Dr. Mahender

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डॉ. महेंद्र ठाकुर: केमिस्ट्री से डॉक्टरेट, लेकिन सामाजिक कीमियागिरी के समीकरणों में उलझने-सुलझाने में ज्यादा रुचि।
सामाजिक- पर्यावरण कार्यकर्ता, स्थापित पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन और पुस्तकों की समीक्षाओं के साथ ही कई बेस्टसेलर और सुप्रसिद्ध पुस्तकों के हिंदी अनुवाद भी इनकी कलम से हुए हैं. X पर @Mahender_Chem नाम से उपस्थिति

‘संघ की कार्यशैली का प्रतिबिंब’: पुस्तक ‘तन समर्पित मन समर्पित’

सोशल मीडिया और कृत्रिम बुद्धि (AI) के इस युग में जीवन के हर क्षेत्र में बड़ी भागदौड़ चलती रहती है। शहरों में तो ये गति और भी तेज है, ऐसा प्रतीत होता है कि लोगों के पास...

‘विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस’ 2025: भारत में कई ‘मिनी पकिस्तान’ पैदा हो चुके हैं”?

वर्ष 2021 में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अगस्त को 'विभाजन की विभीषका स्मृति दिवस' (Partition Horrors Remembrance Day) के रूप में मनाने का आह्वान किया था। 14 अगस्त 1947 को इस्लाम के कारण भारत...

15 अगस्त को धर्म के कारण मारे गए हिंदुओं का ‘श्राद्ध संकल्प’ लेना क्यों आवश्यक है?

“महावतार नरसिंह” फिल्म धूम मचाती जा रही है । भक्त प्रहलाद की अटल भक्ति के पीछे आखिर क्या था? विचार करेंगे तो ध्यान आएगा कि देवर्षि नारद द्वारा दिए गए गुरु मंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ की...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

आज घटित हुई एक छोटी सी घटना इस लेख का कारण बनी। कई दिनों की लंबी यात्रा के बाद पिछले कल गाज़ियाबाद पहुंचा था। परिवार सर्दी जुखाम से पीड़ित चल रहा है, बेटियों पर प्रभाव थोडा अधिक...

सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

आज 3 अगस्त है, इसलिए यह लेख एक ऐसे महान व्यक्तित्व के जन्म दिवस पर लिखा जा रहा हैं, जिनके लिए लोगों द्वारा व्यक्त की गई उपमायें कुछ ऐसी हैं: सेवाव्रती, कर्मठ स्वयंसेवक के साथ तत्वनिष्ठ कार्यकर्ता,...

अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

मनुष्य अपने जीवन में आखिर चाहता क्या है? सब एक ही उत्तर देते हैं, ‘सुख और शांति’ ! केवल सुख और शांति की ही कामना सब करते हैं पर क्या वास्तव में ये दोनों अर्थात् ‘सुख और...

‘संवाद से सौहार्द’ की ओर ‘विश्व संवाद केंद्र’ की भूमिका

‘संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्’, ऋग्वेद की ऋचा की यह पंक्ति अधिकांश लोगों ने सुनी या पढ़ी होगी । यह ऋचा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी सहस्त्राब्दियों पूर्व थी। इसका अर्थ है ‘हम सब...

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया का देहावसान हुआ था। इस कारण से...

देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

इस बार दिल्ली प्रवास के दौरान एक मित्र ने पूछा कि देश हित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का पैमाना क्या है? अपनी समझ अनुसार उत्तर देने का प्रयास किया । मित्र ने और...

25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

25 जून एक ऐसी तिथि है जिसे देश शायद ही कभी भूल पाये। 25 जून 1975 की मध्य रात्रि इंदिरा गाँधी ने देश को आपातकाल की आग में झोंका था । इस वर्ष के 25 जून को...

संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

  पुस्तक का नाम: तानसेन का ताना-बाना लेखक: राकेश शुक्ला प्रकाशक: सुरुचि प्रकाशन दिल्ली पृष्ठ: 115 एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण प्रश्न है कि इतिहास लेखन और अध्ययन का क्या लाभ है? थोड़ा सा विचार करेंगे तो बड़ा सरल...

‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

मैं जब छठी कक्षा में पढ़ता था तब एक श्लोक पढ़ा था: अभिवादन शीलस्य, नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते, आयुर्विद्या यशो बलम्।। भावार्थ: जो सदैव अपने से बड़ों का अभिवादन करता है और उनकी सेवा करता है,...

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