TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मुर्शिदाबाद का भयावह सच

भाजपा और RSS की भले आप आलोचना करिए और उनके विरोधी हों लेकिन इन विकट परिस्थितियों में हिंदू समाज के साथ इनके अलावा कोई खड़ा नहीं दिखता

Awadhesh Kumar द्वारा Awadhesh Kumar
19 April 2025
in मत, राजनीति
मुर्शिदाबाद का भयावह सच
Share on FacebookShare on X

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से लेकर मध्यप्रदेश का गुना और इसके पहले नागपुर, मलाड आदि की घटनाओं से निस्संदेह देश को डरना चाहिए। इसका यह अर्थ नहीं कि डर कर चुपचाप बैठ जायें बल्कि इन घटनाओं में लगातार दिख रहे यथार्थ को पहचान कर उसके अनुरूप व्यवहार तय करने का समय है। मुर्शिदाबाद से भागीरथी नदी में नाव पर बैठकर पलायन करते और फिर मालदा जिले में उतरते लोगों की तस्वीरें किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को अंदर से हिला देगी। हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में गैर मुस्लिमों, हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा पर अपनी भौंहें टेढ़ी करते हैं, अपने देश के बारे में क्या कहेंगे? मालदा के पारलालपुर हाई स्कूल में शरण लिए लगभग 500 लोगों की तस्वीरें एवं वक्तव्य देश के सामने है। इनमें तीन दिन के नवजात से लेकर महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं।

स्थानीय लोगों ने कम से कम उन्हें गले लगाया और खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार की यात्रा के बाद पार्टी और दूसरे हिंदू संगठन भी सक्रिय हुए। लेकिन क्या किसी को याद है 2021 विधानसभा चुनाव के बाद हिंदू असम और झारखंड पहुंच गए थे। वे आज तक लौटे या नहीं लौटे देश को पता भी नहीं था। जब असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपनी पोस्ट लिखी तब इसकी जानकारी हुई। वर्तमान घटना में पलायन कर गए लोग मुर्शिदाबाद के धुलियान के हैं। वे बता रहे हैं कि घरों में आग लगा दी, मारपीट की गई, अब न घर रहा न खाने को राशन बचा हम करें तो क्या करें, जो कुछ था वह सब लूट कर ले गए। मणिपुर पर तूफान खड़ा करने वाले और यात्रा करने वाले राहुल गांधी से लेकर विपक्ष के नेताओं की चुप्पी ज्यादा डरावनी है। मणिपुर देश के लिए सभी के लिए चिंता का विषय होना चाहिए किंतु क्या मुर्शिदाबाद नहीं?

संबंधितपोस्ट

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

और लोड करें

यही वह प्रश्न है अलग-अलग ऐसी घटनाओं और संदर्भों में जिनका उत्तर भारत स्पष्ट रूप से कभी नहीं दे सका। धुलियान में एक गरीब पिता पुत्र की हत्या कर दी गई जो हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां बनाते थे। मूर्तिकार से किसका बैर हो सकता है? लोग कह रहे हैं कि उनकी पानी की टंकी में जहर मिला दिया गया। इसमें कितनी सच्चाई है अभी तक तो ममता बनर्जी सरकार को टंकियां जांच करके बता देना चाहिए था। नहीं बताने का मतलब क्या हो सकता है? कई तालाबों में मछलियों सहित अन्य जीव मरे पाए गए। यानी हमलावर घोषणा कर रहे थे कि सारे पानी में जहर मिला देंगे तो संभवत उन्होंने तालाब में ऐसा किया। टीवी कैमरों के माध्यम से देश ने वहां की हिंसा देखी। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक भी अलग-अलग क्षेत्र में हिंसा हो रही थी। शमशेरगंज सहित कई स्थानों में BSF की टीम पर गोलीबारी की गई। बीएसएफ कई घरों में जमा किए पत्थर हटा रही है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के कारण केंद्रीय सुरक्षा बलों की 17 कंपनियां तैनात की गई अन्यथा पश्चिम बंगाल पुलिस के रहते क्या हो रहा था और क्या होता इसकी कल्पना से रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भले आप आलोचना करिए और उनके विरोधी हों। इन विकट परिस्थितियों में हिंदू समाज के साथ इनके अलावा कोई खड़ा नहीं दिखता। अन्य पार्टियों की स्थानीय ईकाइयां सच देखती हैं, भूमिका निभाता भी चाहती हैं लेकिन प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व के दबाव में नहीं करती। सबसे बुरी स्थिति कांग्रेस के पिछले लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी की है। उनकी बात पार्टी में ही सुनने वाला कोई नहीं क्योंकि यहां पूरे देश का मुस्लिम वोट बैंक प्रभावित होता है। स्थानीय भाजपा के कई नेताओं ने प्रदेश में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम या अफस्पा लागू करने की मांग की है। आपको यह भले नागवार गुजरे किंतु पश्चिम बंगाल की स्थिति को देखिए और निष्कर्ष निकालिए कि वहां क्या किया जाना चाहिए? किसी का वक्फ संशोधन कानून से विरोध है तो उसका तरीका हिन्दुओं पर हमला कैसे सकता है? वैसे तो वक्फ कानून में ऐसा कुछ नहीं है जिसे मुसलमान या इस्लाम के विरुद्ध साबित किया जा रहा है। इस तरह की जहर फैलाने वाले वास्तव में स्वयं मुस्लिम समाज के ही दुश्मन हैं। बावजूद अगर आपको विरोध करना है तो इसके लिए हिंदुओं के घरों पर हमले करने, धर्म स्थलों को क्षतिग्रस्त करने, हत्याएं करने, दुकान घर जलाने आदि की क्या आवश्यकता है?

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देशव्यापी विरोध का आह्वान किया था। क्या हिंसा के लिए उसे दोषी नहीं माना जाना चाहिए? हमलावरों की तैयारी कितनी थी यह है इसका अनुमान इसी से लगाइए कि पलायन कर गए लोग बता रहे हैं कि वे गैस सिलेंडरों को खोलकर दियासलाई से आग लग रहे थे और पेट्रोल डाल रहे थे। आगजनी, पत्थरबाजी और गोली चलाने के लिए पहले की तैयारी चाहिए। गुना में हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर जितनी भारी संख्या में पत्थर चले और आगजनी हुई उसकी तैयारी एकाएक संभव नहीं। इसी तरह हजारीबाग में हुआ। पिछले लंबे समय से हम देख रहे हैं कि हिंदुओं से जुड़े उत्सवों, शोभा यात्राओं, प्रतिमा विसर्जनों आदि पर इसी तरह पत्थरों से हमले होते हैं फिर अग्निकांड होता है।

इससे भी डरावना सच यह है कि कोई बड़ा मुस्लिम नेता या संगठन हिंसा के विरुद्ध मुखर होकर सामने नहीं आते। दूसरे पक्ष को ही दोषी ठहरने का अभियान चलता है और कहा जाता है कि हमले उनके उकसाने पर हुए। किसी के उकसाने पर हजारों- लाखों की संख्या में पत्थर, पेट्रोल बम पैदा हो सकते। मुर्शिदाबाद पर बंगाल की ममता सरकार में मंत्री सिद्धीकुल्ला चौधरी कह रहे हैं कि हिंसा में बाहरी और भाजपा के लोग शामिल थे, वे BSF की गोली से मारे गए। जंगीपुर के स्थानीय तृणमूल सांसद खलीलुर रहमान का बयान भी यही है। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष का वक्तव्य है कि एक राजनीतिक दल ने बाहर से अपराधियों को लाकर BSF के सहयोग से मुर्शिदाबाद में तांडव मचाया है।

ममता सरकार और उनकी पार्टी का स्टैंड यही है तो आप उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं। यह पहली बार नहीं है। पिछले वर्ष लगभग इसी समय जब वर्धमान जिले में एक बम विस्फोट की जांच करने गई एनआईए की टीम पर जबरदस्त हमले हुए। विस्फोट बम बनाने के दौरान हुआ और मरने वाले तीनों तृणमूल के थे। जाहिर है इसमें किसके गले तक हाथ पहुंचता। चाहे शाहजहां शेख पर कार्रवाई करने गई टीम हो या अन्य जगह वहां हमेशा बड़ी संख्या में उन्हें हिंसक विरोध का सामना करना पड़ता है खदेड़ा जाता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर पूरी सरकार, पार्टी हमला बोल शैली में साथ खड़ी होती है। जब सरकार और पुलिस प्रशासन का भय नहीं हो तो कट्टरवादी तत्व ऐसे ही उन्माद फैलाता है।

तो सच को सच की तरह देखिए फिर रास्ता निकालिए कि क्या हो सकता है। बंगाल संपूर्ण देश के लिए ऐसा डरावना प्रश्न बना हुआ है जिसका अभी तक उत्तर नहीं मिला है। धीरे-धीरे दूसरे राज्यों में भी हिंदू उत्सवों प्रतिमा विसर्जनों शोभा यात्राओं आदि पर हमले की प्रवृत्तियां बढ़ीं हैं। उनके संदर्भ में हिंदू संगठनों, सरकारों तथा पार्टियों को नए सिरे से अपनी स्थाई रणनीति और व्यवहार तय करनी होगी। मुस्लिम समुदाय के अंदर भी उदारवादी तबके को उनके विरुद्ध खुलकर सामने आना चाहिए। यह देश बचाने का प्रश्न है। लेकिन जो समाज अपनी आत्मरक्षा और प्रतिरोध की शक्ति खो देता है उसकी कोई रक्षा नहीं कर सकता।

इस समय हिंदू समाज संविधान के तहत हिंसा या गलत के प्रतिरोध के अंधकार तक का इस्तेमाल करने का साहस नहीं दिख रहा। कम से कम ऐसी घटनाओं के विरोध में अहिंसक तरीके से धरना प्रदर्शन जैसे प्रतिरोध तो होना चाहिए था। बावजूद बंगाल जैसी स्थिति किसी की नहीं। केरल की कुख्याति भी बंगाल के सामने कमजोर काफ छोटी हो गई है। न्यायालय की स्थिति यह है कि 2021 में हिंदुओं के पलायन का मामला उच्चतम न्यायालय में आया और सुनवाई के दौरान एक बंगाली न्यायमूर्ति ने पहले अपने को अलग किया। फिर सुनवाई आरंभ हुई और एक और बंगाली जज साहब ने स्वयं को अलग कर लिया। इस कारण वह बाधित रही। वैसे भी अदालतें ऐसी बढ़ती या स्थाई हो चुकी प्रवृत्तियों का समाधान नहीं कर सकतीं।

स्रोत: पश्चिम बंगाल, मुर्शिदाबाद, ममता बनर्जी, हिंदू, मुस्लिम, मालदा, बीजेपी, टीएमसी, कांग्रेस, West Bengal, Murshidabad, Mamata Banerjee, Hindu, Muslim, Malda, BJP, TMC, Congress,
Tags: BJPCongressHinduMaldaMamata BanerjeeMurshidabadMuslimTMCWest Bengalकांग्रेसटीएमसीपश्चिम बंगालबीजेपीममता बनर्जीमालदामुर्शिदाबादमुस्लिमहिंदू
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

प्लेग महामारी में दुर्व्यवहार कर रहे अंग्रेज अधिकारी को सरेआम मारी गोली और हाथ में गीता लिए चूम लिया फंदा: कहानी दामोदर चापेकर की

अगली पोस्ट

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ता अत्याचार, हिंदू नेता का अपहरण कर की गई हत्या

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
चर्चित

विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

20 November 2025

20 नवंबर को एक ऐतिहासिक जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited