इस बार 77वीं सेना दिवस परेड 15 जनवरी 2025 को पहली बार पुणे में आयोजित होगी, पुणे भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के मुख्यालय भी है...
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    सीएम हिमंत का आरोप

    हिंदू नामों से कांग्रेस के लिए किया जा रहा है ‘ऑनलाइन जिहाद’! असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने समझाया पूरा खेल

    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

    ईरान पर अमेरिका का हमला: क्या ‘स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़’ को बंद कर बदला लेंगे खामेनेई?

    अमेरिका के हमलों को जहां नेतन्याहू ने ऐतिहासिक बताया है तो वहीं ईरान ने इनकी निंदा की है

    ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

    2025 के इंडो-पाक युद्ध

    भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने अमेरिका की छवि को किया धूमिल

    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    सीएम हिमंत का आरोप

    हिंदू नामों से कांग्रेस के लिए किया जा रहा है ‘ऑनलाइन जिहाद’! असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने समझाया पूरा खेल

    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

    ईरान पर अमेरिका का हमला: क्या ‘स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़’ को बंद कर बदला लेंगे खामेनेई?

    अमेरिका के हमलों को जहां नेतन्याहू ने ऐतिहासिक बताया है तो वहीं ईरान ने इनकी निंदा की है

    ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

    2025 के इंडो-पाक युद्ध

    भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने अमेरिका की छवि को किया धूमिल

    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

फील्ड मार्शल करियप्पा की विरासत और सेना के गौरवमयी इतिहास की कहानी, जानें क्यों 15 जनवरी को मनाया जाता है सेना दिवस?

इस बार 77वीं सेना दिवस परेड 15 जनवरी 2025 को पहली बार पुणे में आयोजित होगी, पुणे भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के मुख्यालय भी है

khushbusingh1 द्वारा khushbusingh1
15 January 2025
in इतिहास, चर्चित, रक्षा
करियप्पा 20 वर्ष की आयु में सेना में भर्ती हो गए थे और उन्हें 'कीपर' कहा जाता था

करियप्पा 20 वर्ष की आयु में सेना में भर्ती हो गए थे और उन्हें 'कीपर' कहा जाता था

Share on FacebookShare on X

इस बार 77वीं सेना दिवस परेड 15 जनवरी 2025 को पहली बार पुणे में आयोजित होगी। पुणे भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के मुख्यालय भी है। इसलिए इसका महत्व बढ़ जाता है। यह परेड बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप एंड सेंटर में होगी, जिसमें सैन्य टुकड़ियाँ, मशीनीकृत स्तंभ और तकनीकी प्रदर्शनों को शामिल किया जाएगा। पहले यह परेड दिल्ली में आयोजित होती थी। हालाँकि, साल 2023 से इसे अलग-अलग शहरों में आयोजित किया जाता है। दिल्ली के बाहर पहली जिस शहर में यह परेड आयोजित किया गया था, वह शहर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु थी। इसके बाद साल 2024 में यह परेड लखनऊ में आयोजित की गई थी।

इस परेड में देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले सैनिकों को याद किया जाता है। भारतीय सेना दिवस न केवल बहादुर सैनिकों का उत्सव है, बल्कि ब्रिटिश शासन से भारत को सत्ता हस्तांतरण का भी उत्सव है। यही कारण है कि हर साल इस दिन को सेना के सभी कमान मुख्यालयों में बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। ब्रिटिश इंडिया में आधिकारिक तौर पर सेना की स्थापना 1 अप्रैल 1895 को को की गई थी।

संबंधितपोस्ट

भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने अमेरिका की छवि को किया धूमिल

हिंदू नामों से कांग्रेस के लिए किया जा रहा है ‘ऑनलाइन जिहाद’! असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने समझाया पूरा खेल

‘पाक पानी को तरसेगा…अब बहाल नहीं होगा सिंधु जल समझौता’: अमित शाह का बड़ा दावा, पढ़ें इस Treaty की पूरी कहानी

और लोड करें

सेना दिवस परेड 15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करियप्पा (केएम करियप्पा) की नियुक्ति की याद में आयोजित की जाती है। जनरल करियप्पा स्वतंत्रत भारत के बाद के पहले सैन्य प्रमुख थे। उन्होंने ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर फ्रांसिस बुचर से यह कार्यभार ग्रहण किया था। कमांडर-इन-चीफ का यह पद पहली बार किसी भारतीय को मिला था। यह पद तीनों सेनाओं के प्रमुख का पद होता है। जिस समय करियप्पा को यह पद मिला था, उस समय उनकी उम्र 49 साल थी। उनके नेतृत्व को याद करते हुए यह सैन्य परेड निकाली जाती है।

जनरल करियप्पा का सैन्य सफर

जनरल करियप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 में कर्नाटक के कुर्ग जिले में हुआ था। जब वे 20 साल के थे, तभी उन्होंने सेना ज्वॉइन कर ली थी। उस समय भारत पर अंग्रेजी हुकुमत थी। सन 1914 से 1918 के दौरान हुए पहले विश्व युद्ध के दौरान उन्हें सैनिक के रूप में प्रशिक्षण मिला था। सन 1942 में करियप्पा को लेफ़्टिनेंट कर्नल पर पदोन्नत किया गया। यह पद पाने वाले वे पहले भारतीय अधिकारी थे। उन्हें ‘कीपर’ के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि जब करियप्पा फ़तेहगढ़ में तैनात थे तो एक ब्रिटिश अफ़सर की पत्नी को उनका नाम लेने में बहुत कठिनाई होती थी। वह उनके नाम का ढंग से उच्चारण नहीं कर पाती थी और कीपर कहती थी। तब से उन्हें ‘कीपर’ कहा जाने लगा।

करियप्पा को सन 1944 में ब्रिगेडियर बनाया गया। जाहिर है इस पद पहुँचने वाले वे पहले भारतीय थे। ब्रिगेडियर बनाने के बाद उन्हें बन्नू फ़्रंटियर ब्रिगेड के कमांडर के तौर पर तैनात किया गया। आजादी के समय 1947 में करियप्पा को भारत की सेना को बँटवारे की जिम्मेदारी दी गई थी। नवंबर 1947 में केएम करियप्पा को सेना की पूर्वी कमान का प्रमुख बनाया गया और उन्हें राँची भेज दिया गया। उधर, पाकिस्तान बनने के बाद दो महीने के अंदर ही कश्मीर में हालत ख़राब होने लगे। इसके बाद करियप्पा को लेफ़्टिनेंट जनरल डडली रसेल के स्थान पर दिल्ली और पूर्वी पंजाब का जीओसी इन चीफ़ बनाकर भेजा गया। उन्होंने इस कमान का नाम पश्चिमी कमान रखा और कलवंत सिंह के स्थान पर जनरल थिमैया को जम्मू-कश्मीर फ़ोर्स का प्रमुख बनाकर भेजा।

पाकिस्तान के हमले के दौरान लेह जाने वाली सड़क तब तक नहीं खोली जा सकती थीं, जब तक कि भारतीय सेना का जोज़ीला, द्रास और कारगिल पर कब्ज़ा नहीं हो जाता। लेह मार्ग को नहीं खोलने का आदेश ऊपर से आया था। हालाँकि, ऊपर के आदेशों को नकारते हुए करियप्पा ने उस रास्ते को खोला सैनिक भेजे। उनकी योजना के तहत भारतीय सेना पहले नौशेरा और झंगर पहुँचकर वहाँ कब्ज़ा किया और फिर जोज़ीला, द्रास और कारगिल से हमलावरों को भगाया। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता तो लेह भारत का हिस्सा नहीं बना होता।

लेह को आजाद कराने के बाद वे पाकिस्तान सीमा पर स्थित टिथवाल गाँव गए। यहाँ से कुछ ही किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर घुसपैठियों का अभी भी कब्जा था। करियप्पा दुश्मनों की गोली की परवाह किए बिना पहाड़ी पर चढ़ गए। पाकिस्तानी सैनिकों ने उन पर फायरिंग की और एक गोला उनसे कुछ ही दूरी पर आकर गिरा। इस पर जनरल करियप्पा ने हँसते हुए कहा, “देखो दुश्मन के गोले भी जनरल का सम्मान करते हैं।”

