महाराष्ट्र कट्टरपंथी मुसलमानों और इस्लामिक विचारधारा से प्रभावित लोगों के लिए नया केंद्र बनता जा रहा है। एक समय था जब उत्तर प्रदेश को इस्लामिक कट्टरपंथ का गढ़ माना जाता था किंतु योगी आदित्यनाथ के शासन में इस्लामिक कट्टरपंथियों की कमर तोड़ दी गई। ऐसी ही कार्रवाई है मध्य प्रदेश असम आदि जगह देखने को मिली है। वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में उद्धव सरकार दाऊद इब्राहिम के सहयोगीयों को वक़्फ़ बोर्ड का कार्य सौंप रही है।
दाऊद इब्राहिम से संबंधित लोगों को नियुक्त करने का है आरोप
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को महा विकास अघाड़ी सरकार पर राज्य के वक्फ बोर्ड में भगोड़े गैंगस्टरों और आतंकवादी दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने वाले लोगों को नियुक्त करने का आरोप लगाया। विधानसभा में बोलते हुए, फडणवीस ने कहा था कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को एक पेन ड्राइव दी है जिसमें वक्फ बोर्ड के सदस्यों मोहम्मद अरशद खान और डॉ. मुदस्सिर लांबे के बीच हुई बातचीत मौजूद है।
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फडणवीस ने विधानसभा को बताया कि इस बातचीत में लांबे ने दावा किया कि उसके ससुर दाऊद इब्राहिम के सहयोगी थे, जबकि खान ने कहा कि उसके चाचा अंडरवर्ल्ड का हिस्सा थे। फड़नीस ने आरोप लगाया कि मुदस्सिर लांबे पर रेप के आरोप हैं किंतु उसे जेल में नहीं डाला गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बातचीत में लांबे ने कहा “. “क्या आप जानते हैं कि मेरी समस्या क्या है? मेरे ससुर दाऊद इब्राहिम के दाहिने हाथ थे और मेरा रिश्ता हसीना अप्पा ने तय किया था। मेरी तरफ से सोहेल भाई और उधर से हसीना अप्पा। हसीना अप्पा यानी दाऊद की बहन,” इस बात के जवाब में अरशद खान ने बताया कि उसके चाचा भी दाऊद इब्राहिम के लिए काम करते थे। इसके बाद जब बातचीत आगे बढ़ी तो लांबे ने खान से कहा कि अब हम लोग सरकार में हैं और हमारे पास शक्ति है इसलिए अब हम पैसे कमा सकते हैं।
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ऑडियो में लांबे ने क्या कहा है?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऑडियो में लांबे यह कहते सुना जा सकता है “अरशद मैं तुमसे कहता हूं… तुम वक्फ में काम शुरू करो… अब हमारे पास ताकत है. अब आप पैसा कमा सकते हैं। तुम काम शुरू करो। मैं काम की सेटिंग करूंगा। हमारा 50:50 शेयर हो सकता है।”
ऐसे गंभीर आरोपों की जांच करने के बजाए महाराष्ट्र सरकार विपक्ष पर ही आरोप लगाकर मामले से पल्ला झाड़ रही है। एक समय था जब बाल ठाकरे और शिवसेना के प्रभाव में महाराष्ट्र को राष्ट्रवाद की नर्सरी माना जाता था। मुंबई में साहस के साथ दाऊद इब्राहिम और अंडरवर्ल्ड को मुंबई की सीमाओं के बाहर धकेला था, किंतु आज यह शक्तियां पुनः अपना प्रभाव बढ़ा रही हैं। उद्धव ठाकरे का शासन न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनने जा रहा है।
एक ओर महाराष्ट्र इस्लामिक कट्टरपंथी की नर्सरी बनता जा रहा है वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाई हो रही है। उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने सोमवार को इनामुल हक उर्फ इनाम इम्तियाज को उत्तर प्रदेश के देवबंद से गिरफ्तार किया। उसे यूपी एटीएस की सहारनपुर यूनिट ने गिरफ्तार किया था।
मध्यप्रदेश में भी हुई है बड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मध्य प्रदेश सरकार ने भी आतंकियों के मॉड्यूल के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है। मध्य प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने रविवार, 13 मार्च को राज्य की राजधानी भोपाल से कई आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी खुफिया एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे व्यापक अभियान के तहत की गई। पुलिस इनके प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी से भी संबंध की जांच कर रही है।
जिस प्रकार कुछ राज्य सरकारें वोट बैंक की राजनीति के लिए आतंकी तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई करने से बचती हैं उनका यह व्यवहार उचित नहीं है। केंद्र सरकार देश की सुरक्षा के लिए राज्यों पर निर्भर नहीं रह सकती। इसलिए वर्तमान संवैधानिक ढांचे में बदलाव कर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र को और अधिक शक्तियां दी जानी चाहिए। राज्यों की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए नए नियम बनाए जाने चाहिए। अन्यथा हम भारत के एक राज्य में आतंकी नेटवर्क तोड़ेंगे तो दूसरे राज्य में उतने ही समय में नया नेटवर्क तैयार हो जाएगा।