संबंधितपोस्ट
उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद देश की सियासत का फोकस उप-राष्ट्रपति चुनाव पर आ गया है। ऐसा माना जा रहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में अपनी निर्णायक भूमिका को दर्शाते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार भी उप-राष्ट्रपति पद के लिए अपना ही उम्मीदवार नामित करेगी। गठबंधन से जुड़े वरिष्ठ सूत्रों ने पुष्टि की है कि अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन और मालदीव दौरे से लौटने के बाद लिया जाएगा। पार्टी ऐसे उम्मीदवार को चुनने की तैयारी में है जो भाजपा की विचारधारा से गहराई से जुड़ा हो और जिसे संसदीय प्रक्रिया का व्यापक अनुभव हो।
NDA में BJP की मजबूत पकड़
सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि अगला उप-राष्ट्रपति BJP से ही होगा। कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह कयास लगाए जा रहे थे कि NDA सहयोगी दलों में से किसी नेता को सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाया जा सकता है लेकिन NDA के वरिष्ठ नेताओं ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। भाजपा ने साफ किया है कि उप-राष्ट्रपति पद के लिए वह खुद नेतृत्व करेगी और ऐसा नाम तय करेगी जो राज्यसभा में सरकार के विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने में सहायक हो।
सूत्रों के मुताबिक पार्टी एक ऐसे व्यक्ति की तलाश में है जिसे न केवल संसदीय प्रक्रिया का गहन ज्ञान हो बल्कि जो विचारधारा के स्तर पर भी पार्टी से जुड़ा हो। आंध्र प्रदेश की TDP और बिहार की JDU समेत सभी सहयोगी दलों ने भाजपा के इस रुख को बिना किसी विरोध के समर्थन दे दिया है। इससे स्पष्ट है कि एनडीए एकजुट होकर भाजपा के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है।
चर्चा का विषय बना उप-राष्ट्रपति का इस्तीफा
मानसून सत्र के पहले ही दिन उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा राजनीतिक हलकों में चौंकाने वाला रहा। जब संसद एक व्यस्त सत्र की तैयारी कर रही थी, उसी दौरान उनका यह अप्रत्याशित कदम सामने आया। 21 जुलाई को वे अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंचे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
बाद में सार्वजनिक हुई चिट्ठी में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत पद छोड़ने की बात कही। भाजपा ने उनके फैसले का सम्मान किया है, लेकिन पार्टी के आंतरिक सूत्र बताते हैं कि भाजपा को इस निर्णय की पहले से जानकारी थी और उसने तुरंत विकल्प तलाशने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
यह भी पढ़ें : EXCLUSIVE: धनखड़ के इस्तीफे की इनसाइड स्टोरी; राजनाथ सिंह के घर हुईं बैठकें
चुनाव आयोग ने शुरू की उप-राष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी
उप-राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने भी तुरंत सक्रियता दिखाई है। 23 जुलाई को आयोग ने घोषणा की कि चुनाव प्रक्रिया की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों वाला चुनावी मंडल तैयार किया जा रहा है। चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसरों की नियुक्ति प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। जल्द ही चुनाव की तारीख की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
चुनाव आयोग की यह तत्परता बताती है कि संवैधानिक व्यवस्था में उप-राष्ट्रपति का पद कितना महत्वपूर्ण है, खासकर ऐसे समय में जब राज्यसभा में विधायी कार्यों को सुचारु रूप से चलाना सरकार की प्राथमिकता है।
क्यों अहम है BJP के उम्मीदवार का चयन?
आज के समय में जब BJP को NDA में निर्णायक बहुमत प्राप्त है, वह बिना किसी आंतरिक समझौते के प्रमुख संवैधानिक पदों पर अपनी पसंद के लोगों को नियुक्त कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी ऐसा उम्मीदवार लाना चाहती है जो केवल संसदीय प्रक्रियाओं में निपुण न हो बल्कि राज्यसभा की गरिमा को भी बनाए रख सके। क्योंकि उप-राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, भाजपा ऐसा व्यक्ति चाहती है जो सदन का संचालन बेहतर ढंग से कर सके और सरकार के सुधार लाने वाले विधायी एजेंडे को आगे बढ़ा सके।
भविष्य की रणनीति का हिस्सा है यह नियुक्ति
धनखड़ का इस्तीफा भले ही अचानक हुआ हो लेकिन BJP की त्वरित और आत्मविश्वास से भरी प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि पार्टी इस संवैधानिक पद को लेकर पूरी तरह तैयार थी। प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरों से लौटने के बाद ही उम्मीदवार के नाम की अंतिम घोषणा की जाएगी। BJP की योजना ऐसे व्यक्ति को इस पद पर बैठाने की है जो अनुभव, अनुशासन और विचारधारा के स्तर पर मजबूत हो। यह केवल प्रतीकात्मक नियुक्ति नहीं होगी बल्कि एक दूरगामी रणनीतिक कदम होगा, जो BJP की मजबूत और स्थिर शासन व्यवस्था की सोच को और पुख्ता करेगा। बदलते राजनीतिक परिदृश्य में यह चुनाव BJP के विज़न को मजबूती देगा और संसदीय लोकतंत्र की दिशा में एक अहम कदम होगा।