भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है।
सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे शीर्ष नेता शामिल हैं। इस लिस्ट में जहां पार्टी ने अपने पुराने भरोसेमंद और लोकप्रिय चेहरों को प्राथमिकता दी है, तो वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा , देवेंद्र फणनवीस जैसे नेताओं को स्टार प्रचार बनाया गया है। इसी के साथ मध्य प्रदेश पूर्व सीएम व केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्मृति ईरानी, धर्मेंद्र प्रधान, गिरिराज सिंह, भूपेंद्र यादव, और किशन रेड्डी जैसे नाम भी प्रचार में उतरेंगे।
लेकिन इस लिस्ट में एक दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन शर्मा, और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसमें जगह नहीं दी गई है। इसने राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
माना जा रहा है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को इस लिस्ट से बाहर रखे जाने की एक वजह प्रदेश के मौजूदा सियासी हालात भी हो सकते हैं। हरियाणा में एक के बाद एक दो पुलिस अधिकारियों की खुदकुशी की वजह से प्रदेश में कुछ ऐसे हालत बने कि 17 अक्टूबर को सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर होने वाली पीएम की रैली भी रद्द हो गई। आत्महत्याओं के इन मामलों के जातीय रंग लेने से मामला और गंभीर हो गया।माना जा रहा है कि पार्टी बिहार चुनावों को इससे दूर ही रखना चाहती है और शायद यही वजह है कि नायब सैनी को इस लिस्ट में जगह नहीं मिली।
इसी तरह राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नाम न होना भी जानकारों के बीच चर्चा विषय है।
मैदान में मनोज तिवारी, पवन सिंह और निरहुआ की भोजपुरी तिकड़ी
भोजपुरी स्टार और सांसद मनोज तिवारी, गायक–अभिनेता पवन सिंह, और सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ‘ को पार्टी ने स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया है। तीनों न सिर्फ भोजपुरी के स्थापित कलाकार हैं, बल्कि इनका बिहार में अच्छा प्रभाव भी है।पार्टी को उम्मीद है कि तीनों का स्टारडम और जनता के बीच उनकी पकड़ से पार्टी को फायदा होगा।
स्टार प्रचारकों की लिस्ट बताती है कि प्रचार अभियान का फोकस “डबल इंजन सरकार” और “केंद्र के विकास मॉडल” पर रहेगा।
पार्टी की रणनीति यह दिखाने की होगी कि केंद्र की योजनाएं बिहार में किस तरह लागू हो रही हैं, और नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन को स्थिरता और भरोसे का चेहरा कैसे मिल रहा है।
सूची में अश्विनी कुमार चौबे, रवि शंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी, नंद किशोर यादव, विजय कुमार सिन्हा, और केशव प्रसाद मौर्य जैसे नाम हैं, जो संगठन के साथ जातीय समीकरण दोनों को साधने की भूमिका निभाएंगे। यानी जहां राष्ट्रीय नेता एजेंडा तय करेंगे, वहीं भोजपुरी तिकड़ी और राज्यस्तरीय चेहरे उस एजेंडे को ज़मीनी स्तर पर पहुँचाने का काम करेंगे।