शासन शक्ति और सख्ती से चलता है, शासन के इसी शक्ति और सख्ती का प्रतीक बन चुका है बुलडोजर। पहले, दंगाई दंगा करते थे, अराजकता फैलाते थे, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते थे और कानूनी जटिलताओं का फायदा उठाकर बच निकते थे। इससे उनका मनोबल बढ़ता जाता था और आम आदमी सहता जाता था। दैनिक जीवन में बाधा पड़ती थी, व्यवसायियों की दुकाने फूंक दी जाती थीं और आरोपी खुलेआम घूमते रहते थे।
किरेन रिजिजू राजनीति का ककहरा सिखाया
इस लेख में आप जानेंगे कि कैसे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दो अबोध ब्रिटिश सांसदों को ना सिर्फ पुचकारा बल्कि उन्हें राजनीति का ककहरा भी सिखाया। दरअसल, योगी सरकार ने दंगाइयों, असामाजिक तत्वों, अपराधियों और माफियाओं की अक्ल ठिकाने लगा दी। ऐसा कुकृत्य करने वाले सभी असामाजिक तत्वों और दंगाइयों के गुनाहों का फैसला ऑन द स्पॉट किया जाने लगा और इसका माध्यम बना है बुलडोजर।
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इससे ना सिर्फ दंगाइयों के निजी संपत्ति का नुकसान हुआ अपितु उनके घर और परिवार की भी बदनामी हुई। योगी सरकार ने तो गली मोहल्ले और चौक चौराहे पर उनके फोटो और नाम सहित कुकृत्य की पूरी विस्तृत लेख चस्पा कर दिए। धीरे धीरे प्रशासन का यह मॉडल गुजरात, असम, मध्य प्रदेश और बाकी अन्य बीजेपी शासित राज्यों में फैल गया।
बुलडोजर की प्रसिद्धि तब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान अहमदाबाद में स्थित जेसीबी प्लांट का दौरा किया और बुलडोजर चलाते वक्त की उनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। पर उल्टे दिमाग के लोग हमेशा उल्टा ही सोचते हैं और प्रोपेगेंडा युक्त बातें ही प्रसारित करते हैं। एक ओर जहां भाजपा ने बुलडोजर को दुर्जनों के दलन और सज्जनों के रक्षण का प्रतीक बनाया तो वहीं टुकड़े टुकड़े गैंग ने इसे अल्पसंख्यक समुदाय पर होने वाले सांप्रदायिक कार्रवाई का रंग दे दिया।
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प्रोपगेंडा से प्रभावित हो ब्रिटिश सांसद नादिया व्हिटोम ने किया ट्वीट
इसी प्रोपगेंडा से प्रभावित हो ब्रिटिश सांसद नादिया व्हिटोम ने एक वीडियो को रीट्वीट किया जिसमें गुजरात के जेसीबी कारखाने में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की यात्रा और कैमरों के लिए पोज़ देने पर सवाल उठाया था। व्हिटोम के अलावा ब्रिटिश सांसद जराह सुल्ताना ने पूछा- “क्या जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया था।“ उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या यूके पीएम की जेसीबी यात्रा ने मोदी सरकार के बुलडोजर मॉडल को वैध बनाने में मदद की।
व्हिटोम ने ट्वीट किया था: “भाजपा (मोदी की गवर्निंग पार्टी) मुसलमानों के घरों और दुकानों को बुलडोज़ करने के लिए जेसीबी खोदने वालों का इस्तेमाल कर रही है। बोरिस जॉनसन ने अपनी हाल की भारत यात्रा पर जेसीबी के साथ पोज़ दिया, लेकिन उनके मंत्री यह नहीं कहेंगे कि क्या उन्होंने मोदी के साथ इन विध्वंसों का मुद्दा भी उठाया था।”
इसपर जवाब देते हुए रिजिजू ने भारत और उसके नागरिकों की नकारात्मक छवि को चित्रित करने के लिए ना सिर्फ “टुकड़े-टुकड़े गिरोह” को दोषी ठहराया बल्कि उनके इस प्रोपगेंडा जाल में फंसने पर तंज़ भी कसा।
रिजिजू ने ट्वीट किया- “मैं उन युवा ब्रिटिश सांसद को दोष नहीं देता जो वास्तविकता से अनजान हो भारतीयों की नकारात्मक छवि पेश करते हैं। यह टुकड़े-टुकड़े गिरोह द्वारा शुरू किए गए नकारात्मक अभियानों का परिणाम है, जिसका एकमात्र उद्देश्य @narendramodi सरकार की विशाल उपलब्धियों को बदनाम करना है। भारत कानून के शासन में विश्वास करता है।”
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दिल्ली के जहांगीरपुरी और मध्य प्रदेश के खरगोन में विध्वंस अभियान पर दो ब्रिटिश सांसदों द्वारा आवाज उठाई गई मानवाधिकार संबंधी चिंताएं गलत हैं। विदेश मंत्री जयशंकर भी अमेरिका सहित पश्चिमी देशों को मानवाधिकार के मुद्दे पर आईना दिखा चुके हैं। इन दोनों ब्रिटिश सांसदों को समझना चाहिए की भारत एक संप्रभु देश है जहां कानून का शासन है। यह कोई ब्रिटेन का उपनिवेश नहीं रहा ना ही यहां कोई कमजोर सरकार है जो उपद्रवी उपद्रव मचाते रहेंगे और भारत इन मानवाधिकार के ठेकेदारों से डरकर कार्रवाई नहीं करेगा।