हिन्दी में एक मशहूर कहावत है: “जैसे को तैसा”, मतलब जो व्यक्ति जिस तरीके के व्यवहार का अधिकारी हो, उसके साथ वैसा ही बर्ताव करना चाहिए। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को यह भली-भांति आता है। कोरोना के समय देश के एक समुदाय ने बार-बार अपने गैर-जिम्मेदाराना रवैये का परिचय दिया है। कभी डॉक्टरों पर पत्थरों से हमला किया जाता है, तो कभी उन पर थूका जाता है। इतना ही नहीं, गाजियाबाद में तो इन्हीं लोगों ने नर्सों के साथ छेड़खानी तक कर डाली थी। ऐसा ही हमें कल देखने को मिला जहां मुरादाबाद में एक इलाके में चेक-अप करने के लिए गए स्वास्थ्य कर्मियों पर पत्थरों की वर्षा कर दी गयी। इस घटना पर संज्ञान लेते हुए सीएम योगी ने भी साफ कर दिया है कि नुकसान की भरपाई भी इन्हीं लोगों से होगी और इन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जाएगी।
मुरादाबाद में पुलिस और हेल्थ वर्कर्स पे हमला हुआ।
कोरोना से एक शख्स की मौत के बाद वे वहां उनसे जुड़े लोगों को पहचान कर क्वारंटाइन करने गए थे।
यह शर्मनाक है।समझना चाहिए कि पुलिस आपकी जान बचाने का काम कर रही है। pic.twitter.com/T7g6z5rMjy— Kamal khan (@kamalkhan_NDTV) April 15, 2020
दरअसल, कल यानि 15 अप्रैल को मुरादाबाद के नवाबपुरा में मुस्लिम धर्म के कुछ लोगों ने संभवत: कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति को लेने गई मेडिकल एंबुलेंस पर पर जमकर पथराव किया। इस दौरान मानवता के दुश्मनों ने डॉक्टरों को बुरी तरह से पीटा और उन्हें बंधक बना लिया। इस हमले में दो एंबुलेंस पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं 2 स्वास्थ्य कर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। बता दें कि कुछ लोगों ने पुलिस पर भी हमला किया और पुलिस की गाड़ी भी तोड़ दी। इस हमले में कई पुलिसकर्मी भी जख्मी हैं। पुलिस ने अब नागफनी क्षेत्र को सील कर दिया है।
Attack on doctor and policemen in Moradabad. Guess which community attacked them? pic.twitter.com/tSh2LS1BpQ
— Shivangni Sharma (@Ar_Shivangni) April 15, 2020
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सीएम योगी इस घटना को लेकर काफी निराश हुए हैं और उनकी इस घटना पर प्रतिक्रिया भी सामने आई है। सीएम योगी के अनुसार “स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स व कर्मी, सभी सफाई अभियान से जुड़े अधिकारी,कर्मचारी, सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारी व पुलिस विभाग के कर्मी इस आपदा की घड़ी में दिन रात सेवा कार्य में जुटे हैं। मुरादाबाद में पुलिस, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है, जिसकी घोर निंदा की जाती है।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने मुरादाबाद में हुई घटना का संज्ञान लेते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स व कर्मी सभी सफाई अभियान से जुड़े अधिकारी / कर्मचारी , सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारी व पुलिस के कर्मी इस आपदा की घड़ी में दिन रात सेवा कार्य में जुटे हैं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) April 15, 2020
योगी के अनुसार “ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी। दोषियों द्वारा की गई राजकीय संपत्ति के नुकसान की भरपाई उनसे सख्ती से की जाएगी। सीएम योगी ने कहा-
जिला पुलिस प्रशासन ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिन्हित करें और प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा के साथ ही उपद्रवी तत्वों पर पूरी सख्ती भी करें”।
दोषियों द्वारा की गई राजकीय संपत्ति के नुकसान की भरपाई उनसे सख्ती से की जाएगी।
जिला पुलिस प्रशासन ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिन्हित करे और प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा के साथ ही उपद्रवी तत्वों पर पूरी सख्ती भी करें।— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) April 15, 2020
यानि योगी सरकार अब इन उपद्रवियों पर NSA एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। इससे पहले जब तबलीगी जमात के लोगों द्वारा गाजियाबाद के अस्पताल में नर्सों के साथ छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया था, तब भी योगी सरकार ने उन लोगों पर NSA के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। ऐसे हमले हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल कम करते हैं। इसका अंदाज़ा आप इस घटना के बाद कुछ डॉक्टरों के बयानों को सुनकर लगा सकते हैं, जहां वे कह रहे हैं कि “ऐसी नौकरी हमें नहीं करनी”.
This statement from medical staff — willing to take risks every second of their life — as they share their anxieties following attack in Moradabad should worry us.
"Aise naukri humai nahi karni hai"
Speaks volumes about their stress pic.twitter.com/guTfK41QFh
— Rohan Dua (@rohanduaT02) April 15, 2020
इस अवस्था में स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों की मनोस्थिति को समझा जा सकता है। हालांकि, हमें पूरी उम्मीद है कि इस देश के सवा करोड़ सच्चे देशवासियों का प्यार और योगी सरकार के इन त्वरित एक्शन को देखकर इन डॉक्टरों की मनोस्थिति को थोड़ी शांति ज़रूर मिली होगी। देशभर की सरकारों को स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ऐसा बर्ताव करने वाले लोगों के साथ भी “जैसे को तैसा” की नीति के तहत ही निपटना होगा, इसी में देश की भलाई है।