TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    कर्नाटक कैबिनेट ने नई बहुमंजिला इमारतों पर अग्निशमन उपकर लगाने को मंजूरी दी

    कर्नाटक के अग्नि उपकर पर तीखी प्रतिक्रिया: नागरिकों ने बहुमंजिला इमारतों पर 1% शुल्क लगाने पर सवाल उठाए

    4,078 दिन का सफर: नरेंद्र मोदी ने रचा इतिहास, इंदिरा गांधी को पछाड़ा

    4,078 दिन का सफर: नरेंद्र मोदी ने रचा इतिहास, इंदिरा गांधी को पछाड़ा

    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    सितंबर तक IAF से रिटरायर हो जाएंगे मिग-21 लड़ाकू विमान, जानें कौन लेगा इनकी जगह

    सितंबर तक IAF से रिटायर हो जाएंगे मिग-21 फाइटर जेट, जानें कौन लेगा इनकी जगह?

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को क्यों लगेगा बड़ा डेंट, मैक्रों की मजबूरी जानें

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को बड़ा झटका, जानें क्या है मैक्रों की मजबूरी

    वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहा है

    पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिर फिसड्डी, उत्तर कोरिया और सूडान जैसे देशों से भी नीचे रही रैंकिंग

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    कैंपस हॉस्टल से कामिकेज ड्रोन: भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार ड्रोन इस तरह पहुंचा रहे बिट्स के दो छात्र

    20 वर्षीय छात्रों ने हॉस्टल में बनाया 300 km/h की रफ्तार वाला कामिकेज़ ड्रोन, अब सेना करेगी इस्तेमाल

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    कर्नाटक कैबिनेट ने नई बहुमंजिला इमारतों पर अग्निशमन उपकर लगाने को मंजूरी दी

    कर्नाटक के अग्नि उपकर पर तीखी प्रतिक्रिया: नागरिकों ने बहुमंजिला इमारतों पर 1% शुल्क लगाने पर सवाल उठाए

    4,078 दिन का सफर: नरेंद्र मोदी ने रचा इतिहास, इंदिरा गांधी को पछाड़ा

    4,078 दिन का सफर: नरेंद्र मोदी ने रचा इतिहास, इंदिरा गांधी को पछाड़ा

    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    सितंबर तक IAF से रिटरायर हो जाएंगे मिग-21 लड़ाकू विमान, जानें कौन लेगा इनकी जगह

    सितंबर तक IAF से रिटायर हो जाएंगे मिग-21 फाइटर जेट, जानें कौन लेगा इनकी जगह?

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को क्यों लगेगा बड़ा डेंट, मैक्रों की मजबूरी जानें

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को बड़ा झटका, जानें क्या है मैक्रों की मजबूरी

    वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहा है

    पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिर फिसड्डी, उत्तर कोरिया और सूडान जैसे देशों से भी नीचे रही रैंकिंग

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    कैंपस हॉस्टल से कामिकेज ड्रोन: भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार ड्रोन इस तरह पहुंचा रहे बिट्स के दो छात्र

    20 वर्षीय छात्रों ने हॉस्टल में बनाया 300 km/h की रफ्तार वाला कामिकेज़ ड्रोन, अब सेना करेगी इस्तेमाल

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कैसे ऑटोमन साम्राज्य के विध्वंस ने खिलाफत आंदोलन की नींव रखी जिसके कारण मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार हुआ

भाग-4

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
16 September 2021
in इतिहास
ऑटोमन साम्राज्य
Share on FacebookShare on X

प्रथम विश्व युद्ध की रणभेरी चारों ओर गूंज उठी। यूरोप में एक राजकुमार की हत्या देखते ही देखते एक वैश्विक संग्राम में परिवर्तित हो गया, जहां सभी को सत्ता की लालसा को तृप्त करना था। इस युद्ध से न मानवता को लाभ हुआ, और न ही विजयी हुए देशों को, परंतु हानि सभी की हुई। सर्वाधिक हानि उस देश की हुई, जिसने पराजित पक्ष जर्मनी को बढ़ावा दिया, ताकि इस्लामिक साम्राज्य के डूबते सूर्य यानि ऑटोमन साम्राज्य को बचाया जा सके। परंतु ऐसा नहीं हो सका, और तुर्की की पराजय ने 3 वर्षों बाद इतिहास के एक अनकहे नरसंहार की नींव रखी, मोपलाह नरसंहार की।

आज के इस अंक में आपको अवगत कराऊँगा मोपला के नरसंहार के उन अपरिचित, अनसुने तथ्यों, जो वामपंथी इतिहासकार कभी नहीं चाहते कि देश इनके बारे में अवगत हो। पिछले अंक में हमने आपको इस विषय से परिचित कराया था कि कैसे मोपला नरसंहार से पूर्व छोटे स्तर की 50 से अधिक हिंसक गतिविधियां होती रहती थी, जिससे मोपला जैसी त्रासदी की पृष्ठभूमि रची जा सकी। इस संस्करण में आप इस तथ्य से परिचित होंगे कि कैसे प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय के साथ ही तुर्की की इस्लामिक खिलाफत का भी अंत हुआ, और कैसे ऑटोमन साम्राज्य के विध्वंस मोपला नरसंहार के प्रमुख कारकों में से एक सिद्ध हुआ।

संबंधितपोस्ट

जब महात्मा गांधी को ‘नस्लभेदी’ बताकर घाना में हटाई गई थी उनकी प्रतिमा

INA की जासूस सरस्वती राजमणि: अंग्रेज़ों को छकाने वाली योद्धा जिन्हें भारत में पेंशन के लिए भटकना पड़ा

दांडी मार्च और वायसराय लॉर्ड इरविन को लिखा गया गांधी का वो ऐतिहासिक पत्र

और लोड करें

ऑटोमन सल्तनत का अस्त होता सूर्य 

जैसा कि हम अवगत हुए हैं, 19वीं सदी का अंत होते-होते मालाबार क्षेत्र राजनीतिक अस्थिरता के विकट परिस्थिति का सामना कर रहा था। परंतु 20 वीं शताब्दी के प्रारंभ में यही स्थिति सम्पूर्ण संसार की थी। एक ओर यूरोप में औद्योगिक क्रांति के कारण वैभव और विलासिता अपने चरमोत्कर्ष पर थी, तो वहीं यूरोप से कुछ ही दूरी पर स्थित मध्य एशिया में इस्लामिक सल्तनत का सूर्य अस्त हो रहा था। ये वो समय था, जब सऊदी अरब इस्लामिक जगत का निर्विरोध सम्राट नहीं था, और संयुक्त अरब अमीरात का लगभग कोई अस्तित्व ही नहीं था।

तब तुर्की का ऑटोमन साम्राज्य इस्लामिक जगत का सर्वमान्य नेता था, और उसका बादशाह इस्लामिक जगत का खलीफा यानि नेता था। परंतु ऑटोमन साम्राज्य पहले जितना सर्वशक्तिशाली नहीं था। वह अपनी प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त करना चाहता था, और इसके लिए प्रथम विश्व युद्ध उनके लिए किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं था।

जर्मनी और तुर्की – दो असंभावित सहयोगी

यही वो समय था, जब यूरोप में जर्मनी का प्रादुर्भाव शीघ्रता से हो रहा था। औद्योगिक क्रांति का यदि किसी ने सर्वाधिक लाभ उठाया था, तो वो था जर्मनी। औद्योगिक, आर्थिक और वित्तीय रूप से वह शीघ्र ही सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सम्मिलित होने लगा, और जल्द ही वह यूके और अमेरिका जैसे समृद्ध देशों को आँखें दिखाने लगा। आज जो स्थिति चीन की है, एक समय यूरोप में यही स्थिति जर्मनी की भी थी।

अब जर्मनी के लिए रणनीतिक रूप से तुर्की काफी महत्वपूर्ण थी, और तुर्की के लिए जर्मनी का समर्थन। जर्मनी के समर्थन से तुर्की के ऑटोमन साम्राज्य को बल मिलता, और तुर्की एवं जर्मनी संयुक्त रूप से अपने शत्रु रूस को पराजित कर देते। परंतु, विश्व युद्ध के परिणाम ने पूरा पासा ही पलट दिया। जर्मनी भी पराजित हुआ, और तुर्की भी।

सेवरेस की संधि

परंतु कथा तो यहाँ से आरंभ होती है। 1920 में फ्रांस के सेवरेस शहर में हस्ताक्षरित एक समझौते के अनुसार पराजित तुर्की को अपने अधीन अधिकतर क्षेत्रफल उनके मूल स्वामी, यानि उनके वास्तविक निवासियों को सौंपनी पड़ी। इसी से ऑटोमन साम्राज्य का वास्तविक पतन प्रारंभ हुआ था। परंतु इसका भारत से क्या नाता था, और मालाबर के मोपला नरसंहार में तुर्की के खिलाफत साम्राज्य की क्या भूमिका थी?

खलीफा के अपमान से क्रोधित भारतीय मुसलमान

उस समय भी विश्व के कई मुसलमानों के लिए तुर्की के खलीफा सर्वमान्य नेता माने जाते थे, और उनका प्रभुत्व का लोहा विश्व के अनेक मुस्लिम मानते थे। ऐसे में खलीफा का अपमान अर्थात उनका अपमान, और यही भावना भारत के कई मुसलमानों में भी उमड़ रही थी। सेवरेस का समझौता केवल तुर्की के लिए अपमान का विषय नहीं था, अपितु भारतीय मुस्लिमों के लिए भी अपमान का विषय था।

इस समय तक भारतीय मुसलमानों का भारत के स्वाधीनता आंदोलन से कोई लेना देना नहीं था। 1857 की क्रांति में मुट्ठी भर मुसलमानों ने अवश्य भाग ली थी, परंतु उनमें भी अधिकतर मराठा साम्राज्य के प्रति निष्ठावान थे। किसी भी भारतीय मुस्लिम ने शुद्ध मन से भारत को स्वतंत्र कराने के लिए 1857 की क्रांति में भाग नहीं लिया था, और 1857 की क्रांति के पश्चात ब्रिटिश साम्राज्य के लिए उनकी निष्ठा बढ़ती ही गई। पहले सर सैयद अहमद खान के रूप में उन्होंने सिद्ध किया कि मुस्लिम समुदाय अँग्रेज़ों के प्रति सदैव निष्ठावान रहेगी, और तद्पश्चात अँग्रेज़ों की नीतियों के अनुसार 1906 में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की रचना हुई, जिसने आगे चलकर भारत के विभाजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई।

परंतु प्रथम विश्व युद्ध में तुर्की की पराजय और ब्रिटेन जैसे देशों के हाथों तुर्की के खलीफा के अपमान ने उन्हें पुनर्विचार पर विवश किया। यहीं से खिलाफत आंदोलन की नींव पड़ी, जिसका नेतृत्व अली बंधुओं ने किया – मोहम्मद अली और शौकत अली, और साथ दिया मौलाना मोहम्मद अली जौहर और मौलाना मुहीयुद्दीन अहमद अथवा मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने। उद्देश्य स्पष्ट था – तुर्की के अपदस्थ खलीफा के साथ हुए ‘अन्याय’ के विरोध में भारत की ओर से एक अभियान आरंभ करना, और इसी खिलाफत आंदोलन में कांग्रेस पार्टी ने अपने हेतु एक अवसर भी खोजा।

कांग्रेस और उसकी धर्मनिरपेक्षता

जिस समय खिलाफत आंदोलन प्रारंभ हुआ, संयोगवश उसी समय भारत में अँग्रेज़ों के विरुद्ध असहयोग आंदोलन भी प्रारंभ हुआ। 1920 में कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन में प्रख्यात नेता मोहनदास करमचंद गांधी ने ‘सम्पूर्ण असहयोग’ का नारा दिया, जिसके अंतर्गत ब्रिटिश सरकार को देशवासी किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं देंगे, और अँग्रेज़ों से जुड़े हर प्रकार के वस्तुओं का सम्पूर्ण बहिष्कार भी करेंगे। इसी के अंतर्गत वे अँग्रेज़ों को ये भी सिद्ध करना चाहते थे कि उनके विरुद्ध हर समुदाय के व्यक्ति एक हो सकते हैं, और इसी उद्देश्य से मोहनदास गांधी, जो आज महात्मा गांधी के नाम से भी चर्चित हैं, ने खिलाफत आंदोलन के भागीदारों को स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ने का आह्वान किया।

इस आह्वान के पीछे गांधीजी के दो उद्देश्य थे– वे अँग्रेज़ों के समक्ष एक सशक्त भारत की छवि पेश करना चाहते थे, और वे अपने आप को एक ऐसे नेता के रूप में प्रस्तुत करना चाहते थे, जो सभी को साथ लेकर चल सके। परंतु, वे एक महत्वपूर्ण बात ही भूल गए – खिलाफत आंदोलन का मूल उद्देश्य।

