP को मिला नया हथियार

संबंधित पोस्ट

पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात
इतिहास

पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

17 September 2025

तमिलनाडु की राजनीति और समाज में एक नाम दशकों से छाया हुआ है—ई.वी. रामासामी नायकर, जिन्हें उनके अनुयायी “पेरियार” यानी “महान व्यक्ति” कहते हैं। उन्हें...

ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम
इतिहास

हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

16 September 2025

82,698 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की हैदराबाद रियासत की गिनती हमेशा से भारत के प्रमुख और अमीर रियासतों में की जाती थी। इसका क्षेत्रफल ब्रिटेन और...

लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत
इतिहास

जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

16 September 2025

बिहार, जिसे भारतीय इतिहास और संस्कृति का धनी राज्य कहा जाता है, जहां चाणक्य की राजनीति जन्मी, जहां बुद्ध ने ज्ञान का प्रकाश फैलाया और...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Inside the Waqf Case: What SC’s Interim Order Really Means?

Inside the Waqf Case: What SC’s Interim Order Really Means?

00:19:34

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

00:05:16

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited