CBSE देश का सबसे बड़ा शिक्षा संस्थान है, जो आज- कल अपने नकारात्मक विचारों और अनुचित कृत्यों के लिए खबरों में बना हुआ है। हाल ही में, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं कक्षा के अंग्रेजी के प्रश्न पत्र को लेकर भारी आलोचना हो रही है, जो ‘लिंग रूढ़िवादिता’ को बढ़ावा देता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बवाल मचने के बाद बोर्ड ने इस मामले को विशेषज्ञों के पास भेज दिया है। दरअसल, बीते रविवार को, CBSE कक्षा 10 के अंग्रेजी प्रश्न पत्र में एक छपे अंश (Passage) ने विवाद को जन्म दिया, जिसके कारण महिलाओं को अनुचित और नकारात्मक दिखाने और महिलाओं की स्वतंत्रता के अधिकार पर सवाल उठाने की तस्वीरें ट्विटर पर वायरल हो गईं।
CBSE ने महिलाओं पर की अनुचित टिप्पणी
बता दें कि शनिवार को आयोजित CBSE कक्षा 10 की अंग्रेजी परीक्षा के प्रश्न पत्र में “महिलाओं की मुक्ति ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को नष्ट कर दिया” और “अपने पति के तरीके को स्वीकार करके ही एक माँ छोटों पर आज्ञाकारिता प्राप्त कर सकती थी” जैसे कथन अंश में उल्लेखित थे।
आगे उस अंश में लिखा था कि “पत्नियों ने अपने पतियों की आज्ञा का पालन करना बंद कर दिया और यही मुख्य कारण है कि बच्चे और नौकर आज अनुसाशनहीन होते हैं। स्वतंत्रता प्राप्त करना महिलाओं की सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं की एक विस्तृत विविधता का मुख्य कारण है। आदमी को उसके आसन से नीचे लाने में पत्नी और माँ ने खुद को, वास्तव में अनुशासन के साधनों से वंचित कर दिया।” वहीं, महिअलों के लिए इस तरह की नकारात्मक टिपण्णी वाले प्रश्नपत्र को लेकर दुसरे शिक्षकों के साथ छात्रों के माता-पिता और राजनेताओं ने शिक्षा प्रणाली में प्रतिगामी और अराजक विचारों को जोड़ने के लिए CBSE को फटकार लगाई है।
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विवादों के पैरों तले दबती शिक्षा व्यवस्था
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद से ट्विटर पर #CBSEinsultswomen ट्रेंड कर रहा है। इस मुद्दे को लेकर मामला इतना बढ़ गया कि इस अनुचित प्रश्नपत्र को लेकर संसद में सोनिया गांधी ने CBSE को फटकार लगते हुए प्रश्नपत्र को हटाने की मांग की थी। बताते चलें कि एक और मामले में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 12 की एकाउंटेंसी परीक्षा में छात्रों को ‘6 Grace Marks’ दावा करने वाली एक नकली रिपोर्ट को लेकर स्पष्ट बयान दिया है जिसमें बोर्ड ने कहा है कि, “नकली समाचार रिपोर्ट कथित रूप से परीक्षा के नियंत्रक के नाम पर एक ऑडियो वायरल हुआ है,जिसमें CBSE को क्लास 12 एकाउंटेंसी की परीक्षा में यह दावा किया जा रहा है, 13 दिसंबर को आयोजित एकाउंटेंसी 1 पेपर में “6 grace marks तक” दिया जाएगा जिसका CBSE ने खंडन किया है।”
आपको यह बता दें कि CBSE ने अब मामले को तूल पकड़ता देख अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि “बीते कल CBSE कक्षा 10 की पहली अवधि की परीक्षा के एक सेट में प्रश्न पारित होने से कुछ माता-पिता और छात्रों से मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिली हैं कि ‘ऐसा लगता है कि’ यह परिवार पर प्रतिकूल विचारों का समर्थन करता है और कथित रूप से लिंग स्टीरियोटाइपिंग को बढ़ावा देता है ,इसलिए इस मामले के विषय विशेषज्ञों के पक्ष को जानकार इस पर उचित कार्यवाही की जाएगी।” बहरहाल, CBSE जैसे शिक्षण संस्थान अगर ऐसे कथित विवादों को जन्म देते रहेंगे तो शिक्षा पद्धति का नाश होना तय है।