कनाडा में जो रविवार को जो हुआ उससे यह बात क्लियर हो गई है कि वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मंशा क्या है। कनाडा के टोरंटो में मनाए गए ‘खालसा दिवस’ और ‘सिखों के नव वर्ष’ के कार्यक्रम में खालिस्तान समर्थक नारे लगाए गए। यह नारेबाजी उस वक्त हुई जब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो सिख समुदाय को संबोधित करने के लिए आगे बढ़े।
इतना ही नहीं ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारों पर ट्रूडो को मुस्कुराते हुए भी देखा गया। सूत्रों ने बताया कि रविवार ट्रूडो ने टोरंटो में खालसा दिवस के जिस कार्यक्रम को संबोधित किया वहां ‘मोदी वांटेड’ के बैनर भी लहराए गए। इस कार्यक्रम से भारतीय खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।
कथित तौर पर ये बैनर अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की ओर से लगाए गए थे, जिसने पिछले साल जून में आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का बदला लेने की बात कही थी और कनाडा में भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़काई थी। कार्यक्रम में हुई नारेबाजी पर भारत ने चिंता और कड़ी आपत्ति जताई। विदेश मंत्रालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कनाडा के डिप्टी हाई कमिश्नर को तलब किया।
भाषण में क्या बोले जस्टिन ट्रूडो?
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने सिखों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करने की कसम खाई। भारत ने अतीत में ट्रूडो की ‘वोट बैंक की राजनीति’ को कनाडा द्वारा खालिस्तान समर्थक नेताओं पर एक्शन नहीं लेने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इसी कार्यक्रम में एक विशाल बैनर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को ‘निज्जर के हत्यारे’ के रूप में चिन्हित किया गया।
ट्रूडो ने यह कहकर द्विपक्षीय संबंधों को और नीचे की ओर धकेल दिया कि कनाडाई कानून प्रवर्तन ने निज्जर को खत्म करने के लिए भारत द्वारा रची गई ‘साजिश’ का पर्दाफाश किया है। निज्जर जो आतंकवादी अपराधों के लिए वांटेड था और जिसे एक गुरुद्वारे पर नियंत्रण करने के लिए एक सिख की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया है।
ट्रूडो ने पूर्व में भी सार्वजनिक रूप से कहा था कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस और कनाडाई सुरक्षा खुफिया एजेंसी को निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के सबूत मिले हैं और उन्होंने उन लोगों की पहचान कर ली है जिन्होंने गोली चलाई थी।
SFJ की रैली में मुस्कुराते नजर आए कनाडा के पीएम ट्रूडो
ट्रूडो के संबोधन के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने ‘हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश रचने’ के लिए भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा पर मुकदमा चलाने की मांग की। एसएफजे द्वारा जारी एक वीडियो में ट्रूडो को ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारों पर मुस्कुराते हुए देखा गया।
एसएफजे प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा, ‘ट्रूडो का संबोधन यह आश्वस्त करता है कि भारतीय कब्जे से पंजाब को मुक्त कराने के लिए अभियान चलाने के खालिस्तान समर्थक सिखों के अधिकार को कनाडाई चार्टर ऑफ राइट्स के तहत संरक्षित किया गया है। सरकार हमेशा कनाडाई सिखों के साथ खड़ी रहेगी।
मीडिया की एक खबर में यह दावा किया गया है कि अमेरिका में विक्रम यादव नामक रॉ अधिकारी सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल थे और इस कदम को भारतीय जासूसी एजेंसी के तत्कालीन प्रमुख सामंत गोयल ने मंजूरी दी थी।
पन्नू खालिस्तान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक है और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का कानूनी सलाहकार और प्रवक्ता है। एसएफजे का मकसद एक अलग सिख राष्ट्र के विचार को बढ़ावा देना है। भारत सरकार ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया है। द वाशिंगटन पोस्ट अखबार की एक खबर में कहा गया है कि उत्तरी अमेरिका में भारत के इस अभियान से पश्चिमी देशों के सुरक्षा अधिकारी स्तब्ध रह गए।
कनाडा में जो कुछ हुआ उस पर भारत ने क्या कहा
इस घटना पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। इस कार्यक्रम में बिना रोक-टोक के परेशान करने वाली गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति दी जा रही थी। भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अन्य नेताओं की मौजूदगी में टोरंटो में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में खालिस्तान समर्थक नारेबाजी पर सोमवार को कनाडा के उप उच्चायुक्त को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया।
विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो की मौजूदगी वाले कार्यक्रम में नारेबाजी की घटना को परेशान करने वाला बताया और कहा कि यह एक बार फिर उस राजनीतिक स्थान को दर्शाता है जो कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दिया गया है। इस तरह की घटना न केवल भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित करती है, बल्कि कनाडा में उसके अपने नागरिकों के लिए हिंसा और अपराध के माहौल को भी बढ़ावा देती है।
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