“अरे यार बहुत गर्मी लग रही है, ज़रा टेम्परेचर घटा दो….भाई बहुत ठंड लग रही है, AC थोड़ा कम कर दो ना!” घर, दफ़्तर या गाड़ी आप भी शायद हर रोज़ ऐसे जुमलों से दो-चार होते हैं। मगर अब ये बहसें अतीत की बात हो सकती हैं। भारत सरकार एक ऐसा मानक तय करने जा रही है, जिसके बाद एयर कंडीशनर का तापमान एक निर्धारित दायरे में ही सेट किया जा सकेगा।
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को घोषणा की कि देश में जल्द ही एयर कंडीशनिंग के लिए तापमान मानक निर्धारित किए जाएंगे। प्रस्तावित दिशा-निर्देशों के तहत, AC का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के बीच सीमित रहेगा।उन्होंने कहा, “जल्द ही एक नया प्रावधान लागू किया जाएगा जिसके तहत एयर कंडीशनर को 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे या 28 डिग्री सेल्सियस से ऊपर सेट नहीं किया जा सकेगा। इसका उद्देश्य तापमान सेटिंग को एक समान और ऊर्जा-केंद्रित बनाना है।”
यहीं नहीं उन्होंने इस पहल को “अपनी तरह का पहला प्रयोग” बताया, जो ऊर्जा बचत, पर्यावरण संतुलन और जनहित को ध्यान में रखते हुए लाया जा रहा है। ग़ौरतलब है कि इस समय देश में अधिकतर AC यूनिट्स 16 डिग्री सेल्सियस तक ठंडक और 30 डिग्री सेल्सियस तक गर्मी प्रदान करने की सुविधा देते हैं। लेकिन सरकार के इस नए नियम के तहत न केवल घरों और ऑफिसों में बल्कि वाहनों में भी यही टेम्परेचर रेंज अनिवार्य की जाएगी। इस कदम से एक ओर जहां ऊर्जा की खपत में कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर यह कार्बन उत्सर्जन को भी नियंत्रित करने में मदद करेगा।
सरकार को क्यों उठाना पड़ा यह कदम?
इस नियम के पीछे सबसे बड़ा मकसद है बिजली की अंधाधुंध खपत पर लगाम लगाना। रिपोर्टों के मुताबिक, जब एयर कंडीशनर बहुत कम तापमान पर चलते हैं, तो ऊर्जा की खपत कई गुना बढ़ जाती है। खासकर जब लोग 16 या 18 डिग्री पर AC चलाकर रज़ाई या कंबल ओढ़कर सोते हैं तो न सिर्फ बिजली का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल होता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिहाज़ से भी बेहद नुकसानदेह है।
इतनी कम टेम्परेचर पर कूलिंग वास्तव में ज़रूरत से ज़्यादा होती है एक तरह से बेवजह की ठंडक, जिसका कोई व्यावहारिक फायदा नहीं, बल्कि नुकसान ही होता है। यही वजह है कि सरकार अब एक स्थायी समाधान की ओर बढ़ रही है। नए नियम लागू होने के बाद, एयर कंडीशनर निर्माता कंपनियों को यह मानक अपनाना होगा। यानी अब जो नए मॉडल बाज़ार में आएंगे, उनमें टेम्परेचर 20 डिग्री से नीचे और 28 डिग्री से ऊपर सेट ही नहीं किया जा सकेगा। इससे न सिर्फ बिजली का सही उपयोग सुनिश्चित होगा, बल्कि भारत की जलवायु नीति को भी ठोस ज़मीन मिलेगी।
क्या होना चाहिए AC का आदर्श तापमान?
अब सवाल यह उठता है कि आखिर कितने डिग्री पर AC चलाना सबसे सही माना जाता है? इस पर विशेषज्ञों की राय और वैज्ञानिक संस्थानों के आंकड़े भी एकमत हैं। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) के मुताबिक, एयर कंडीशनर के लिए आदर्श डिफॉल्ट तापमान 24 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। यही नहीं, थर्मल एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि चाहे गर्मी कितनी भी क्यों न हो, 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान इंसानी शरीर के लिए सबसे उपयुक्त और ऊर्जा कुशल होता है।
यदि सरकार अपने प्रस्तावित नियमों को अंतिम रूप देती है, तो आने वाले दिनों में न सिर्फ आपके घरों में, बल्कि होटलों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थलों पर भी AC 20 डिग्री से कम तापमान पर काम नहीं करेंगे। इससे जहां बिजली की बचत होगी, वहीं शरीर को ठंड लगने या तापमान से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से भी राहत मिलेगी। भारत का यह कदम कोई अकेला प्रयोग नहीं है। जापान, इटली जैसे देश पहले ही इस तरह की तापमान-नियंत्रित नीतियों को अपना चुके हैं, ताकि ऊर्जा की खपत पर नियंत्रण हो और जलवायु परिवर्तन की दिशा में ठोस प्रयास किए जा सकें। अब भारत भी उसी दिशा में आगे बढ़ता दिख रहा है।