बड़े बुजुर्ग सही कह गए थे, ‘तेते पाँव पसारिए, जेति लांबी सौर’, अर्थात जितनी आपकी औकात है, उतना ही दम दिखाइए। पाकिस्तान को उसकी हेकड़ी अब भारी पड़ने लगी है। विशेषकर कपास के क्षेत्र में, जहां पाकिस्तान को इसकी भारी किल्लत होने लगी है और अब भारत से आस लगाई जा रही है कि वह पाकिस्तान के इस संकट का निवारण करे।
पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में कपड़ा मंत्रालय ने पाकिस्तान के कपड़ा उद्योग में कच्चे माल की कमी को पूरा करने हेतु भारत से कपास के आयात पर प्रतिबंध हटाने की सिफारिश की है। भारत का कपास अन्य देशों के मुकाबले सस्ता होने और जल्दी पहुंचने के कारण पाकिस्तान भारत से मदद मांग रहा है।
लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, “कपड़ा उद्योग मंत्रालय ने भारत से कपास और सूती धागे के आयात पर प्रतिबंध हटाने के लिए कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) से अनुमति मांगी है। एक अधिकारी के मुताबिक हमने प्रतिबंध हटाने के लिए ईसीसी से एक सप्ताह पहले लिखित में अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि समन्वय समिति के निर्णय को औपचारिक अनुमोदन के लिए संघीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। पाकिस्तान में कपास की कम पैदावार की वजह से भारत से कपास आयात का रास्ता खुला” –
ये कैसे हो सकता है? जब भारत का बंटवारा हुआ था, तब अधिकतर क्षेत्र, जहां से खेती और उद्योगों के जरिए ताबड़तोड़ कमाई हो सकती थी, उन सभी को पाकिस्तान स्थानांतरित कर दिया गया। इसके कारण काफी समय तक पाकिस्तान कपास की खेती में अग्रणी भी था और 60 के दशक तक भारत को कपास भी एक्सपोर्ट करता था।
पाकिस्तान के प्रशासनिक गड़बड़ियों के कारण भारत ने जल्द ही बंटवारे के घावों को भरते हुए वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा कपास उत्पादक बन गया, जिसके कारण पाकिस्तान की स्थिति बद से बदतर हो गई।2019 में जब भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया, तो पाकिस्तान ने काफी हद तक भारत से व्यापारिक संबंध तोड़ लिए थे।
बाकी बची कसर भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का स्पेशल स्टेटस हटाने से पूरी हुई, जिसके बाद पाकिस्तान ने भारत से सभी कारोबारी संबंध तोड़ दिये थे। इसके कारण कपास और यार्न की कमी के कारण पाकिस्तान में कारोबारियों को संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और उजबेकिस्तान से कपास का आयात करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
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पाकिस्तान के कारोबारियों को भारत से कपास का आयात बहुत सस्ता पड़ता है। साथ ही यह तीन से चार दिनों के भीतर पाकिस्तान पहुंच जाता है। बाकी देशों से कपास धागे का आयात करना न केवल महंगा है, बल्कि पाकिस्तान तक पहुंचने में एक से दो महीने का समय भी लगता है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि पाकिस्तान की दिन प्रतिदिन बिगड़ती अर्थव्यवस्था अब इमरान खान को शांति की ढपली बजाने पर विवश कर रही है।