करियप्पा जब श्रीनगर से उरी जाने लगे तो वहाँ तैनात ब्रिगेडियर बोगी सिंह ने उनकी गाड़ी पर से सेना का झंडा और स्टार हटना के आग्रह किया। ब्रिगेडियर बोगी सिंह ने कहा कि झंडा और स्टार देखकर दुश्मन गाड़ी पर स्नाइपर से हमला कर सकते हैं। हालाँकि, अपनी धुन के पक्के करियप्पा नहीं माने। उन्होंने कहा कि इससे सैनिकों का मनोबल कम होगा। उनकी गाड़ी कुछ किलोमीटर चली होगी कि जनरल करियप्पा की गाड़ी पर फायरिंग हो गई। इस हमले में उनकी गाड़ी का एक टायर फट गया। हालाँकि, वे बाल-बाल बच गए।

बंटवारे के समय दंगे और लोगों के पलायन के कारण भारत और पाकिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल था। ऊपर से पाकिस्तानी सेना ने 1947 में कबालियों के वेश में भारत पर हमला कर दिया। इस माहौल में ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ सर बुचर ने पद को अपने पर रखना उचित समझा। लगभग डेढ़ साल बाद जब हालात सँभले तो सर बुचर ने यह पद 1949 को करियप्पा को सौंप दिया। विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिका को निभाते हुए जनरल करियप्पा साल 1953 में वे भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो गए।

ले. ज. नाथू राठौर ने करियप्पा को सौंपा अपना पद

उन्हें पहला सैन्य प्रमुख बनाए जाने को लेकर कहा जाता है कि पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू तैयार नहीं थे। इसको लेकर कई किस्से हैं। सन 1948 में आजाद भारत के पहले सेना प्रमुख की नियुक्ति के लिए नेहरू ने एक बैठक बुलाई। इस बैठक में देश के प्रमुख नेता और सेना के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में नेहरू ने कहा, “मुझे लगता है कि हमें अंग्रेज सेना अधिकारी को इंडियन आर्मी का चीफ बनाना चाहिए, क्योंकि हमारे पास सेना के नेतृत्व करने का अनुभव नहीं है।”

उस बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल नाथू सिंह राठौर मौजूद थे। उन्होंने पंडित नेहरू की बात को काटते हुए कहा, “हमारे पास तो देश का नेतृत्व करने का भी अनुभव नहीं है। तो क्यों नहीं किसी अंग्रेज को भारत का प्रधानमंत्री बना दिया जाना चाहिए।” इस बात को सुनकर पंडित नेहरू पहले तो तिलमिलाए, लेकिन खुद को शांत रखते हुए उन्होंने जनरल राठौर से कहा, “क्या आप भारतीय सेना के पहले जनरल बनने को तैयार हैं?” इस पर नाथू सिंह राठौर ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल करियप्पा को ये जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। कुछ महीने बाद ही 15 जनवरी 1949 को जनरल केएम करियप्पा देश के पहले सेना प्रमुख बन गए।

कहा जाता है कि जनरल करियप्पा को पंडित नेहरू में एक डर बैठा था। यह बात जनरल करियप्पा के बेटे केसी करियप्पा ने अपनी किताब लिखा है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू को इस बात का डर था कि जनरल करियप्पा उनका तख्तापलट कर सकते हैं। इसीलिए पंडित नेहरू ने सन 1953 में जनरल करियप्पा को ऑस्ट्रेलिया का हाई कमिश्नर बनाकर भेज दिया था।

आजाद हिंद फौज के सैनिकों को सेना में शामिल करने का विरोध किया

भारत को आजादी मिलने के बाद यह हुआ कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा भारत को आजाद कराने के लिए गठित की गई ‘आजाद हिंद फौज’ के सैनिकों को भारतीय सेना में शामिल कर लिया जाए। जनरल करियप्पा को यह बात पता चली तो उन्होंने इसका खुलकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि ऐसा किया तो भारतीय सेना राजनीति से अछूती नहीं रह जाएगी। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा सेना में लागू जाति आधारित आरक्षण का भी विरोध किया था। उनका मानना था कि ऐसा करने से सेना की गुणवत्ता में कमी आएगी।।

बेटे को छोड़ने के लिए पाकिस्तान से नहीं कहा

जनरल करियप्पा ही नहीं, उनके बेटे भी सेना थे। दरअसल, साल 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनके बेटे केसी नंदा करियप्पा एयरफोर्स में फ्लाइट लेफ्टिनेंट थे। जंग के दौरान नंदा करियप्पा गलती से अपना एयरक्राफ्ट लेकर पाकिस्तानी सीमा में घुस गए। वहाँ पर पाकिस्तानियों ने उनके एयरक्राफ्ट पर गोलियाँ दागनी शुरू कर दी। इस हमले में नंदा करियप्पा का एयरक्राफ्ट पाकिस्तानी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पाकिस्तानी सेना ने उन्हें कब्जे में ले लिया। इसी दौरान पाकिस्तानी सेना को पता चला कि वह रिटायर्ड जनरल करियप्पा के बेटे हैं तो रेडियो पर ये जानकारी ऑन एयर की गई।

पाकिस्तान सरकार ने कहा कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट करियप्पा पाकिस्तान के कब्जे में हैं और सुरक्षित हैं। उस समय पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान थे। अयूब खान आजादी से पहले जनरल करियप्पा के अंडर में सेना में काम कर चुके थे। इसका सम्मान रखते हुए अयूब खान ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को जनरल करियप्पा से बात करने के लिए कहा। पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने पूर्व सेना प्रमुख करियप्पा से फोन पर बात की और उनसे कहा, “आप चाहें तो आपका बेटा सुरक्षित भारत लौट सकता है। सर अयूब खान ने कहा है।” इस बात पर जनरल करियप्पा बोले, “पाकिस्तान में कैद सभी भारतीय जवान मेरे बेटे हैं। छोड़ना है तो सभी को छोड़ो, अकेले नंदा करियप्पा को नहीं।” अयूब खान ने बाद में सभी भारतीय कैदियों के साथ उनके बेटे को भी छोड़ दिया।

जनरल करियप्पा के बेटे केसी करियप्पा ने अपनी किताब ‘फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा’ लिखा है कि जब वो पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदी के रूप में बंद थे, तब अयूब खान की पत्नी और उनका बड़ा बेटा अख्तर अयूब उनसे मिलने आए थे। इस दौरान अख्तर के हाथ में स्टेट एक्सप्रेस सिगरेट का एक कार्टन और वुडहाउस नाम का एक उपन्यास भी था, जो उनके लिए लाया गया था। उन्होंने आगे लिखा है कि उनके पिता अनुशासन एवं सिद्धांतों के बेहद पक्के थे। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि जब वे दिल्ली के नवीन भारत हाईस्कूल में पढ़ रहे थे तो एक दिन उन्हें लेने सेना का ट्रक स्कूल नहीं आ पाया। इसके बाद उनके जनरल करियप्पा के एडीसी ने उन्हें वापस लेने के लिए स्टाफ़ कार भेज दी।

जनरल करियप्पा के बेटे अपनी किताब में आगे बताते हैं कि एक दिन नाश्ते के दौरान उनके पिता को इस घटना के बारे में जानकारी मिली तो वे नाराज हो गए। उन्होंने अपने एडीसी को लताड़ लगाई और कहा कि किसी भी हालत में सरकारी कार का इस्तेमाल निजी काम के लिए नहीं होना चाहिए। जनरल करियप्पा ने उसका बिल बनवाया और एडीसी से कहकर उस राशि को अपनी वेतन से कटवाया। ऐसे थे जनरल करियप्पा।

जनरल करियप्पा की जीवनी लिखने वाले जनरल वीके सिंह के अनुसार, “एक बार एक गाँव से गुज़रते हुए करियप्पा ने देखा कि कुछ मुस्लिम महिलाएँ अपने सिर पर पानी से भरे बड़े-बड़े बर्तन लेकर जा रही हैं। उनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि उन्हें पानी लेने के लिए दूसरे गाँव जाना पड़ता है। वे रोज़ चार मील दूर जाकर पानी लाती हैं। इतना सुनकर करियप्पा ने इन महिलाओं के गाँव में तुरंत कुँआ खुदवाने का आदेश दिया। जब कुँआ बन गया तो वहाँ के पठान उनके इस काम से बेहद खुश हुए और उन्हें ‘ख़लीफ़ा’ कहना शुरू कर दिया।”

फील्ड मार्शल का सम्मान

भारतीय सेना में मार्शल का पद सर्वोच्च होता है, जो सम्मान के रूप में दिया जाता है। फील्ड मार्शल का पहला सम्मान जनरल सैम मानकेशॉ को जनवरी 1973 में दिया गया था। इसके बाद केएम करियप्पा को यह सम्मान सन 1986 में दिया गया था। उस समय उनकी उम्र 86 साल थी। फील्ड मार्शल का खिताब आज तक सिर्फ इन्हीं दो अधिकारियों को ही मिला है। भारतीय सेना में फील्ड मार्शल का पद पाँच सितारा वाला रैंक का होता है। यह सर्वोच्च पद होता है, जिसे कमांडर-इन-चीफ भी कहा जाता है। इतना ही नहीं, उनकी वीरता और अदम्य साहस को देखते अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन ने उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ द चीफ कमांडर ऑफ द लीजन ऑफ मेरिट’ के पद से सम्मानित किया था। भारत के इस महान सपूत का 94 वर्ष की आयु में 1993 में देहांत हो गया।

स्रोत: सेना दिवस, भारतीय सेना, केएम करियप्पा, जवाहरलाल नेहरू, पाकिस्तान, नंदा करियप्पा, वीके सिंह, Army Day, Indian Army, KM Cariappa, Jawaharlal Nehru, Pakistan, Nanda Cariappa, VK Singh,
Tags: Army DayIndian ArmyJawaharlal NehruKM CariappaNanda CariappaPakistanVK Singhकेएम करियप्पाजवाहरलाल नेहरूनंदा करियप्पापाकिस्तानभारतीय सेनावीके सिंहसेना दिवस
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जन्मदिन विशेष: मानस नेत्रों से समाज को प्रकाशित करने वाले नेत्रहीन संत ‘रामभद्राचार्य’

अगली पोस्ट

मोहम्मद आरिफ की नकली चाय में भगवा केमिकल.; कई जिलों में ली जा रही थीं जहरीली चुस्कियाँ… सलीम, उमर और ताहिर की तलाश जारी

संबंधित पोस्ट

2025 के इंडो-पाक युद्ध
AMERIKA

भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने अमेरिका की छवि को किया धूमिल

22 June 2025

2025 में हुए चार दिवसीय इंडो-पाक युद्ध का प्रभाव केवल भारतीय उपमहाद्वीप तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने वैश्विक स्तर पर अमेरिका की दोबारा नेतृत्व...

सीएम हिमंत का आरोप
चर्चित

हिंदू नामों से कांग्रेस के लिए किया जा रहा है ‘ऑनलाइन जिहाद’! असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने समझाया पूरा खेल

21 June 2025

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य की कांग्रेस पार्टी पर एक बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए राजनीतिक माहौल को और अधिक गर्म कर...

गूगल मैप्स पर बदला हुआ अकबर रोड का नाम
चर्चित

क्या दिल्ली की अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप रोड हो गया है?

21 June 2025

दिल्ली में सड़कों के नाम भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों और वीर योद्धाओं के नाम पर करने को लेकर अक्सर चर्चा होती है। पिछले कुछ वर्षों से...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

when the God leaves the temple to be with his devotees.

when the God leaves the temple to be with his devotees.

00:05:31

R.P. Singh Exposes AAP: Following Indira's Model of Separatist Appeasement?

00:11:04

kamakhya Devi and the Power of Menstruation: Ambubachi Mela Explained.

00:04:47

From love to murder- how five plots took down raja raghuvanshi

00:04:38

Marriage gone murderous: expert explains the gruesome murder case.

00:13:01
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited