रतन टाटा के निधन के बाद शुक्रवार को उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया। टाटा ट्रस्ट की शुक्रवार को हुई बैठक में रतन टाटा के उत्तराधिकारी के रूप में नोएल टाटा को चुना गया। नोएल टाटा कई कंपनियों के प्रमुख और सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में ट्रस्टी हैं। नोएल फिलहाल ट्रेंट, वोल्टास, टाटा निवेश और टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं।
चूंकि रतन टाटा ने किसी को भी अपना उत्तराधिकारी नामित नहीं किया था, इसलिए ट्रस्टियों में से ही एक को अध्यक्ष चुना गया।
टाटा ग्रुप में टाटा ट्रस्ट की 66% हिस्सेदारी
टाटा ट्रस्ट टाटा समूह की परोपकारी संस्थाओं का समूह है। इस ट्रस्ट की 13 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66% हिस्सेदारी है, जिससे यह अभी भी समूह का सर्वेसर्वा बना हुआ है। टाटा ट्रस्ट के तहत सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट आते हैं, और इनके पास टाटा सन्स की 52% हिस्सेदारी है।
गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाले ये ट्रस्ट, रतन टाटा की विरासत का अभिन्न हिस्सा हैं और अब रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा इस विरासत को आगे संभालेंगे।
कौन हैं नोएल टाटा
नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। रतन टाटा के पिता नवल टाटा ने दो शादियां की थीं। उनकी पहली शादी सूनी टाटा से हुई थी, जिनसे उनके दो बेटे रतन टाटा और जिम्मी टाटा हुए। सूनी टाटा से तलाक के बाद नवल टाटा ने स्विट्जरलैंड की एक बिजनेस्वुमन सिमोन से 1955 में दूसरी शादी की, और नोएल टाटा सिमोन और नवल के बेटे हैं।
नोएल ने ब्रिटेन के ससेक्स विश्वविद्यालय से स्नातक किया और 1994 में INSEAD से अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी कार्यक्रम (IEP) की पढ़ाई पूरी की। वह 40 से अधिक वर्षों से टाटा समूह से जुड़े हुए हैं। नोएल की शादी अलू मिस्त्री से हुई है और उनके तीन बच्चे ली टाटा, माया टाटा और नेविल टाटा हैं।
$50 करोड़ से $3 अरब की बनाई कंपनी
टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नोएल ने 2010 और 2021 के बीच कंपनी के राजस्व को $50 करोड़ से बढ़ाकर $3 अरब से अधिक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, टाटा समूह की व्यापार और वितरण इकाई है। साथ ही, उन्होंने ट्रेंट लिमिटेड के विस्तार में भी अहम भूमिका निभाई।
1998 में ट्रेंट लिमिटेड का सिर्फ एक स्टोर था, और नोएल की लीडरशिप में यह पूरे भारत में 700 से अधिक स्टोर्स का नेटवर्क बन गया है।