पकिस्तान दुनिया का एक ऐसा देश है, जिसके मूल में ही ‘आतंक’ है। आतंक परस्त पाकिस्तान विश्व पटल पर अपने कारनामों के कारण हमेशा से बदनाम रहा है। मौजूदा समय में पाकिस्तान की हालत डांवाडोल है। देश की अर्थव्यवस्था गर्त में समा चुकी है, महंगाई चरम पर है और जल्द ही इस देश में भूखमरी भी देखने को मिल सकती है। पाकिस्तान की मुश्किलें समाप्त होने का नाम नहीं ले रहीं है और उसकी हालत ‘गरीबी में आटा गीला’ जैसी हो चुकी है। बलूचिस्तान प्रांत के लोग पाकिस्तान से आज़ादी की बात दशकों से कर रहे हैं। इसी बीच खबर है कि पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत (Balochistan province) में एक बार फिर सशस्त्र हमलावरों ने सेना की चौकियों पर हमला किया है।
हमलावरों ने नौशकी और पंजगुर इलाके में बुधवार देर रात दो सुरक्षा चौकियों को निशाना बनाते हुए हमला कर दिया, जिसमें 1 पाकिस्तानी सैनिक और 4 हमलावरों के मौत की बात कही जा रही है। पाकिस्तान की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस हमले में सिर्फ एक पाकिस्तानी सैनिक की मौत हुई है, जबकि अलगाववादी विद्रोहियों ने दावा किया है कि इन हमलों में पाकिस्तान के कम से कम 45 सैनिकों की मौत हुई है। हालांकि, इसे लेकर पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। ध्यान देने वाली बात है कि जिन जगहों पर हमला हुआ है, वहां चीन भारी निवेश कर रहा है।
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बलूचिस्तान नेशनलिस्ट आर्मी ने ली जिम्मेदारी
इस हमले के बाद नवगठित अलगाववादी बलूचिस्तान नेशनलिस्ट आर्मी ने ट्विटर पर एक पोस्ट में बुधवार को हुए हमलों की जिम्मेदारी ली। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा, “आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाते हुए” हमलों को “सफलतापूर्वक” विफल कर दिया गया। बयान के अनुसार, पंजगुर जिले में पहले दो हमलों के दौरान गोलीबारी में एक पाकिस्तानी सैनिक की मौत हो गई। कुछ घंटे बाद, हमलावरों ने उत्तर में नौशकी जिले में एक सुरक्षा शिविर में घुसने की कोशिश की, लेकिन सैनिकों ने इस प्रयास को विफल कर दिया और चार हमलावरों को मार गिराया। सेना ने कहा कि हमले में एक सैनिक भी घायल हो गया।
गौरतलब है कि बलूचिस्तान नेशनलिस्ट आर्मी की स्थापना पिछले महीने हुई थी, जब दो छोटे अलगाववादी समूहों- बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी और यूनाइटेड बलूच आर्मी का विलय हो गया और इस ग्रुप ने पाकिस्तान पर हमलों को जारी रखने की कसम खाई। आपको बता दें कि हाल में हुई हिंसा बलूचिस्तान प्रांत के केच शहर में एक सुरक्षा चौकी पर हमले में सशस्त्र लड़ाकों द्वारा 10 सैनिकों के मारे जाने के एक हफ्ते बाद हुई है, जो लंबे समय से सशस्त्र विद्रोह का स्थल रहा है।
विद्रोह दबाने का दावा कर रहे हैं पाक अधिकारी
बताते चलें कि बलोच काफी लंबे समय से पाकिस्तान से अपनी आजादी की मांग कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में उन्होंने पाकिस्तान में अपने हमलों को बढ़ाया है। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने सशस्त्र विद्रोह को दबा दिया है, पर बलूचिस्तान में हिंसा जारी है। सेना के मीडिया विंग ने कहा कि सशस्त्र हमलावरों ने पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा बलों के दो शिविरों पर हमला किया, जिसमें भारी गोलीबारी हुई। ध्यान देने वाली बात है कि इससे पहले दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के जाफराबाद जिले में दो दिन पहले हुए एक ग्रेनेड हमले में दो पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 17 लोग घायल हो गए थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने रविवार की रात जाफराबाद जिले के डेरा अल्लाहयार शहर में भीड़ वाले एक बाजार में एक ग्रेनेड फेंका था।
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