भारत से तो पाकिस्तान की दुश्मनी है, लेकिन पाकिस्तान के आतंकी तो अब चीन पर हमले करने में लगे हैं। चीन, जोकि पाकिस्तान का पेट भरता है। पाकिस्तान को दो जून की रोटी जुटाने में मदद करता है- उसी चीन के ऊपर पाकिस्तान के आतंकी हमले करने में लगे हैं।
पाकिस्तान के पूर्वी बहावलनगर जिले में शिया मुसलमानों के जुलूस के पास गुरुवार को हुए बम विस्फोट में 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 30 घायल हो गए हैं। शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस हमले को बलूच स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा प्रायोजित बताया जा रहा है। वहीं, हर बार की तरह इस बार भी चीन हमले में मारे गए अपने देश को लोगों की संख्या छिपाने में लगा है। इससे पहले भी पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की मौत हुई है, उस वक्त भी चीन ने कुछ खास रोष व्यक्त नहीं किया, इस बार तो अपने नागरिकों की मौत को ही ‘ड्रैगन’ छिपा रहा है।
दरअसल, चीन ग्वादर बंदरगाह में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है। इसके साथ ही चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पर भी तेजी से काम हो रहा है। चीन की इन परियोजनाओं का स्थानीय बलूच विरोध कर रहे हैं। इसलिए बलूच स्वतंत्रा दिवस वक्त-वक्त पर हमले करके अपने इरादे चीन और पाकिस्तान के समक्ष जताते रहते हैं।
इस हमले के बाद, चीन के इस्लामाबाद स्थित दूतावास ने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है। इससे पहले हुए हमले के बाद अपने ‘मालिक’ को ख़ुश करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीनी नागरिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था, हालांकि ऐसा हुआ नहीं।
पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों को निशाना बनाकर यह दूसरा बड़ा हमला किया गया है। इससे पहले कोहिस्तान जिले के दासु इलाके में एक बस पर हमला किया गया था। यह विस्फोट जिले के जेल रोड इलाके के पास हुआ जबकि घायलों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
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बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने की चाहत रखने वाले सशस्त्र समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर हमले की जिम्मेदारी ली है।
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समूह ने कहा, “बीएलए ने बलूचिस्तान के ग्वादर में चीनी इंजीनियरों के एक काफिले के खिलाफ एक आत्म-बलिदान अभियान चलाया।” यह हमला बीएलए मजीद ब्रिगेड के सदस्य सर बुलंद बलूच उर्फ उमर जान ने किया था।
इस बीच, स्थानीय पुलिस ने दावा किया कि शाम करीब सात बजे हुए आत्मघाती विस्फोट में दो बच्चों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हमले में एक चीनी नागरिक घायल हो गया और उसे पास के अस्पताल में ले जाया गया है।
अपनी साख बचाने और जग हसाई होने से रोकने के उद्देश्य से चीन और पाकिस्तान ने अपने नागरिकों की मौत को भी छिपा लिया। यह त्रासदी तो है ही लेकिन साथ ही साथ हास्यास्पद भी है।
हास्यास्पद इसलिए क्योंकि चीन और पाकिस्तान दोनों को यही लगता है कि इनके देशों की तरह ही दुनिया का मीडिया भी चुप रह जाएगा, बल्कि ऐसा नहीं हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स में सच सामने आ गया और चीन को बलूच जो संदेश देना चाहते थे वो संदेश भी उन तक पहुंच गया।