TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

फ्रांसीसी चुनाव परिणाम: भारत के लिए क्या सबक?

फ्रांस और भारत के चुनावों में एकमात्र अंतर यह है कि NR पार्टी सबसे अधिक वोट पाकर भी सरकार नहीं बना सकी, जबकि BJP ने सत्ता में वापसी की।

Akash Gaur द्वारा Akash Gaur
12 July 2024
in भू-राजनीति, विश्व, समीक्षा
फ़्रांसीसी चुनाव परिणाम, फ़्रांस, भारत, भारत आम चुनाव, इमैनुएल मैक्रों,
Share on FacebookShare on X

फ्रांस के हालिया चुनाव परिणामों ने पूरे विश्व को चौंका दिया है। अधिकांश सर्वेक्षणकर्ताओं ने दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली (एनआर) की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की थी। हालांकि, 37.4 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करने के बावजूद, एनआर न्यूनतम 289 सीटें हासिल करने में विफल रही, जो फ्रांस में सरकार बनाने के लिए आवश्यक है। इसके बजाय, देश अब एक त्रिशंकु संसद की ओर देख रहा है, जहां अगले पांच वर्षों के लिए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की रेनाइसांस पार्टी और वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट का गठबंधन देश का नेतृत्व करेगा।

एनआर की अप्रत्याशित विफलता

यह परिणाम चौंकाने वाले हैं, क्योंकि यूरोपीय संसदीय चुनावों में दक्षिणपंथी पुनरुत्थान ने मैक्रों को नेशनल असेंबली, फ्रांसीसी संसद के निचले सदन, को समय से पहले भंग करने और मध्यावधि चुनाव बुलाने के लिए प्रेरित किया था। यूरोपीय संसदीय चुनावों में, दक्षिणपंथी पार्टियों ने 40 प्रतिशत संयुक्त वोट शेयर हासिल किया, जबकि मैक्रों की पार्टी का वोट शेयर केवल 14 प्रतिशत रह गया था। इसे फ्रांस में “फार-राइट” के प्रमुख राजनीतिक बल बनने का संकेत माना गया था, जिसने मैक्रों को जल्दी चुनाव की घोषणा करने के लिए मजबूर किया।

संबंधितपोस्ट

अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

कितना भरोसेमंद है BBC? नई दिल्ली से तेल अवीव और वॉशिंगटन तक क्यों गिरती जा रही है बीबीसी की साख और विश्वसनीयता ?tfi

दिल्ली धमाका: जम्मू कश्मीर में जमात ए इस्लामी से जुड़े 200 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी, वाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हो सकते हैं तार

और लोड करें

चुनाव परिणाम और एनआर की स्थिति

परिणाम मैक्रों के लिए राहत भरे हैं, क्योंकि न केवल उनकी पार्टी ने अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन किया, बल्कि एनआर भी सरकार बनाने से वंचित रही। लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि दक्षिणपंथी ताकतें उतनी प्रभावशाली नहीं हैं जितनी उन्हें माना जा रहा था? बिलकुल नहीं।

फ्रांसीसी चुनाव प्रणाली भारतीय प्रणाली से थोड़ी अलग है, जहां सबसे पहले पोस्ट जीतने वाला विजेता घोषित होता है। लेकिन फ्रांस में, दो-राउंड की मतदान प्रणाली होती है, जहां यदि कोई उम्मीदवार कम से कम 50 प्रतिशत वोट नहीं प्राप्त करता है, तो उन सीटों पर पुनर्मतदान होता है। पहले दौर में, मरीन ले पेन के नेतृत्व वाली एनआर ने सबसे अधिक वोट प्राप्त किए थे, लेकिन 289 सीटें प्राप्त न होने के कारण, पुनर्मतदान अनिवार्य हो गया था।

दूसरे दौर के मतदान में, एनआर ने फिर से सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरते हुए 37 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया, जबकि उसके निकटतम प्रतिद्वंद्वी न्यू पॉपुलर फ्रंट और मैक्रों के नेतृत्व वाले सेंट्रिस्ट्स ने क्रमशः 26 प्रतिशत और 22 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त किए। हालांकि, दोनों दौरों में लगातार बड़े वोट शेयर के बावजूद, एनआर आवश्यक बहुमत हासिल करने में विफल रही।

गठबंधन की राजनीति और एनआर की चुनौती

वैश्विक मीडिया, जिसमें भारतीय मीडिया भी शामिल है, इसे दक्षिणपंथ की हार के रूप में प्रस्तुत कर रही है। लेकिन यह बौद्धिक बेईमानी का सबसे बड़ा उदाहरण है। वास्तव में, एनआर को फ्रांसीसी जनता का सबसे बड़ा समर्थन प्राप्त है, लेकिन इसे सत्ता से बाहर रखने में केंद्र और वामपंथी दलों के रणनीतिक गठबंधन का हाथ है।

जैसे ही यह स्पष्ट हुआ कि एनआर ने पहले दौर में सबसे अधिक वोट शेयर हासिल किया है, सेंट्रिस्ट पार्टियों का मैक्रों के नेतृत्व वाला गठबंधन और वामपंथी दलों का नया गठबंधन, एनएफपी, चुनाव की पूर्व संध्या पर तुरंत सक्रिय हो गए। दूसरा दौर, जो दक्षिणपंथ, वामपंथ और केंद्र के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला था, जल्द ही दक्षिणपंथ और केंद्र-वाम गठबंधन के बीच द्विपक्षीय मुकाबला बन गया।

एनआर की शक्ति और भविष्य

एनआर अगले पांच वर्षों तक सत्ता से बाहर रखने में सफल रही और इसके बदले मतदाताओं को त्रिशंकु संसद दी गई। यह कोई सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं थी, जहां मतदाताओं के पास कोई वास्तविक विकल्प होता। केंद्र और वामपंथी नेताओं ने एनआर को बाहर रखने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए। लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि एनआर एक राजनीतिक बल है जिसे सुरक्षित रूप से खारिज किया जा सकता है? बिल्कुल नहीं।

अगर हम हमारे लिए तैयार किए गए कथानक से परे देखें, तो सच्चाई यह है कि एनआर ने पिछले डेढ़ दशक में लगातार उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया है। जब से मरीन ले पेन ने पार्टी की बागडोर अपने पिता से संभाली है, उन्होंने पार्टी के किनारों को गोल किया है ताकि व्यापक राजनीतिक आधार को आकर्षित किया जा सके।

आज, विशेष रूप से युवा मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा एनआर की राजनीति से पहचान करता है, जिसकी सीट संख्या 2012 में मात्र 2 से बढ़कर 2024 में 142 हो गई है। जब पार्टी आप्रवासन की समस्या के बारे में बात करती है, तो यह उन फ्रांसीसी लोगों के साथ प्रतिध्वनित होती है जो अल्ट्रा-लेफ्ट और एंटीफा जैसी गिरोहों के नियमित दंगों से थक चुके हैं। फ्रांसीसी जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा पुराने, अच्छे फ्रांस की वापसी चाहता है, जहां वामपंथी शैली की समावेशिता का उपयोग विशेष रूप से इस्लामियों को वोट बैंक के रूप में पोषित करने के लिए नहीं किया जाता था।

भारतीय चुनावों के साथ समानताएं

फ्रांसीसी चुनाव परिणामों में 2024 के भारतीय चुनावों के साथ भी कई अजीब समानताएं हैं। फ्रांस में सेंट्रिस्ट और वामपंथियों के बीच ताकतों के जुड़ाव ने भारतीय संदर्भ में कांग्रेस और विभिन्न अन्य दलों के बीच रणनीतिक गठबंधन की याद दिला दी, जिन्होंने नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर रखने के लिए हाथ मिलाया था।

फ्रांस में उनका लक्ष्य मरीन ले पेन थीं। फिर, फ्रांसीसी संदर्भ में सेंट्रिस्ट और वामपंथियों के बीच सुसंगत वोट स्थानांतरण ने भारत में भी जो हुआ उसकी याद दिलाई। उत्तर प्रदेश और असम में, मुसलमानों ने कुछ धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के आधार पर नहीं बल्कि केवल उस पार्टी के लिए स्पष्ट रूप से वोट दिया जो भाजपा को हराने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में थी।

यह इंडी दलों के रणनीतिक गठबंधन थे जिन्होंने आरक्षित वर्ग के वोटों (एससी/एसटी) और अल्पसंख्यकों के वोटों को एकजुट कर दिया, जिससे उन्हें अपेक्षा से अधिक सीटें मिलीं। हिंदू वोटों का उलटा ध्रुवीकरण विफल रहा क्योंकि ‘जाति कार्ड’ पहले से ही एक ऐसा हथियार था जो बहुत शक्तिशाली था। यहां तक कि फ्रांसीसी चुनावों में दूसरे दौर में उच्च मतदाता भागीदारी ने भी भारतीय चुनावों के प्रारंभिक चरणों की याद दिला दी कि कैसे भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए सक्रिय रूप से जमीन पर समर्थन जुटाया गया था।

लोकतंत्र की दशा

फ्रांसीसी और भारतीय चुनावों के बीच एकमात्र अंतर यह है कि एनआर, सबसे अधिक वोट प्राप्त करने के बावजूद, सरकार बनाने में विफल रही, जबकि भाजपा ने बाल-बाल बचकर फिर से सत्ता हासिल की। लेकिन यह सब आपको हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली के बारे में क्या बताता है? यह एक चिंताजनक तस्वीर पेश करता है कि आप्रवासियों और अन्य मुद्दों पर मतदाताओं की कुछ बहुत ही वैध चिंताओं के बावजूद, केंद्र और वामपंथ के बीच रणनीतिक गठबंधन बहुत आवश्यक बदलाव के पहिये में एक स्पिनर डाल सकता है।

भारत में, कांग्रेस स्वयं इतनी वामपंथ की ओर झुक गई है कि आज उसका घोषणापत्र दुनिया के किसी भी साम्यवादी दल को शर्मिंदा कर सकता है। इससे भी बदतर यह है कि लोकतंत्र, जो जनता की सरकार, जनता के लिए और जनता द्वारा सुनिश्चित करने की प्रणाली है, कुछ निहित स्वार्थों के हाथों में सत्ता का साधन बन गया है। उनके ब्लॉक में मतदान करने की प्रवृत्ति के कारण एक पूरे देश को बंधक बनाए रखने की क्षमता है।

इस तरह के गठबंधन और राजनीति के परिणामस्वरूप चुनावों के नतीजे शायद ही वास्तविक जनमत का सही प्रतिबिंब होते हैं, बल्कि यह गठबंधन की राजनीति का परिणाम होते हैं, जो एक पार्टी की बजाय सत्ता में बने रहने के लिए बनाई जाती है। फ्रांस और भारत दोनों के लिए यह एक समय है जब लोकतंत्र की आत्मा को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह वास्तव में जनता के हित में काम करे।

और पढ़ें:- ब्रिटेन में लेबर पार्टी की जीत से भारत को क्या लाभ?

Tags: Emmanuel MacronFranceFrench election resultsIndiaIndia General ElectionNational Rallyइमैनुएल मैक्रोंनेशनल रैलीफ्रांसफ़्रांसीसी चुनाव परिणामभारतभारत आम चुनाव
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

JNU में हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के अध्ययन के लिए केंद्रों की होगी स्थापना।

अगली पोस्ट

सेंगोल पर CPI(M) सांसद ने की आपत्तिजनक टिप्पणी।  

संबंधित पोस्ट

चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है
चर्चित

चक्रवात ‘दित्वाह’ से लड़ रहे श्री लंका की मदद को भारत ने बढ़ाया हाथ, ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ ने बताया भारत क्यों है सबसे ‘भरोसेमंद’ पड़ोसी

29 November 2025

श्री लंका वक्त, बीते कुछ वर्षों की सबसे बड़ी और खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। चक्रवात दित्वाह ने वहां...

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे
चर्चित

राहुल गांधी का ह्यूस्टन इवेंट आयोजित करने वाली संस्था CAIR अमेरिका में आतंकी संगठन घोषित, हिंदू घृणा फैलाने वाली संस्था के अलकायदा, हमास जैसे आतंकी संगठनों से मिले रिश्ते

20 November 2025

राहुल गांधी के विदेशी खासकर अमेरिकी दौरों को लेकर राजनीति होती रही है, लेकिन अब अमेरिका से जो जानकारी सामने आई है, वो राजनीति से...

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited