भारत-पाकिस्तान के बीच जारी सशस्त्र संघर्ष पर 10 मई 2025 को घोषित सीज़फायर के अगले ही दिन, भारत ने अपनी रणनीतिक दिशा को और स्पष्ट करते हुए उत्तर प्रदेश में एक और बड़ा कदम उठाया। 11 मई को, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के तहत बने ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इसे व्यक्तिगत रूप से एक “महत्वपूर्ण उपलब्धि” करार देते हुए कहा, “आज व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए एक बड़ा दिन है, क्योंकि मुझे लखनऊ को रक्षा विनिर्माण केंद्र (Defence Manufacturing Hub) बनाने के उद्देश्य का एहसास हुआ है।” राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि इस अत्याधुनिक यूनिट से 500 प्रत्यक्ष और 1,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जो क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और भारत की रक्षा तैयारियों दोनों के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।
अब, 14 मई को, यानी सीज़फायर के चार दिन बाद, भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश को एक और बड़ा सामरिक-आर्थिक प्रोजेक्ट सौंपा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के तहत 3,700 करोड़ रुपये की लागत से एक सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने को मंजूरी दे दी गई है। इन दोनों घोषणाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब न केवल सीमाओं की रक्षा के लिए तैयार है, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रभुत्व की दिशा में भी तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है और इस राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की धुरी बनकर उभर रहा है उत्तर प्रदेश।
3700 करोड़ की सेमीकंडक्टर यूनिट को दी हरी झंडी
बता दें कि 3700 करोड़ की यह यूनिट एचसीएल और फॉक्सकॉन का संयुक्त उद्यम है। दोनों मिलकर यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑथोरिटी (यीडा) एरिया में जेवर हवाई अड्डे के पास प्लांट स्थापित करेंगे। यह प्लांट 20,000 वेफर्स प्रति माह के लिए डिजाइन किया गया है और डिजाइन आउटपुट क्षमता 36 मिलियन यूनिट प्रति माह है। इस प्लांट में मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और डिस्प्ले वाले दूसरे डिवाइस के लिए डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण होगा।
कैबिनेट नोट के अनुसार, ”भारत में लैपटॉप, मोबाइल, सर्वर, मेडिकल डिवाइस, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के तेजी से विकास के साथ सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ रही है, यह नई यूनिट प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को और आगे बढ़ाएगी।”
एचसीएल हार्डवेयर डेवलप करने और मैन्युफैक्चर करने को लेकर वर्षों से काम कर रही है। जबकि, फॉक्सकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में एक प्रमुख वैश्विक कंपनी है। कैबिनेट ने कहा, “पांच सेमीकंडक्टर यूनिट निर्माण के एडवांस स्टेज में हैं। इस छठी यूनिट के साथ भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने की अपनी यात्रा में आगे बढ़ता है।” कैबिनेट नोट में आगे कहा गया, “सेमीकंडक्टर उद्योग अब पूरे देश में आकार ले रहा है। देश भर के कई राज्यों में विश्व स्तरीय डिजाइन सुविधाएं सामने आई हैं।”
270 शैक्षणिक संस्थानों और 70 स्टार्टअप में छात्र और उद्यमी नए उत्पादों को विकसित करने के लिए विश्व स्तरीय नवीनतम डिजाइन तकनीकों पर काम कर रहे हैं। इन शैक्षणिक छात्रों द्वारा विकसित लगभग 20 उत्पादों को एससीएल मोहाली ने अपने साथ जोड़ा है। जैसे-जैसे देश सेमीकंडक्टर की यात्रा में आगे बढ़ रहा है, इकोसिस्टम पार्टनर्स ने भी भारत में अपने प्लांट स्थापित किए हैं। एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च दो सबसे बड़े उपकरण निर्माता हैं। दोनों की अब भारत में मौजूदगी है। मर्क, लिंडे, एयर लिक्विड, आईनॉक्स और कई दूसरे गैस और रासायनिक आपूर्तिकर्ता देश में सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के लिए कमर कस रहे हैं।