डिमेंशिया एक बीमारी है। उस बीमारी में व्यक्ति झल्ला जाता है, शब्द टूटकर बाहर आते है, उसे नींद आती है, वो चीजें भूल जाता है और दिमाग काम नहीं करता है। जो बाइडन के संदर्भ में यह कहा जाता है कि वह इस बीमारी से पीड़ित हैं। बहुत बार डोनाल्ड ट्रंप ने अल्जाइमर जैसी गम्भीर बीमारी बताते हुए बाइडन को कटघरे में खड़ा किया था। ट्रम्प ने नियमित रूप से बाइडन के कभी-कभी रुकने वाले भाषण का हवाला देते हुए, 2020 में अपने चुनाव अभियान के दौरान बाइडन पर बूढ़ा होने का आरोप लगाया था और यह निष्कर्ष उनके लंबे समय से प्रलेखित हकलाने की स्थिति के वजह से आया था। अब बाइडन की सोने वाली आदत उनके आलोचकों को अवसर मिल गया है। एक तरफ जहां सीओपी26 के मंच से भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण की प्रशंसा विश्व भर में हो रही है, वहीं दूसरी ओर जो बाइडन POTUS की आलोचना हो रही है।
सीओपी26
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर ट्विटर उपयोगकर्ताओं द्वारा स्कॉटलैंड के ग्लासगो में सीओपी26 जलवायु शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान सोने का आरोप लगाया गया है।
जिस समय सम्मेलन में वक्ता ने यह कहा कि इस सम्मेलन के लिए एकत्र हुए विश्व नेताओं के पास “निर्णय लेने और आने वाली पीढ़ियों के जीवन को प्रभावित करने वाले समझौतों तक पहुंचने की शक्ति है”, उसी दौरान एक वीडियो क्लिप के अनुसार, बाइडन लगभग 20 सेकंड के लिए अपनी आँखें बंद करते दिखाई दिए और उस वीडियो को वाशिंगटन पोस्ट के एक रिपोर्टर द्वारा साझा किया गया।
खुद को जगाने से पहले बाइडन की आंखें कुछ सेकंड के लिए बंद हो गईं थी और कुछ सेकंड बाद उन्होंने दूसरी बार फिर से आंख बंद कर ली। इसके बाद एक सहायक बाइडन के पास पहुंचा और उनसे कानाफूसी करने लगा।
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भारतीय प्रधानमंत्री के भाषण से विश्व सहमत दिखा
ब्रिटेन के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र सीओपी26 में ‘राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के लिए उच्च स्तरीय खंड’ में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए बहुत मेहनत कर रहा है और विश्व को परिस्थितियों को देखते हुए इसे प्रोत्साहित करना चाहिए।
पर्यावरण के लिए जीवन शैली का पीएम मोदी का मंत्र भारतीय संस्कृति है जिसे प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी जी की शिक्षाओं और प्रकृति के साथ शांतिपूर्ण अस्तित्व सुनिश्चित करने के इरादे से प्रेरित बताया है।
यह पीएम मोदी द्वारा उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है, जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने की भारत की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। एक विकासशील देश होने के बावजूद, भारत पृथ्वी की सुरक्षा के लिए ततपर दिख रहा है।
पीएम मोदी ने साझा किया कि भारत, जिसमें दुनिया की आबादी का लगभग 17% है, वो कुल उत्सर्जन के लगभग 5% के लिए ही जिम्मेदार है। पीएम मोदी ने घोषणा की कि भारत 2030 तक कुल अनुमानित उत्सर्जन में से 1 बिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को कम कर देगा और भारत अपनी अर्थव्यवस्था में कार्बन की तीव्रता में भी 45% की कमी करेगा।
बाइडन, जो 78 वर्ष के हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं और उनके विरोधियों विशेषकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके समर्थकों ने कार्यालय के लिए उनके स्वास्थ्य और मानसिक फिटनेस के बारे में हमेशा से शक जताया है। खैर, सीओपी26 जैसे मंच पर उनका इस तरह सो जाना निंदनीय है। यह अमेरिका का पर्यावरण के प्रति विचार दर्शाता है। एक तरफ भारत जैसे राष्ट्र जो कि विकासशील है, वो पर्यावरण की परवाह कर रहे है और दूसरी ओर जो बाइडन सोकर विश्व को अपनी नजर से निराशाओं में धकेल रहे हैं।

























