भारत की सत्ता के केंद्र में दशकों बाद सबसे बड़ा बदलाव हो रहा है, जिसे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। इस बदलाव का सबसे खास हिस्सा होगा दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय- युगे युगेन भारत। यह संग्रहालय 1,17,000 वर्ग मीटर में फैला होगा और इसमें 950 कमरे होंगे। यह नया संग्रहालय, राष्ट्रीय संग्रहालय की जगह लेगा और भारत की संस्कृति को दिखाने वाला प्रमुख केंद्र बनेगा। इसे रायसीना हिल पर बने नॉर्थ और साउथ ब्लॉक्स में बनाया जाएगा, जहां आज़ादी के बाद से भारत के बड़े मंत्रालयों के दफ्तर रहे हैं।
इस बदलाव की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में कर्तव्य भवन के उद्घाटन से हुई है। यह इमारत उन 10 नई इमारतों में से पहली है, जहां अब गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास, एमएसएमई और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस जैसे मंत्रालयों के कार्यालय काम करेंगे।
भारत की विरासत की पुनर्प्राप्ति
एक व्यापक राष्ट्रीय दृष्टिकोण: सेंट्रल विस्टा परियोजना
नॉर्थ और साउथ ब्लॉक्स का नवीनीकरण सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का सिर्फ एक हिस्सा है। इस योजना का मकसद है भारत की प्रशासनिक व्यवस्था को आधुनिक बनाना, और साथ ही पुरानी ऐतिहासिक इमारतों को संभालकर रखना भी।
इस परियोजना में शामिल हैं:
नया संसद भवन: जिसे पहले ही तैयार करके इस्तेमाल में लाया जा चुका है।
10 नए केंद्रीय सचिवालय भवन: जहां अभी अलग-अलग जगहों पर फैले मंत्रालयों को एक जगह लाया जाएगा। ये इमारतें आधुनिक और बिजली की बचत करने वाली होंगी।
कर्तव्य पथ का नया रूप: पहले इसे राजपथ कहा जाता था, अब इसे लोगों के घूमने-फिरने और चलने के लिए बेहतर सार्वजनिक जगह बना दिया गया है।
पुरानी इमारतों को सांस्कृतिक केंद्रों में बदलना: जैसे कि युगे युगेन भारत संग्रहालय।
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया, जो इस नए दौर की शुरुआत को दिखाता है। अगले दो सालों में सभी 10 सचिवालय भवन पूरे हो जाएंगे, जिससे नॉर्थ और साउथ ब्लॉक्स जैसी ऐतिहासिक इमारतों को सांस्कृतिक कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
सांस्कृतिक और प्रशासनिक एकता का प्रतीक
इस बड़े प्लान में युगे युगेन भारत संग्रहालय सिर्फ एक आम संग्रहालय नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट किस तरह शासन, संस्कृति और विरासत को एक साथ जोड़ रहा है। इस योजना का मकसद एक ऐसा केन्द्रीय इलाका बनाना है, जहां भारत की राजनीतिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक संस्थाएं एक साथ, आधुनिक लेकिन ऐतिहासिक सम्मान को बनाए रखते हुए, मौजूद हों।
जब यह पूरी परियोजना बनकर तैयार हो जाएगी, तब नया सेंट्रल विस्टा न सिर्फ देश का प्रशासनिक केंद्र बनेगा, बल्कि यह पर्यटकों के लिए एक बड़ा सांस्कृतिक स्थल भी होगा — और युगे युगेन भारत संग्रहालय इसकी मुख्य पहचान के रूप में सामने आएगा।