खिलाफत का प्रचार करते गांधी

खिलाफत आंदोलन का मूल उद्देश्य था – ब्रिटिश साम्राज्य एवं यूरोप पर ऑटोमन साम्राज्य को पुनर्स्थापित करने के लिए दबाव बनाना और तुर्की के खलीफा को उनका स्थान पुनः दिलाना। क्या इसका भारत या भारत की संस्कृति से कोई नाता था? क्या इससे भारत को कोई लाभ मिलता? ऐसा कुछ भी न होने के बाद भी मोहनदास गांधी ने अपनी अदूरदर्शिता का परिचय देते हुए खिलाफत आंदोलन को भरपूर समर्थन दिया, और खिलाफत की मांगों को कांग्रेस के मंच से बढ़ावा भी दिया। पंथनिरपेक्षता के नाम पर वे भारत के सांस्कृतिक विनाश की ही नींव रख रहे थे।

जिस प्रकार से निरंतर तुष्टीकरण ने डायरेक्ट एक्शन डे जैसे वीभत्स त्रासदी का सृजन किया, ठीक उसी प्रकार से मोहनदास गांधी की अदूरदर्शिता और कॉंग्रेस की तुष्टीकरण की नीति ने मोपला के नरसंहार की पृष्ठभूमि रची। यदि खिलाफत आन्दोलन को कांग्रेस ने अपने मंच पर इतना स्पष्ट बढ़ावा न दिया होता, तो ये भी संभव था कि मोपला के मुस्लिम सांप्रदायिक हिंसा अवश्य करते, परंतु वह इतना वीभत्स न होता, और न ही इतना विशाल होता, जितना 1921 के मोपला नरसंहार थे।

खिलाफत आंदोलन पर कांग्रेस की अदूरदर्शिता ने निस्संदेह मोपला की नींव रखी, परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि इससे उन्होंने कोई सीख नहीं ली। अगले अंक में हम इस दंगे के नृशंस वृतांत को और स्पष्ट रूप में समझेंगे। हम यह समझेंगे की महिलाओं को बेरहमी से पीटना,जीवित व्यक्तियों की खाल उतारना,पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का सामूहिक नरसंहार,पूरे परिवारों को जिंदा जलाना,जबरन हजारों हिंदुओं का धर्मांतरण और जिन्होंने इस्लाम अपनाने से इनकार किया, उनकी हत्या करना,अधमरे लोगों को कुओं में फेंकना और पीड़ितों को मरने और कष्टों से मुक्त होने के लिए संघर्ष करने हेतु छोड़ देना का कार्य कैसे किया गया? हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए अशांत क्षेत्रों में स्थित कई मंदिरों को कैसे अपवित्र और निर्ममता पूर्वक नष्ट कर दिया गया? तब तक के लिए साधुवाद।

 

भाग 1 – मोपला नरसंहार: कैसे टीपू सुल्तान और उसके पिता हैदर अली ने मोपला नरसंहार के बीज बोए थे

भाग 2- मोपला नरसंहार: टीपू सुल्तान के बाद मोपला मुसलमानों और हिंदुओं के बीच विभाजन का कारण 

भाग 3- मोपला नरसंहार: 1921 कोई अकेली घटना नहीं थी, 1836 से 1921 के बीच 50 से अधिक दंगे हुए थे

Tags: खिलाफत आंदोलनमहात्मा गाँधीमोपला नरसंहार
शेयर64ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ये Hindu IT Cell आखिर है क्या जिसने राणा अय्यूब की मुश्किलें बढ़ा दी हैं?

अगली पोस्ट

बिजनौर के कथित रेप और हत्या के मामले में आरोपी निकला शहजाद, वामपंथियों ने साधी चुप्पी

संबंधित पोस्ट

अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश
इतिहास

आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

23 July 2025

एक ऐसे अमर स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने देश को आजाद करने की कसम तो खाई ही, खुद भी आजाद ही रहे, अंतिम समय तक। लेकिन, यह...

ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)
इतिहास

इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

18 July 2025

इज़रायल ने हाल ही में सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हवाई हमले किए और इनमें सीरियाई रक्षा मंत्रालय व राष्ट्रपति भवन के आसपास के क्षेत्र...

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

PM Modi’s Blueprint for Tamil Nadu Begins at Rajendra Chola’s Capital Gangaikonda Cholapuram

PM Modi’s Blueprint for Tamil Nadu Begins at Rajendra Chola’s Capital Gangaikonda Cholapuram

00:07:57

One Woman. Two Brothers. Jodidaran- A Living Example of Polyandry in Himachal's Hatti Tribe.

00:05:32

Lashkar-e-Taiba on the Run from Muridke: Is Bahawalpur Becoming Pakistan’s New Terror Capital?

00:07:26

Britain’s Million-Dollar Bird Finally Takes Off!

00:06:43

Maharashtra targets crypto christians. fake dalit quota scam exposed.

00:04:16
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited