एक बड़ा प्रचलित मुहावरा है जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है वो खुद ही उस गड्ढे में जा कर गिरता है। आज पाकिस्तान की भी दशा कुछ ऐसी ही है। यहाँ अफगानिस्तान में तालिबान राज स्थापित कराने का फल अब पाकिस्तान को यथावत मिलता दिख रहा है। जैसे ही तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के प्रमुख मुफ्ती नूर वली मसीद ने रविवार को पाकिस्तानी बलों पर हमले का आह्वान किया है। यह ताजा घटनाक्रम तालिबान द्वारा तहरीक-ए-तालिबान आतंकवादियों को मुक्त कराने के बाद आया है। तहरीक-ए-तालिबान की यह चेतावनी पाकिस्तान के ग्वादर में हुए आतंकी हमले के दो दिन बाद आई है। इससे पाकिस्तान को नया अफ़ग़ानिस्तान बनने से अब कोई इमरान या मसूदी का शासन तो रोकने से रहा।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से जहां एक तरफ पूरी दुनिया चिंतित है तो वहीं पाकिस्तान और चीन ही ऐसे देश हैं, जो तालिबान के गुणगान गा रहे हैं। तालिबान को खड़ा करने के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, यह किसी से छिपा नहीं लेकिन फिर भी वह इस बात से इनकार करता आया है। हालांकि, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के पीछे पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI ने अहम भूमिका निभाई है ये सर्वविदित सत्य है।
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यही तालिबानी पासा अब पाकिस्तान के गले की फांस बनने जा रहा है। दूसरे के घर को जलाने में अब पाकिस्तान के खुद के घर में कोहराम और आगजनी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। जहां एक ओर अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान द्वारा 2300 कैदियों को रिहा किया गया है जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से संबंध रखते थे। वहीं अब अफ़ग़ानिस्तान में स्थापित हो रहे शरिया कानून को देखकर पाकिस्तानी तालिबान में भी शरिया कानून से देश चलाने की मांग और तेज हो गई है। तालिबान के अधिग्रहण के बाद डर के बीच हजारों अफगान नागरिकों के पलायन को नजरअंदाज करते हुए, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा था कि अफगान आखिरकार गुलामी से मुक्त हो गया है। अब वही गुलामी इनका पीछा करते करते इन्हीं की चौखट पर आकर खड़ी हो गई है।
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पाकिस्तानी अधिकारियों के खिलाफ युद्ध का आह्वान
हाल ही में अफगानिस्तान की जेल से रिहा हुए पाकिस्तान की तहरीक-ए-तालिबान के नेता मौलवी फकीर मोहम्मद ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की जीत पर खुशी जताई है। जेल से रिहा होने के बाद फकीर मोहम्मद ने अपने समर्थकों को संबोधित किया और कहा कि अब समय आ चुका है, जब पाकिस्तान में ‘काफिर व्यवस्था’ को बदलने के लिए अपनी सारी शक्ति का इस्तेमाल किया जाए। इससे पहले पाकिस्तान तालिबान के एक अन्य नेता ने अमेरिकी न्यूज चैनल CNN को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तानी अधिकारियों के खिलाफ युद्ध की चेतावनी दी थी।
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जैसी करनी वैसी भरनी
ऐसा माना जा रहा है कि, अब पाकिस्तान को शरिया से चलाने की मांग और तहरीक-ए-तालिबान के विद्रोह से पाकिस्तान झुलस जाएगा। मौलवी फकीर मोहम्मद जैसे कई इस्लामिक कट्टरपंथी अब अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा और खासकर पाकिस्तान के लिए घातक सिद्ध होने वाला है। दिलचस्प बात यह है कि, अब ये पाक के पंछी शांति और मानव हितों का महिमामंडन करते हुए यूएन जैसी किसी भी संस्था के पास नहीं जा सकते हैं क्योंकि इन सभी विषैले तत्वों का जन्मदाता पाकिस्तान ही है।