TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

किन फैक्टर्स के साथ दिल्ली में वापसी की राह तलाश रही BJP…कैसे खत्म होगा 26 साल का वनवास?

Akash Sharma Nayan द्वारा Akash Sharma Nayan
26 January 2025
in चर्चित, मत, राजनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव मोदी, केजरीवाल

किन फैक्टर्स के साथ दिल्ली में वापसी की राह तलाश रही BJP?

Share on FacebookShare on X

दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटर्स को लुभाने के लिए पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं। दिल्ली की सत्ता में 12 साल से बैठी आम आदमी पार्टी को लेकर जनता के बीच एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर देखने को मिल सकता है। बीते 2 चुनाव से खाता खोलने को तरस रही कांग्रेस के पास दिल्ली चुनाव में हासिल करने को सब कुछ और खोने को कुछ भी नहीं है। वहीं लोकसभा चुनाव में AAP और कांग्रेस का सूफड़ा साफ करने वाली भाजपा चुनाव मैदान में पूरे दमखम के साथ नजर आ रही है।

महिला वोटर्स

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कई फैक्टर अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसमें महिला और मध्यम वर्गीय वोटर्स के साथ ही धार्मिक पहलुओं पर भी पार्टियां अपनी प्लानिंग तैयार कर सकती हैं। इसके चलते ही सभी पार्टियों ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए काफी हद तक यह सही भी है। वहीं भाजपा ने अपने ‘संकल्प पत्र’ में महिलाओं के साथ ही बुजुर्गों और गरीबों पर भी फोकस किया है।

संबंधितपोस्ट

खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

6 दिसंबर के दिन राजधानी को दहलाने की थी तैयारी, पहले हो गया धमाका! ‘बाबरी विध्वंस’ के दिन 6 बड़े हमलों की तैयारी में थे आतंकी

और लोड करें

SBI रिसर्च की रिपोर्ट में सामने आया है कि साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में 18 करोड़ से अधिक महिलाओं ने वोट डाला था। इसके पीछे का कारण साक्षरता, प्रधानमंत्री आवास योजना और मुद्रा ऋण जैसी महिला केंद्रित योजनाओं को माना जा रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में 60% महिला वोटर्स ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया था। वहीं केवल 35% महिलाओं का वोट BJP को मिल पाया था। इससे महिला वोट बैंक में AAP को भाजपा के मुकाबले सीधे तौर पर 25 फीसदी की बढ़त मिल गई थी।

वहीं पुरुष वोटर्स के आंकड़ों को देखें तो 2020 के चुनाव में 49 प्रतिशत पुरुषों ने AAP को वोट दिया था। वहीं, 43 प्रतिशत पुरुषों ने BJP को वोट दिया था। दिल्ली में महिलाओं की संख्या 46% के आसपास है। वहीं पुरुषों की संख्या 54% है। इसका मतलब है कि महिलाओं के वोट से आम आदमी पार्टी को करीब 12% की बढ़त मिली, वहीं पुरुषों के वोट से AAP को भाजपा की अपेक्षा 3% वोट अधिक मिले।

आंकड़ों के इस जाल को इस तरह से भी समझा जा सकता है कि साल 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 54%, BJP को 39% और कांग्रेस 4% वोट मिला था। इसका मतलब साफ है कि AAP को 15% अधिक वोट मिले थे। इसे एक वाक्य में समझें तो, आम आदमी पार्टी को मिली बढ़त में से 80% बढ़त महिलाओं के वोट से हासिल हुई थी।

महिला वोटर्स को लुभाने के लिए AAP, कांग्रेस और BJP तीनों ने हर महीने नकद राशि देने का ऐलान किया है। AAP का ऐलान विवादों में भी रहा और LG ने जांच के आदेश भी दिए हैं। वहीं भाजपा AAP से अधिक राशि देने का वादा कर रही है। इसके अलावा, गैस सिलेंडर से लेकर स्वास्थ्य योजनाओं तक के लिए BJP ने एक तरह से महिलाओं के लिए खजाना खोलने का ऐलान किया है।

हिंदू-मुस्लिम-सिख

धर्म की राजनीति और राजनीति का धर्म भारतीय राजनीति के दो अलग-अलग विषय रहे हैं। लेकिन बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों की बढ़ती घुसपैठ और इनकी आपराधिक घटनाओं के चलते न केवल दिल्ली बल्कि देश की राजनीति में भी घुसपैठिए बड़ा मुद्दा हैं।

अगर सिर्फ दिल्ली की बात करें तो यहां 82% हिंदू, 13% मुस्लिम और 5% सिख हैं। साल 2020 के चुनावी आंकड़ों को देखें तो आम आदमी पार्टी को 83% मुस्लिम वोट मिले थे। वहीं महज 3% मुस्लिम वोट भाजपा के हिस्से में गया था। 67% सिखों ने AAP को और 28% सिखों ने BJP को वोट दिया। इससे AAP को सीधे तौर पर 39% की बढ़त हासिल हुई थी।

हिंदू वोटर्स की बात करें तो साल 2020 में 49% हिंदुओं ने AAP को वोट दिया था। वहीं, 46% हिंदू वोट BJP के खाते में गए थे। इससे आम आदमी पार्टी को हिंदू वोटर्स में भी 3% की बढ़त मिल गई थी। कुल मिलाकर देखें तो 3% हिंदू, 10% मुस्लिम और 2% सिख वोटर्स के जरिए 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP को 15% अधिक वोट मिले थे।

चूंकि बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिम न केवल भारत के संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं बल्कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारत की नागरिकता भी हासिल कर ले रहे हैं। इतना ही नहीं लगातार बढ़ रहे क्राइम के पीछे भी घुसपैठिए का ही हाथ है। बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान के घर में घुसकर हमला करने वाले आरोपित की पहचान भी बांग्लादेशी के रूप में हुई है। ऐसे में घुसपैठियों के मुद्दे को लेकर इस चुनाव राजनीतिक माहौल तेजी से बदलता नजर आने वाला है।

गरीब-मध्यम वर्गीय वोटर भी महत्वपूर्ण

बीते कुछ समय में हुए चुनावों को देखें तो किसी भी चुनाव में महिला-पुरुष या धर्म के वोट बैंक से बढ़कर सीधा लाभ और खासतौर से गरीबों या माध्यम वर्ग को टारगेट करते हुए जो योजनाएं या घोषणाएं होती हैं, उनका अधिक असर देखने को मिलता है। एक ओर जहां AAP ने अपनी पुरानी योजनाएं जारी रखने का ऐलान किया है। वहीं भाजपा ने गरीबों के लिए सब्सिडी वाली कैंटीन और सिलेंडर का ऐलान किया है। सीधे शब्दों में कहें तो भाजपा ने कहा है कि गरीबों को सिर्फ 5 रुपए में थाली और 500 रुपए में एलपीजी सिलेंडर मिलेगा।

चूंकि दिल्ली की आबादी में 35% गरीब और 45% मध्यम वर्ग के लोग हैं। ऐसे में सब्सिडी वाली योजनाएं न केवल गरीबों को लुभाती हैं बल्कि वोट में तब्दील करने में भी सक्षम होती हैं। आंकड़ों पर एक बार फिर नजर डालें तो साल 2020 में, लगभग 61% गरीबों ने AAP वोट दिया था। वहीं 33% गरीबों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया था।  इससे AAP को 28% अधिक वोट मिले थे। इसी तरह, मध्यम वर्ग के 53% लोगों ने AAP को वोट दिया था और महज 39% ने भाजपा को वोट दिया था। इससे एक बार दिएर आम आदमी पार्टी को 14% की बढ़त मिली थी। अपर क्लास की बात करें तो 48%अमीरों ने भाजपा को वोट दिया था, जबकि 47% ने AAP को वोट दिया था। इससे भाजपा को सिर्फ 1% की ही बढ़त मिल पाई थी। मतलब साफ है कि गरीबों के वोट से आम आदमी पार्टी को 9% और मध्यम वर्ग के वोट से 6% की बढ़त के साथ कुल 15% अधिक वोट मिले थे।

BJP के पास क्या है रास्ता?

मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों को लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया का कहना था कि भाजपा सरकर में वापस नहीं आ पाएगी। सर्वे में भी ऐसे ही आंकड़े सामने आए थे। हालांकि जब चुनाव परिणाम सामने आए तो चौंकाने वाले थे। ऐसा ही महाराष्ट्र में भी हुआ था। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों ही राज्यों में महिलाओं को नकद राशि देने से ही अप्रत्याशित परिणाम सामने आए थे। ऐसे में दिल्ली की सत्ता में चला आ रहा वनवास खत्म करने के लिए भाजपा को 2500 रुपए प्रति माह नकद राशि देने के ऐलान को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए। इससे महिलाओं का एक बड़ा तबका भाजपा के समर्थन में आ सकता है।

इसके अलावा BJP को इस बात की उम्मीद जरूर होगी कि कांग्रेस AAP के मुस्लिम और सिख वोटों में सेंध लगाएगी। इससे आम आदमी पार्टी को पिछले चुनाव में मिले वोट प्रतिशत में बड़ी कटौती हो सकती है। चूंकि कांग्रेस ने 8 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं, वहीं AAP ने 5 मुस्लिमों को टिकट दिया है। ऐसे में भी कांग्रेस 10 मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर प्रभाव डालती नजर आ सकती है। कांग्रेस के पिछले प्रदर्शन को देखते हुए यदि यह कहा जाए कि दिल्ली में वह AAP का वोट काट सकती है तो गलत नहीं होगा। इससे सीधा फायदा BJP को ही होना है। इसके अलावा, शराब घोटाले और शीश महल समेत अन्य घोटालों के मुद्दे BJP को AAP के खिलाफ माहौल बनाने में कारगर साबित हो सकते हैं। साथ ही मनीष सिसोदिया का सीट छोड़कर दूसरे क्षेत्र से चुनाव लड़ना भी जनता की नजरों में AAP की छवि खराब कर रहा है।

दिल्ली के पिछले विधानसभा चुनाव यानी साल 2020 में AAP को 62 सीटें मिली थीं, जोकि 2015 की तुलना में 5 कम थीं। वहीं BJP 5 सीटें अधिक जीतकर 8 तक पहुंच गई थी। 2024 के लोकसभा चुनावों के आंकड़ों को देखें तो भाजपा 52 विधानसभा क्षेत्रों में आगे थी, AAP 10 में और कांग्रेस महज 8 सीटों में ही बढ़त हासिल कर पाई थी। यदि यही वोट प्रतिशत विधानसभा चुनाव में भी रहा तो BJP अप्रत्याशित जीत हासिल करने में कामयाब हो जाएगी।

हालांकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव का परिणाम एक जैसे आने की बातें करना है, लेकिन चुनाव परिणाम में इसे तब्दील करना बेहद कठिन होता है। ऐसे में यदि BJP को चुनाव जीतना है तो महिलाओं-गरीबों और मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार करनी होगी। इसके अलावा मुस्लिम बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों के मुद्दे के जरिए ध्रुवीकरण के जरिए भी भाजपा बढ़त हासिल करने में कामयाब हो सकती है।

 

Tags: AAPArvind KejriwalBJPDelhiDelhi Assembly ElectionDelhi Assembly Election 2025Narendra Modiअरविंद केजरीवालआम आदमी पार्टीदिल्लीदिल्ली विधानसभा चुनावदिल्ली विधानसभा चुनाव 2025नरेंद्र मोदीभाजपा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ध्वजारोहण और झंडा फहराने में क्या है अंतर, 26 जनवरी को राष्ट्रपति ही क्यों फहराते हैं झंडा?

अगली पोस्ट

उत्तराखंड में लागू हुआ UCC, हलाला और इद्दत जैसी कुप्रथाओं पर लगेगी रोक; जानें क्या-क्या बदलेगा?

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
चर्चित

विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

20 November 2025

20 नवंबर को एक ऐतिहासिक जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited